संसद में मोदी सरकार द्वारा पारित कराये गये नए लेबर कोड के विरोध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ (BMS) 28 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने जा रहा है. संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उसकी मांगें नहीं मानी तो देशव्यापी हड़ताल भी किया जा सकता है.
श्रम कानूनों में हुए बदलाव
गौरतलब है कि सरकार ने तीन नए लेबर कोड लाकर दर्जनों श्रम कानूनों में बदलाव कर दिया है. भारतीय मजदूर संघ वैसे आमतौर पर लेबर कोड पारित होने का स्वागत कर रहा है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को लेकर उसका विरोध है. मजदूर संघ इन कोड के कई प्रावधानों को 'श्रमिक विरोधी' मानता है जैसे हड़ताल का अधिकार खत्म करना, नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों में बदलाव आदि.
बीएमएस ने किया ये निर्णय
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महासचिव बिनय कुमार सिन्हा ने बताया, 'हाल में बीएमस के 19वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल तरीके से किया गया है. इसमें यह तय हुआ है कि नए लेबर कोड के श्रमिक विरोधी प्रावधानों के खिलाफ लगातार राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाए. सम्मेलन में एक प्रमुख प्रस्ताव यह पारित हुआ है कि सरकार से यह मांग की जाए कि वह नए लेबर कोड से श्रमिक विरोधी प्रावधानों को तत्काल हटाये.'
चेतावनी सप्ताह का आयोजन
भारतीय मजदूर संघ 10 से 16 अक्टूबर तक 'चेतावनी सप्ताह' का आयोजन करेगा और इसके तहत विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे. इसके बाद संगठन 28 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा.
सिन्हा ने कहा, 'सरकार यदि श्रमिकों की आवाज को सुनने को तैयार नहीं होती तो हम लगातार विरोध प्रदर्शन करेंगे, हड़ताल और अन्य श्रमिक अधिकारों को बचाने के लिए देशभर में हड़ताल भी किया जा सकता है.'