फेस्टिव सीजन के आगाज के साथ ही महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए बड़ी राहत की खबर आई है. अगस्त के मुकाबले सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर में भारी गिरावट दर्ज की गई है. सितंबर में खुदरा महंगाई दर गिरकर 4.45 फीसदी पर आ गई है. जबकि अगस्त में यह 5.3 फीसदी थी. अप्रैल-2021 के बाद सबसे कम खुदरा महंगाई दर सितंबर में आई है.
आम आदमी के लिए राहत की खबर
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खाने-पीने की चीजें सस्ती होने से खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई है. आंकड़ों के मुताबिक खाद्य महंगाई (Food Inflation) दर सितंबर में घटकर 0.68 फीसदी रह गई. जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 3.11 फीसद था. नेशनल स्टैटिकल ऑफिस (NSO) की तरफ ने 12 अक्टूबर को सितंबर के लिए खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए हैं.
RBI के दायरे में खुदरा महंगाई दर
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी ताजा मौद्रिक नीति समीक्षा में मौजूदा कारोबारी साल के लिए अपना मुद्रास्फीति अनुमान 5.3 फीसदी कर दिया है. पहले यह 5.7 फीसद था. इस बार महंगाई दर RBI के टारगेट के दायरे में ही है. इससे रिजर्व बैंक को बड़ी राहत मिली होगी.
मॉनिटरी पॉलिसी की समीक्षा के दौरान RBI का फोकस महंगाई को कम करने पर था. इसलिए पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया. रेपो रेट पहले की तरह 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बना हुआ है. RBI ने दिसंबर 2020 से ही महंगाई दर के लिए 4% (+2% या -2%) का टारगेट तय किया है.
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में भी सुधार
इसके अलावा IIP (Index of Industrial Production) अगस्त में 11.9 फीसद हो गया. यह जुलाई में 11.5 फीसद था. इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के मोर्चे पर भी थोड़ी अच्छी खबर है. अगस्त में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन बढ़कर 9.7 फीसद रहा. खनन उत्पादन 23.6 फीसद और ऊर्जा उत्पादन में 16 फीसद की बढ़ोतरी हुई. अगस्त 2020 में IIP में 7.1 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया था.