Share Market Bloodbath: बजट से पहले सोमवार को घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में हाहाकार मच गया. दिन के कारोबार में निफ्टी (Nifty) में 550 अंक से अधिक की गिरावट आई तो सेंसेक्स (Sensex) 19 सौ अंक से ज्यादा टूट गया. बाजार में चौतरफा बिकवाली का माहौल देखने को मिल रहा है.
नहीं मिला बाजार को संभलने का मौका
आज बाजार खुलते ही सेंसेक्स 250 अंक से ज्यादा गिर गया. इसके बाद जैसे-जैसे सेशन आगे बढ़ा, बाजार गिरता चला गया. पूरे दिन मार्केट को सांस लेने का मौका नहीं मिला. दोपहर 12 बजे तक सेंसेक्स 1000 अंक से ज्यादा गिर चुका था. इससे बिकवाली और तेज हो गई. दोपहर 02:15 बजे तक सेंसेक्स में 1983.07 अंक की गिरावट आ चुकी थी और इसके ऊपर 57 हजार अंक से भी नीच गिरने का खतरा मंडरा रहा है. इसी तरह एनएसई निफ्टी करीब 600 अंक गिरकर 17,020 अंक पर आ चुका था.
अगले सप्ताह आ रहा है बजट
शेयर बाजार लगातार 5 दिनों से गिर रहा है. पिछले सप्ताह सोमवार को मामूली बढ़त में रहने के बाद हर रोज शेयर मार्केट में गिरावट आई. इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी 3.50 फीसदी तक नीचे आ गए. यह गिरावट ऐसे समय आ रही है, जब नया बजट महज एक सप्ताह दूर है. अगले सप्ताह के दूसरे दिन ही संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं.
रियल्टी सेक्टर का सबसे बुरा हाल
बाजार में बिकवाली का ऐसा आलम है कि सेंसेक्स की सभी 30 कंपनियां नुकसान में हैं. बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, विप्रो, टाइटन और बजाज फिनसर्व जैसी कंपनियां 4.5 फीसदी से 6.15 फीसदी तक की गिरावट में हैं. सेक्टरवाइज देखें तो कोई भी समूह फायदे में नहीं है. हाल के दिनों में बढ़िया परफॉर्म करने वाला रियल्टी सेक्टर आज 6 फीसदी से ज्यादा गिरा हुआ है.
बाजार को सता रहा इस बात का डर
अमेरिका में फेडरल रिजर्व के द्वारा ब्याज दर को अनुमान से पहले बढ़ाए जाने की आशंका है. इस सप्ताह मंगलवार से फेडरल रिजर्व की अहम बैठक शुरू हो रही है. बुधवार को अमेरिकी सेंट्रल बैंक बैठक के बारे में जानकारी देगा, जिसमें रेट हाइक को लेकर संकेत साफ हो सकते हैं. बाजार को इसी बात का डर सता रहा है. इस आशंका में एफपीआई मार्केट से तेजी से पैसे निकाल रहे हैं.
घरेलू मोर्चे पर भी नहीं कोई सपोर्ट
इसके अलावा यूक्रेन को लेकर बढ़े टेंशन से भी इन्वेस्टर्स की परेशानियां बढ़ रही हैं. जिओ-पॉलिटिकल टेंशन के कारण इन्वेस्टर्स शेयरों के बजाय सुरक्षित निवेश की ओर भाग रहे हैं. घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के तिमाही परिणाम उम्मीद से बेहतर हैं, लेकिन यह बाजार को संभालने में नाकामयाब साबित हो रहा है. अगले सप्ताह पेश होने जा रहे बजट के बंपर रहने की उम्मीद से भी बाजार को सहारा नहीं मिल रहा है. मंथली एक्सपायरी से भी बाजार पर प्रेशर बढ़ रहा है.