भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शेयरधारकों को सचेत करते हुए कहा है कि शेयर बाजार की हालत असल अर्थव्यवस्था के मुताबिक नहीं दिख रही है, इसलिए इसमें आगे गिरावट हो सकती है.
गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से जब देश-दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं पस्त हैं. इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 20 फीसदी तक की गिरावट की आशंका जाहिर की जा रही है, ऐसे में शेयर बाजार लगातार बढ़त में दिख रहा है. इसकी वजह से पहले भी कई जानकार यह चेतावनी दे चुके हैं कि शेयर बाजार का असल अर्थव्यवस्था से कोई लिंक नहीं दिख रहा है. लेकिन रिजर्व बैंक के गवर्नर का बयान काफी मायने रखता है.
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क्या कहा शक्तिकांत दास ने
बिजनेस चैनल सीएनबीएसी-आवाज को दिये इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिहाज से सिस्टम में काफी नकदी है. इसीलिए शेयर बाजार में तेजी दिख रही है. लेकिन यह असल अर्थव्यवस्था से वास्तव में अलग-थलग ही है. निश्चित रूप से इसमें गिरावट आएगी, लेकिन यह गिरावट कब होगी अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.'
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इस साल अप्रैल से अब तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में क्रमश: 35.2 फीसदी और 37.1 फीसदी की बढ़त हुई है.
रिजर्व बैंक के पास है गुंजाइश
इस महीने रिजर्व बैंकी मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक हुई थी. लेकिन एमपीसी ने महंगाई की बढ़त को देखते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया. गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बात पर जोर दिया कि रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त नीतिगत गुंजाइश है और जब भी जरूरत होगी, वह इसका इस्तेमाल करेगा.
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इस साल फरवरी से अब तक रिजर्व बैंक रेपो रेट में 1.15 फीसदी तक की कटौती कर चुका है. शक्तिकांत दास ने कहा, 'हमारे पास पर्यात नीतिगत गुंजाइश है. हम अपने सारे हथियार को खाली नहीं कर सकते और हमें भविष्य में तार्किक तरीके से इसका इस्तेमाल करना होगा.'