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Russia-Ukraine War के बीच रूस में बढ़ी कंडोम की बिक्री, कारण जानकर हैरान रह जाएंगे

Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कई पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है. ऐसे में देश में कई चीजों के दाम में तेजी आई है. इसी बीच देश में कंडोम की सेल काफी अधिक बढ़ गई है.

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रूस में कंडोम की बिक्री में आया है भारी उछाल
रूस में कंडोम की बिक्री में आया है भारी उछाल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कंडोम की बिक्री 170% तक बढ़ी
  • शॉर्टेज की आशंका से दाम बढ़े

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia-Ukraine War) से दुनियाभर की आर्थिक गतिविधियों पर थोड़ा-बहुत असर देखने को मिला है. लेकिन इसी बीच रूस में कंडोम की बिक्री (Condom Sale) में 170 फीसदी तक का उछाल देखने को मिला है. ब्रिटेन के एक समाचार पत्र की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. आइए जानते हैं कि युद्ध के माहौल के बीच रूस में कंडोम की बिक्री में यह उछाल किस वजह से देखने को मिला.  

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शॉर्टेज की आशंका से चढ़े रेट

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका और कई पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं. इस वजह से रूस में इस बात की आशंका पैदा हो गई है कि पश्चिमी प्रतिबंधों की वजह से देश में कंडोम के दाम काफी अधिक चढ़ सकते हैं और इतना ही नहीं वहां पर कंडोम की शॉर्टेज भी हो सकती है. 

प्रमुख कंपनियों ने जारी रखा है कारोबार

रूस में कंडोम की सेल में यह उछाल ऐसे समय में देखा गया है जब Durex और अन्य ब्रांड नेम से कंडोम बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी Reckitt ने देश में अपना कारोबार जारी रखा है. 

रूस के सबसे बड़े ऑनलाइन रिटेलर Wildberries ने कहा है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल मार्च के पहले दो हफ्तों में कंडोम की बिक्री में 170 फीसदी तक का उछाल देखने को मिला. 

सुपरमार्केट में इतनी बढ़ी सेल

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देश के सबसे बड़े फार्मेसी चेन 36.6 PJSC ने बिक्री में 26 फीसदी की वृ्द्धि की बात कही है. RBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक केमिस्ट द्वारा कंडोम की बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 32 फीसदी की तेजी आई है. वहीं, सुपरमार्केट ने कहा है कि उनकी बिक्री 30 फीसदी तक बढ़ी है. 

50 फीसदी तक बढ़ गए रेट

Prezervativnaya sex shop की सह-मालकिन येसेनिया शामोनिना ने कहा है, "लोग फ्यूचर के लिए खरीद रहे हैं जबकि फैक्ट ये है कि हम कीमत बढ़ाने के लिए बाध्य हैं."

उन्होंने बताया कि अलग-अलग ब्रांड के प्रोडक्ट्स 50 फीसदी तक महंगे हो गए हैं. इसकी वजह ये है कि प्रमुख पश्चिमी मुद्राओं की तुलना में रूबल के कमजोर पड़ने के बाद आउटलेट्स को कीमतों में उछाल को कंज्यूमर्स को पास करना पड़ा है.

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