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SEBI ने सख्‍त किए नियम... SME IPOs को लेकर बड़ा बदलाव, अब नहीं फंसेंगे निवेशक!

सेबी की ओर से यह कदम SME आईपीओ की बढ़ती संख्या के बाद उठाया गया है, जिसने महत्वपूर्ण निवेशक भागीदारी को बढ़ावा दिया है. सेबी ने प्रॉफिट नियमों के संबंध में कहा कि आईपीओ लाने की योजना बनाने वाले SME का पिछले 3 साल वित्त वर्ष में से कम से कम दो के लिए न्‍यूनतम ऑपरेशनल प्रॉफिट 1 करोड़ होना चाहिए.

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सेबी ने बदल दिया ये नियम
सेबी ने बदल दिया ये नियम

शेयर बाजार में रेगुलेट करने वाली संस्‍था SEBI ने SME IPO को लेकर नियमों को सख्‍त कर दिया है. एसएमई आईपीओ में प्रॉफिट को जोड़ा गया है और  प्रमोटर्स के बिक्री प्रस्‍ताव (OFS) को लेकर 20 प्रतिशत की सीमा तय की गई है. नियमों को सख्‍त करने का उद्देश्‍य निवेशकों के हितों की रक्षा करते हुए अच्‍छे 'ट्रैक रिकॉर्ड' वाले SME को लोगों के पैसे जुटाने का अवसर देना है. अगर अच्‍छे एसएमई आईपीओ आएंगे तो निवेशकों के फंसने की संभावना कम होगी. 

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सेबी की ओर से यह कदम SME आईपीओ की बढ़ती संख्या के बाद उठाया गया है, जिसने महत्वपूर्ण निवेशक भागीदारी को बढ़ावा दिया है. सेबी ने प्रॉफिट नियमों के संबंध में कहा कि आईपीओ लाने की योजना बनाने वाले SME का पिछले 3 साल वित्त वर्ष में से कम से कम दो के लिए न्‍यूनतम परिचालन लाभ (ब्याज, मूल्यह्रास और कर या ईबीआईटीडीए से पहले की कमाई) 1 करोड़ रुपये होनी जरूरी है. 

20 फीसदी तक सीमित की गई लिमिट 
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की 4 मार्च को एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसके अनुसार SME IPO के तहत स्‍टॉक होल्‍डर्स को बिक्री पेशकश के तहत अपनी हिस्सेदारी बेचने को कुल आईपीओ साइज के 20 प्रतिशत पर सीमित किया गया है. इसका मतलब है कि अब SME आईपीओ के तहत 20 फीसदी से ज्‍यादा ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए शेयर नहीं जारी किए जा सकते हैं. इसके अलावा, विक्रेता शेयरधारकों को अपनी मौजूदा होल्डिंग्स के 50 प्रतिशत से अधिक बिक्री की अनुमति नहीं होगी. 

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सेबी ने लॉट साइज भी बढ़ाया 
कॉरपोरेट अनुपालन फर्म एमएमजेसी एंड एसोसिएट्स के संस्थापक और साझेदार मकरंद एम जोशी ने कहा, ‘इसके अलावा सेबी ने एसएमई आईपीओ के लिए न्यूनतम एप्‍लीकेशन साइज को बढ़ाकर दो लॉट कर दिया है. इससे SME IPO को लेकर अनावश्यक अटकलों पर विराम लगेगा. इससे भोले-भाले निवेशकों के हितों की रक्षा करने में मदद मिलेगी, जो आमतौर पर शेयर की बढ़ती कीमत को देखकर निवेश करते हैं.'

एसएमई आईपीओ में सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्य (जीसीपी) के लिए आवंटित राशि कुल निर्गम आकार का 15 प्रतिशत या 10 करोड़ रुपये, जो भी कम हो, पर सीमित की गई है. सेबी के अनुसार, एसएमई आईपीओ से मिले इनकम का उपयोग प्रर्वतकों, प्रवर्तक समूह या संबंधित पक्षों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए करने की अनुमति नहीं होगी. 

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