सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) की ओर से गौतम अडानी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) पर पहली बार प्रतिक्रिया दी गई है. बुधवार को सेबी की चेयरमैन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने स्पष्ट रूप से कहा कि मार्केट रेग्युलेटर कभी भी कंपनी विशेष के मामलों पर टिप्पणी नहीं करता है. निदेशक मंडल की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि यह मामला सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) में है.
बुच ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश मानेंगे
बैठक के बाद माधबी पुरी बुच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस मामले में हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करेंगे. गौरतलब है कि Adani-Hindenburg मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन कर दिया है, जिसमें 6 सदस्य शामिल हैं. कोर्ट ने इस कमेटी से 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म की अडानी ग्रुप को लेकर जारी रिसर्च रिपोर्ट के बाद से गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली थी. इसके मद्देनजर जांच के लिए कमेटी गठित की गई है.
जांच कमेटी में ये लोग शामिल
सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) को संज्ञान में लेते हुए सेबी को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी. कोर्ट ने मार्केट रेग्युलेटर को ये जांच करने का निर्देश दिया है कि क्या SEBI के नियमों की धारा-19 का उल्लंघन हुआ है और अडानी स्टॉक्स की कीमतों में कोई हेर-फेर हुआ है? कोर्ट ने कहा था कि बाकी जांच एजेंसियां भी सेबी के एक्सपर्ट पैनल की मदद करेंगी. जांच के लिए गठित की गई कमेटी में के वी कामत, नंदन नीलेकणी, ओपी भट्ट, जे पी देवदत्त और सोमशेखर सुंदरेशन शामिल हैं और इसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभय मनोहर सप्रे कर रहे हैं.
हिंडनबर्ग ने लगाए थे शेयरों में हेर-फेर के आरोप
बीते 24 जनवरी 2023 को नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने Adani Group को लेकर अपनी रिपोर्ट पब्लिश की थी. इसमें ग्रुप पर कर्ज से लेकर शेयरों के ओवरवैल्यूएड होने और शेयरों में हेर-फेर संबंधी 88 गंभीर आरोप लगाए गए थे. इस रिपोर्ट को अडानी ग्रुप की ओर से निराधार बताया गया था. लेकिन अडानी ग्रुप पर सवाल उठाती इस रिपोर्ट ने निवेशकों के सेंटिमेंट को इतना प्रभावित किया कि Gautam Adani का पूरा साम्राज्य ही हिल गया.
इतनी रह गई अडानी की नेटवर्थ
Hindenburg के भंवर में फंसकर अडानी की कंपनियों के शेयरों में आई सुनामी के चलते 120 अरब डॉलर के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में चौथे पायदान पर काबिज अडानी देखते ही देखते महीने भर में 34वें पायदान पर पहुंच गए. कंपनियों के शेयरों में 80 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली थी. इसके चलते Adani Group का मार्केट कैप भी 100 अरब डॉलर से नीचे पहुंच गया था और गौतम अडानी की नेटवर्थ (Gautam Adani Net Worth) 60 फीसदी घट गई थी. हालांकि, मार्च महीने में उन्हें कुछ राहत मिली है. ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, अडानी अब फिर 56.2 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ 21वें पायदान तक पहुंच गए हैं.
बैठक में लिए गए ये बड़े फैसले
मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने बुधवार को निदेशक मंडल की बैठक में और भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. इसमें प्राइवेट इक्विटी (PE) फंड्स को म्यूचुअल फंड स्कीमों का स्पॉन्सर बनने की मंजूरी दे दी गई है. इसके अलावा करीब 40 लाख करोड़ रुपये के साइज वाली भारतीय म्यूचुअल इंडस्ट्री में सेल्फ-स्पॉन्सर्स एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) को बनाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गई है. चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा, 'हम म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में और भी ज्यादा इनोवेशन देखना चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि अब सेल्फ-स्पॉन्सर्ड AMC को भी कारोबार की इजाजत होगी.