कोरोना के नए म्यूटेंट वैरिएंट (Corona New Variant) ओमिक्रॉन (Omicron) के सामने आने के बाद से बाजार में गिरावट जारी है. भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) भी इससे अछूते नहीं हैं. पिछले तीन सप्ताह में बाजार साढ़े 6 फीसदी से भी अधिक गिर चुका है. इससे निवेशकों (Investors) की अरबों की संपत्ति साफ हो गई है. हालांकि शेयर बाजारों (Share Bazar) में ऐसी गिरावट का समय नए इन्वेस्टर्स के लिए एंट्री के रास्ते खोलता है. इन रास्तों पर पैसे बनाने के लिए बस कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती हैं.
साढ़े छह फीसद से ज्यादा गिर चुका है सेंसेक्स
बीएसई के सेंसेक्स (BSE Sensex) को देखें तो यह बीते 15 नवंबर को 60,718.71 अंक की चोटी पर कारोबार कर रहा था. आज छह दिसंबर को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 56,747.14 अंक पर आ गया. सिर्फ सोमवार को सेंसेक्स में करीब 950 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. पिछले तीन सप्ताह में यह सूचकांक 3,971.57 अंक यानी 6.54 फीसदी गिर चुका है.
निफ्टी का भी हुआ बुरा हाल
एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) का भी यही हाल है. निफ्टी 50 सूचकांक 15 नवंबर को 18,109.45 अंक पर बंद हुआ था. उसके बाद से अब तक छिटपुट मौकों की तेजी छोड़ निफ्टी में भी लगातार गिरावट आई है. सोमवार को कारोबार बंद होने के बाद यह इंडेक्स 17 हजार अंक से भी नीचे आ गया. जबकि अक्टूबर महीने में निफ्टी ने 18600 के स्तर को भी छुआ था.
लालच में गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं नए इन्वेस्टर्स
बाजार के जानकारों की मानें तो बाजार जब करेक्शन (Correction) के मोड में हो तो यह नए इन्वेस्टर्स के लिए एंट्री का सही मौका होता है. शेयर बाजारों को काफी संवेदनशील माना जाता है. यह बाजार खबरों पर रिएक्ट करता है. ऐसे में नए इन्वेस्टर्स कई बार रिसर्च के अभाव में अपनी गाढ़ी कमाई और मेहनत से की गई बचत गंवा बैठते हैं. ज्यादातर मामलों में तुरंत मोटी कमाई कर लेने का लालच जिम्मेदार होता है.
म्यूचुअल फंड कम रिस्क के साथ देता है बेहतर मौका
ऐसे इन्वेस्टर्स के लिए सबसे बेहतर सलाह यह है कि इक्विटी के डाइरेक्ट एक्सपोजर (Direct Exposure To Equity) से बचें. इक्विटी में सीधा पैसा सिर्फ जानकारों की सलाह पर लगाएं. गिरावट से उबरकर बाजार जब फिर से बुल रन (Bull Run) की राह पर लौटे, यह कमाई करने का बढ़िया मौका देता है. रिस्क कम रखते हुए इस मौके को भुनाने के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) सबसे सही विकल्प देते हैं. नए इन्वेस्टर्स को इक्विटी में सीधे एक्सपोजर के बजाय उन म्यूचुअल फंड का रास्ता अपनाना चाहिए, जिनका पोर्टफोलियो डायवर्स हो लेकिन इक्विटी में हिस्सेदारी ज्यादा हो. बाजार के गिरने की स्थिति में यह रास्ता नए इन्वेस्टर्स को तुलनात्मक कम नुकसान देता है, क्योंकि पोर्टफोलियो के बाकी हिस्से से नुकसान की ठीक-ठाक भरपाई हो जाती है.
यही नहीं, अगर आप नए निवेशक हैं और शेयर बाजार के बारे में जानकारी नहीं है तो फिर म्यूचुअल फंड में SIP कर सकते हैं. अगर बाजार यहां से और गिरता है तो बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा, और बाजार में रिकवरी के बाद अच्छा रिटर्न मिलेगा. इसलिए नए निवेशक के लिए SIP बेहतर विकल्प हो सकता है.
(नोट: शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)