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RSS प्रमुख मोहन भागवत ने  Bitcoin और  OTT में रेगुलेशन की कमी पर उठाए सवाल 

केंद्र सरकार ओटीटी (Over-the-Top) प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और डिजिटल कॉन्टेंट प्रोवाइडर्स को रेगुलेट करने की कोश‍िश में लगी है. दूसरी तरफ बिटकॉइन (Bitcoins) जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार अभी कोई नियम नहीं बना पाई है.

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RSS के प्रमुख मोहन भागवत (फोटो: @RSSorg)
RSS के प्रमुख मोहन भागवत (फोटो: @RSSorg)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • विजयादशमी समारोह में बोले मोहन भागवत
  • ओटीटी और क्रिप्टोकरेंसी पर की बात

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने देश में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण के मामले में नीतियों की स्पष्टता न होने पर सवाल उठाए हैं. 

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शुक्रवार को नागपुर में आरएसएस के मुख्यालय पर आयोजित विजयादशमी समारोह को संबोध‍ित करते हुए मोहन भागवत ने यह बात कही. मोहन भागवत ने कहा, 'कोरोना महामारी आने के बाद लगभग हर बच्चे के पास एक मोबाइल फोन है और वे इस पर क्या देखते हैं, इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है.' उन्होंने कहा कि ओटीटी पर जो कुछ आता है, उस पर भी कोई कंट्रोल नहीं है. 

क्या कहा मोहन भागवत ने 

बिटकॉइन (Bitcoin) पर मोहन भागवत ने कहा किइसके बारे में तो कुछ भी साफ नहीं है कि इस पर किस देश का या किस संस्था का नियंत्रण है.  उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इन मामलों पर गौर करना चाहिए, इसी में समाज का भला है. 

गौरतलब है कि हाल में आई  BrokerChooser की एक रिपोर्ट केअनुसार भारत में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) रखने वाले लोगों की संख्या 10 करोड़ के पार हो गई है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. दूसरे स्थान पर अमेरिका है लेकिन वहां अभी महज 2.8 करोड़ लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी हैं.

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केंद्र सरकार ओटीटी (Over-the-Top) प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और डिजिटल कॉन्टेंट प्रोवाइडर्स को रेगुलेट करने की कोश‍िश में लगी है. दूसरी तरफ बिटकॉइन (Bitcoins) जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार अभी कोई नियम नहीं बना पाई है. रिजर्व बैंक ने पहले बिटकॉइन को बैन किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस बैन को खारिज कर दिया और सरकार से इस पर नीति बनाने को कहा है.

अरबों का कारोबार 

ओटीटी प्लेटफॉर्म का भारत में अरबों रुपये का स्ट्रीमिंग कारोबार है. PwC  की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 तक भारत का OTT बाजार करीब 22 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. भारत में 40 से ज्यादाOTT ऐप हैं.

इस साल 25 फरवरी को केंद्र सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी IT मंत्रालय ने एक 'इंटरमीडियरीज और डिजिटल मीडिया एथ‍िक्स कोर्ड के लिए गाइडलाइन' जारी किए थे. इसमें बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां द्वारा ज्यादा प्रभावी श‍िकायत समाधान तंत्र बनाने और उन पर ज्यादा नियामक नियंत्रण की भी बात कही गई थी. 

(www.businesstoday.in/ के इनपुट पर आधारित) 

 

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