scorecardresearch
 

Russia-Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने 3 महीने पहले भारत से किए थे ये समझौते, अब बना सहारा!

अभी रूस के बाजार में मास्टरकार्ड और वीजा का दबदबा है. इन दोनों कंपनियों के बाहर निकलने से हजारों क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड बेकार हो जाएंगे. इससे रूस के लोगों को पेमेंट करने में दिक्कतें होंगी. ऐसे में यूपीआई और रूपे से रूस की मदद हो सकती है.

Advertisement
X
दिसंबर में हुए अहम समझौते (Photo: PTI)
दिसंबर में हुए अहम समझौते (Photo: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूस छोड़कर जा चुकी हैं 100 से ज्यादा कंपनियां
  • चीन के पेमेंट सिस्टम को अपना रहे रूसी बैंक

यूक्रेन (Ukraine) पर हमले के बाद रूस (Russia) को अमेरिका (US) समेत पश्चिमी देशों के कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है. कई बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां बीते दिनों में रूसी मार्केट से एक्जिट करने का ऐलान कर चुकी हैं. रूसी बैंकों को ग्लोबल पेमेंट सिस्टम स्विफ्ट (SWIFT) से भी बाहर किया जा रहा है.

Advertisement

रूसी मार्केट से बाहर निकलने वाली कंपनियों में वीजा (Visa) और मास्टरकार्ड (MasterCard) भी शामिल हैं, जिनके निकलने से रूस के आम लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. कई खबरों में बताया जा रहा है कि इसके विकल्प के तौर पर रूसी बैंक चीन के पेमेंट सिस्टम (Chinese Payment System) को अपना रहे हैं. हालांकि अभी से तीन महीने पहले जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) जब भारत आए थे, तो उस दौरान हुए कुछ अहम समझौते अभी रूस के लिए बड़े काम के साबित हो सकते हैं.

2 दिन में बंद हो जाएंगे वीजा-मास्टरकार्ड के सारे कार्ड

रॉयटर्स की एक खबर के अनुसार, वीजा और मास्टरकार्ड पेमेंट सिस्टम पर रूसी बैंकों ने जो कार्ड इश्यू किए हैं, वे 9 मार्च के बाद रूस के बाहर काम करना बंद कर देंगे. खबर में रूसी सेंट्रल बैंक (Russian Central Bank)  के हवाले से बताया गया है कि ये कार्ड एक्सपाइरी तक रूस के अंदर काम करते रहेंगे. हालांकि ये कार्ड विदेशी कंपनियों के स्टोर या ऑनलाइन शॉपिंग में काम नहीं करेंगे. कई जगहों पर ये कार्ड पहले ही बंद हो चुके हैं. इससे आम रूसी लोगों को रोजाना की जरूरतें पूरी करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Advertisement

चीन के पेमेंट सिस्टम यूनियनपे को अपना रहे कई बैंक

रूसी सेंट्रल बैंक के अनुसार, रूस के कई बैंक चीन के यूनियनपे (UnionPay) सिस्टम को अपनाने जा रहे हैं. रविवार को जारी बयान में कहा गया कि रूस के कई बैंक यूनियनपे को अपनाने पर विचार कर रहे हैं. चीन का यह पेमेंट सिस्टम पहले से ही करीब 180 देशों में काम कर रहा है. रूस के भी कुछ बैंक इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. अब Sberbank और Tinkoff जैसे बड़े बैंक भी यूनियनपे के साथ मिलकर कार्ड इश्यू करने पर विचार कर रहे हैं. ये कार्ड रूस के अपने पेमेंट सिस्टम Mir से भी सपोर्टेड होंगे.

दिसंबर में रूपे और यूपीआई को लेकर ये समझौता

रूस को संकट की इस घड़ी में भारत के डिजिटल पेमेंट इंटरफेस यूपीआई (UPI) और घरेलू पेमेंट सिस्टम रूपे (RuPay) से काफी मदद मिल सकती है. जब पुतिन दिसंबर 2021 में भारत दौरे पर आए थे, तब इस बारे में अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे. विदेश मंत्रालय के तत्कालीन बयान के अनुसार, 21वें इंडिया-रशिया एनुअल समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच कई बातों पर सहमति बनी. इस दौरान दोनों पक्षों ने नेशनल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर में रूपे और मीर कार्ड को एक्सेप्ट करने को लेकर बातचीत जारी रखने पर सहमति व्यक्त की थी. इसी तरह यूपीआई और बैंक ऑफ रशिया के फास्टर पेमेंट सिस्टम के इंटेरेक्शन को लेकर भी सहमति बनी थी.

Advertisement

भारत में है रूपे और यूपीआई का इस कदर दबदबा

यूपीआई पूरी तरह से स्वदेशी डिजिटल पेमेंट इंटरफेस है. यह इतना सिंपल और सिक्योर है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) भी इसकी तारीफ कर चुका है. गूगल ने भी अमेरिका में यूपीआई को अमल में लाने या उसके जैसी कोई टेक्नोलॉजी डेवलप करने की मांग की थी. अभी यूपीआई का इस्तेमाल भारत के बाहर भी होने लगा है. पड़ोसी देश नेपाल ने हाल ही में यूपीआई को अपनाया है. भारत में गूगल पे (Google Pay), अमेजन पे (Amazon Pay), पेटीएम (Paytm) , भीम (BHIM UPI), भारतपे (BharatPe), फोनपे (PhonePe) जैसे सारे डिजिटल पेमेंट ऐप यूपीआई इंटरफेस पर ही बेस्ड हैं. इसी तरह देसी कार्ड नेटवर्क रूपे भी पिछले कुछ साल में तेजी से बढ़ा है. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में ही भारतीय कार्ड बाजार में रूपे की हिस्सेदारी 60 फीसदी से ज्यादा हो चुकी थी, जबकि 2017 में यह हिस्सेदारी महज 15 फीसदी थी. कार्ड नेटवर्क में वीजा और मास्टरकार्ड जैसे दिग्गजों की भारतीय बाजार में संयुक्त हिस्सेदारी 40 फीसदी से नीचे आ चुकी है. हालांकि पेमेंट और ट्रांजैक्शन के लिहाज से अभी भी वीजा और मास्टरकार्ड रूपे की तुलना में आगे हैं.

 

Advertisement
Advertisement