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Jaguar Kumar Telugu: यूक्रेन से 'कुत्ते-बिल्ली' के साथ लौट रहे भारतीय, जानिए पालतू जानवर लाने के क्या होते हैं नियम

यूक्रेन में भले ही कई दिनों से जंग छिड़ी हुई है और लोग वहां से निकल कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं, कुछ भारतीय इसके बाद भी वहां से निकलने को तैयार नहीं हैं. एक भारतीय तो अपने साथ जगुआर और पैंथर लेकर आना चाहता है. क्या आप जानते हैं, विदेश से अपने साथ पालतू जानवर भारत लेकर आने की क्या प्रक्रिया है और इस बारे में कस्टम के क्या नियम हैं...

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जगुआर लाना चाहता है एक भारतीय (Photo: Faceook/jaguarkumar)
जगुआर लाना चाहता है एक भारतीय (Photo: Faceook/jaguarkumar)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • Pets को साथ लाने के लिए DGFT की मंजूरी जरूरी
  • विलुप्तप्राय जंतुओं को नहीं ला सकते साथ

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia-Ukraine War)  में कई भारतीय विद्यार्थी भी शिकार बन गए. हालांकि भारत सरकार (GOI) ने तत्परता के साथ वहां फंसे लोगों को रेस्क्यू करने का ऑपरेशन 'Operation Ganga' चलाया. यूक्रेन के सुमी शहर में कई दिनों से फंसे 600 भारतीयों को भी वहां से निकाला जा चुका है. बताया जा रहा है जंग के बीच फंसे ज्यादातर भारतीय रेस्क्यू किए जा चुके हैं. इन सबके बीच कुछ भारतीयों के द्वारा अपने पालतू जानवरों (Pets) को साथ लाने की जिद सुर्खियां बटोर रही हैं. कई सारे भारतीय यूक्रेन से अपने कुत्ते और बिल्ली साथ लेकर आए हैं. एक भारतीय छात्र तो अपने साथ जगुआर (Jaguar) और पैंथर (Panther) लाने की जिद पर अड़ा बैठा है. आइए जानते हैं कि विदेश से अपने साथ पालतू जानवर भारत लेकर आने की क्या प्रक्रिया है और इस बारे में कस्टम के क्या नियम हैं...

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जंग के माहौल में Pets को छोड़ने को नहीं तैयार

सबसे पहले बात करते हैं जगुआर कुमार (Jaguar Kumar Ukraine) के नाम से ट्रेंड हो रहे डॉ गिरिकुमार पटेल की. आपने कुत्ते और बिल्ली पालने के बारे में तो सुना होगा, लेकिन यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए डॉ पटेल के पालतू जानवरों में कुत्ते-बिल्ली नहीं बल्कि जगुआर और पैंथर शामिल हैं. एएनआई के अनुसार, यूक्रेन में जंग छिड़ जाने के बाद भी डॉ पटेल बिना अपने पालतू जगुआर और पैंथर को साथ लिए भारत लौटने को तैयार नहीं हैं. गिरिकुमार का कहना है कि वे अपने दोनों पालतू जानवरों को अपने बच्चे की तरह ट्रीट करते हैं, इस कारण वे उन्हें बिना साथ लिए अकेले रेस्क्यू नहीं हो सकते हैं.

डॉक्टरी की पढ़ाई करने गए थे यूक्रेन

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, डॉ पाटिल आंध्र प्रदेश के तानुकु के रहने वाले हैं. गोदावरी जिले के रहने वाले डॉ पाटिल 2007 में डॉक्टरी की पढ़ाई करने यूक्रेन गए थे. उन्होंने 20 महीने पहले ही कीव जू (Kyiv Zoo) से जगुआर को खरीदकर उसे पालना शुरू किया था. जगुआर 20 साल का Male है, जबकि पैंथर 6 महीने की मादा है. डॉ  पाटिल 'Jaguar Kumar Telugu' नाम से YouTube चैनल भी चलाते हैं. वह अभी यूक्रेन के Donbas क्षेत्र के Severodoetsk शहर में रह रहे हैं. इससे पहले वह Luhansk में रहते थे. रूस ने 2 सप्ताह पहले Donbas और Luhansk दोनों को अलग देश की मान्यता दी है, जिसे बाद जंग की शुरुआत हुई है. अभी ये दोनों इलाके रूस के नियंत्रण में हैं.

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पालतू जानवरों को लाने की प्रक्रिया जटिल

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, किसी अन्य देश से भारत में अपने साथ पालतू जानवर लाने के लिए कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी है. हालांकि अभी यूक्रेन के संकट को देखते हुए भारत सरकार ने वहां फंसे लोगों को कई प्रक्रियाओं से छूट दी है, लेकिन यह सिर्फ इसी संकट के लिए है. सबसे पहली शर्त पेट माइक्रोचिप (Pet Microchip) की है. भारत में पालतू जानवर लाने के लिए उसका माइक्रोचिप्ड होना जरूरी है. इसके अलावा भी कई शर्ते हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद ही आप अपने साथ पालतू जानवर लेकर भारत आ सकते हैं.

इन प्रक्रियाओं का पालन भी बेहद जरूरी

  • अगर आप अपने साथ कुत्ता या बिल्ली लेकर आ रहे हैं, तो टेम्पोररी विजिट के मामले में DGFT से लाइसेंस जरूरी है. ऑनरशिप बदलने की स्थिति में पालतू जानवर को 30 दिन के लिए किसी गवर्नमेंट अप्रुव्ड सेंटर में क्वारंटीन के लिए रखना जरूरी है.
  • भारत आने वाले सभी पालतू जानवरों के लिए भारत के किसी एनिमल क्वारंटीन स्टेशन से NOC जरूरी है. NOC के लिए ऑनर, ऑनर का कोई प्रतिनिधि या उनका कोई एजेंट अप्लाई कर सकता है.
  • भारत आने के लिए कुत्ते-बिल्लियों का वैक्सीनेटेड होना जरूरी है. यहां आने से कम से कम 31 दिन पहले उनका रेबीज वैक्सीनेशन होना चाहिए. कुत्तों के मामले में डिस्टेम्पर, लीशमैनियासिस, पार्वोवायरस और लेप्टोसपायरोसिस के टीके भी जरूरी हैं. बिल्लियों के लिए फेलाइन इंटेराइटिस और फेलाइन पैन ल्यूकोपेनिया समेत FVRCP के टीके कम्पलसरी हैं.
  • अगर आप अमेरिका या कनाडा से पालतू जानवर ला रहे हैं तो Veterinary Certificate For India आपके पास होना चाहिए. इसे USDA या CFIA से इश्यू कराया जा सकता है. अन्य देशों के लिए भी वहां के समकक्ष विभाग से प्रमाणपत्र जरूरी है.
  • अगर आप ब्रीडिंग या कॉमर्शियल पर्पस के लिए भारत में कुत्ता लाने चाहते हैं, तो आपको बता दें कि इसकी मंजूरी नहीं मिलेगी. इसके लिए आपको DGFT से अलग से एक लाइसेंस लेना होगा.
  • आप अपने साथ ज्यादा से ज्यादा 2 कुत्ते या बिल्ली चेक्ड बैगेज की तरह केबिन में लेकर आ सकते हैं. इससे ज्यादा होने पर आपको DGFT से इम्पोर्ट का लाइसेंस लेना पड़ेगा.
  • भारत का मौजूदा कानून पालतू जानवरों के रूप में सिर्फ कुत्ते और बिल्ली को ही कंसिडर करता है. इनके अलावा सिर्फ उन्हीं जानवरों को स्पेशल अरेंजमेंट के तहत लाया जा सकता है, जिन्हें DGFT ने विलुप्तप्राय श्रेणी में नहीं रखा है.

 

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