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प्रीति शर्मा ने इस तरह गवां दिए 1 लाख रुपये, आप बचना चाहते हैं तो इन बातों का रखें ख्याल

हाल ही में फ्रॉड के मामले के वजह से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और स्टैंडर्ड चार्टर्ड (Standard Chartered) बैंक पर सख्त कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया था. एसबीआई पर 1 करोड़ रुपये और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर 1.95 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया.

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साइबर ठगी से बचने के उपाय
साइबर ठगी से बचने के उपाय
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के आसान उपाय
  • ऑनलाइन फ्रॉड के तुरंत बाद बैंक को करें सूचित

डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देते हुए देश और दुनिया में ऑनलाइन पेमेंट तेजी से हो रहा है. देखा जाए तो ऑनलाइन पेमेंट से लेकर शॉपिंग तक करने के फायदे तो बहुत हैं. लेकिन इसके साथ-साथ कई नुकसान भी ग्राहकों को झेलना पड़ता है. हाल ही में, दिल्ली की रहने वाली सीनियर सिटीजन प्रीति शर्मा ने ऑनलाइन फ्रॉड के वजह से अपने खाते से 1 लाख रुपये गंवा दिए.

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प्रीति बताती हैं कि उन्हें एक फोन आया जिसमें फोन करने वाले ने कहा कि उनका बैंक का एटीएम नंबर कैंसिल हो गया है. इसके लिए उन्हें अपना KYC जल्द से जल्द पूरा करना होगा. इस कॉल के बाद KYC से जुड़ा एक मैसेज आया जिसमें प्रीति ने बिना सोचे-समझे ही क्लिक कर दिया. उसके एक घंटे के अंदर ही प्रीति ने अपने बैंक खाते से बिना कुछ खर्च किए या ट्रांजेक्शन किए 1 लाख रुपये खो दिए. ये तो थी प्रीति की कहानी लेकिन, हममें से कई ऐसे लोग हैं जिनको ऑनलाइन हो रहे फ्रॉड की कोई जानकारी नहीं होती. जिसकी वजह से कई लोग ऑनलाइन या कहें तो साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं.

हाल ही में फ्रॉड के मामले के वजह से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और स्टैंडर्ड चार्टर्ड (Standard Chartered) बैंक पर सख्त कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया था. एसबीआई पर 1 करोड़ रुपये और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर 1.95 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. रिजर्व बैंक ने अपने कुछ निर्देशों और गाइडलाइन का पालन न करने के आरोप में इन दोनों बैंकों पर जुर्माना लगाया था. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि 'भारतीय रिजर्व बैंक (फ्रॉड्स क्लासिफिकेशन एंड रिपोर्टिंग बाइ कमर्शियल बैंक्स एंड सिलेक्ट एफआईज) डायरेक्शन्स 2016' में दिए गए निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए SBI पर जुर्माना लगाया गया है. दरअसल आरबीआई के अनुसार एक कस्टमर अकाउंट के मामले में यह शिकायत सही पाई गई कि स्टेट बैंक ने फ्रॉड की सूचना देने में देरी की है. जिसकी वजह से बैंक पर जुर्माना लगाया गया.

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आरबीआई की गाइडलाइन:
RBI की गाइडलाइन के मुताबिक बैंक खाताधारकों का पैसा अगर धोखे से निकल जाता है या खाते से ऑनलाइन निकाल लिया है तो इसकी सूचना तुरंत देने पर ग्राहक को उसके पैसे वापस मिल जाएंगे. 10 दिनों के अंदर अगर बैंक आपके किए गए बैंक फ्रॉड की शिकायत को पूरी नहीं करता है तो ये पूरी तरह से बैंक की जिम्मेदारी होगी की वो आपके पैसे लौटाए. बैंक के चूक जाने पर उसे जुर्माना देना पड़ता है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने चेतावनी दी है कि ग्राहक फोन पर अपने बैंक खाता या व्यक्तिगत जानकारी किसी को ना दें. बैंक फोन करके किसी ग्राहक से ऐसी जानकारी नहीं मांगता है, ध्यान रखें. अमूमन ठग या साइबर फ्रॉड ग्राहकों से व्यक्तिगत विवरण, खाते, लॉगिन विवरण, एटीएम कार्ड की जानकारी, पिन, OTP वगैरह बताने को कहते हैं. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक खातों से संबंधित कोई ईमेल या SMS आए तो उसका जवाब न दें. पहले संतुष्ट हो जाएं.

रिजर्व बैंक की इस चेतावनी का आशय यह है कि ग्राहक किसी भी लालच में न आएं. ध्यान रहे कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता. आज जहां बैंकों के ब्याज दर काफी घट गए हैं, आप इस चक्कर में ना पड़ें कि कोई बैंक या वित्तीय संस्थान आपको बेवजह ज्यादा ब्याज दे देगा. आपको अपने पैसे के बदले कई गुना रिटर्न दे देगा. ऐसा कहीं नहीं होता है, इसलिए जब भी कोई बैंकिंग लेन-देन या जानकारी की बात हो, सीधे अपने बैंक शाखा से संपर्क करें। किसी अधिकृत या संदेहास्पद व्यक्ति से इस संबंध में कोई बात ना करें.

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CERT द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में कुल 11, 58,208 सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं को हैंडल किया है. इन आंकड़ों से साफ जाहिर है किस प्रकार तेजी से देश में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं. अगर आपको साथ भी हुआ है ऑनलाइन फ्रॉड का मामला तो क्या करें और किन बातों का रखना चाहिए ध्यान.

साइबर ठगी के बढ़ते मामले
ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के उपाय

साथ ही, एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 1 साल में करीब 2.7 करोड़ से ज्यादा लोगों की आइडेंटिटी चोरों के टारगेट हो चुके हैं. जानकारों का मानना है कि ये आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं. कारण है लोगों का बिना सोचे समझे अपनी निजी जानकारी लोगों को देना. इसलिए ये बहुत जरूरी है कि किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन से पहले आप सही जानकारी रखें.

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान कुछ अहम बातों का रखें ध्यान:

· ऑनलाइन फ्रॉड होते ही बैंक को तीन दिनों के अंदर जानकारी दें.
· जानकारी के बाद बैंक आपके ट्रांजेक्शन की जांच करेगा और पता लगाएगा की गड़बड़ी कैसे हुई है धोखाधड़ी से या आपके गलती से.
· ध्यान रहे कि अगर साइबर फ्रॉड के आप शिकार हुए हैं तो कुछ शर्तों के आधार पर सभी हालातों को चेक करके बैंक आपके पैसे वापस करेगा.
· जैसे ही आपको पता लगे की आप ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हो चुके हैं तो सबसे पहले अपने अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक करें.
· ऑनलाइन फ्रॉड होने पर एक एफआईआर जरूर कराएं और कॉपी लेकर जांच के लिए पुलिस स्टेशन जाएं.
· किसी भी तरह की अनजान कॉल के आने पर अपने बैंक खाते या किसी भी तरह की जानकारी न दें.
· ध्यान रहे कि बैंक कभी भी आपको कोई पर्सनल ई-मेल या किसी कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव के जरिए आपकी कोई भी जानकारी नहीं मांगेगा. इसलिए ऐसे ई-मेल या फोन कॉल से सावधान रहें.
· किसी भी तरह के अनजान वेबसाइट पर खुद से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी न डालें.
· साथ ही, हमेशा किसी भी लिंक को क्लिक करने से पहले ये चेक कर लें कि वो लिंक सेक्योर्ड है या नहीं
· कभी भी अपना एटीएम पिन, बैंक डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड का पासवर्ड और पिन किसी व्यक्ति या दोस्त  से भी शेयर न करें.
· हमेशा अपने बैंक का पासवर्ड हर 15 दिनों में बदलते रहें. हो सके तो अल्फान्यूमेरिक पासवर्ड रखें.
· कभी अपने डेट ऑफ बर्थ, घर का नाम, एनिवर्सरी डेट पर पासवर्ड ना रखें.
· अपने फोन पर या ई-मेल पर आए ओटीपी को किसी भी व्यक्ति से शेयर न करें.
· पब्लिक वाई-फाई का कम से कम इस्तेमाल करें. हमेशा कोशिश करें कि खुद के फोन के नेटवर्क से इंटरनेट का इस्तेमाल करें और ट्रांजेक्शन करें.
· कभी भी ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले ये ध्यान दें कि डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड डिटेल्स सेव ना हो. हमेशा किसी भी तरह के किए गए ट्रांजेक्शन के बाद उसे डिलीट कर दें.
· अगर आपने डिजिटल मशीन के जरिए पेमेंट किया है तो रसीद जरूर लें.
· हर एक या दो दिन में अपने बैंक के स्टेटमेंट को चेक करें. खासकर किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन के बाद कोशिश करें कि तुरंत बैंक स्टेटमेंट देखें.
· फिशिंग से हमेशा अलर्ट रहें. ऐसे फिशिंग ई-मेल से अलर्ट रहें. आजकल हर किसी को फिशिंग ई-मेल आते हैं जिसमें कस्टमर को एफबी, इंस्टाग्राम जैसे सोशल वेबसाइट पर क्लिक करने को कहा जाता है और उसके जरिए सभी जानकारी ले ली जाती है. ऐसे फिशिंग ई-मेल में सावधान रहें.
· ऐसे फोन कॉल जो आपको ये कहकर डराते हैं कि आपका अकाउंट बंद होने वाला या एटीएम ब्लॉक होने वाला है. ऐसे कॉल्स से बचें. ज्यादा एंटरटेन न करें.

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फ्रॉड से बचने के लिए इंश्योरेंस भी करा सकते हैं:
आप ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए इंश्योरेंस भी करा सकते हैं. भारत में बजाज अलियांज और एचडीएफसी अर्गो जैसी कई कंपनियां हैं जो आपको साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इंश्योरेंस देती है. इस इंश्योरेंस से फायदा ये होगा कि अगर किसी भी तरह का फ्रॉड होता है तो आपके पैसे आपको इंश्योरेंस के जरिए मिल जाएंगे.

कोविड के बाद से लोग ज्यादातर ऑनलाइन शॉपिंग करने लगे हैं. ऐसे में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. इसलिए, याद रखें एक छोटी सी गलती आपको लाखों का नुकसान भी करा सकती है और आपके मेहनत के पैसे एक पल में छूमंतर हो सकते हैं. इसलिए, ऊपर दिए गए सभी बातों का ध्यान रखें और साइबर फ्रॉड से बचें.

 

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