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Share Market Today: बड़ी कंपनियों के रिजल्ट से पहले घरेलू बाजार में मामूली तेजी

निवेशक टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनियों के तिमाही परिणाम का इंतजार कर रहे हैं. तीनों दिग्गज घरेलू आईटी कंपनियां 12 जनवरी को दिसंबर तिमाही का रिजल्ट जारी करने वाली हैं. बाजार की सुस्ती में इस फैक्टर का भी योगदान रहा. कोरोना महामारी की तीसरी लहर का डर अब निवेशकों के ऊपर से कम होने लगा है.

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बाजार पर रह सकता है प्रेशर
बाजार पर रह सकता है प्रेशर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शुरुआती कारोबार से दबाव में रहा बाजार
  • कल आ रहे हैं तीनों बड़ी आईटी कंपनियों के परिणाम

Share Market Update: बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम से पहले मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार में मामूली तेजी रही. घरेलू शेयर मार्केट के ऊपर एशियाई बाजारों की गिरावट का दबाव रहा. सीमित दायरे के उतार-चढ़ाव वाले कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी 0.37 फीसदी तक ऊपर उठने में कामयाब रहे.

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बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी पर प्री-ओपन सेशन से ही दबाव दिख रहा था. कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स में 221.26 अंक (0.37 फीसदी) की तेजी रही और यह 60,616.89 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह निफ्टी 52.45 अंक (0.29 फीसदी) की बढ़त के साथ 18,055.75 अंक पर बंद हुआ. इससे पहले सोमवार को सेंसेक्स 650.98 अंक (1.09 फीसदी) चढ़कर 60,395.63 अंक पर और निफ्टी 190.60 अंक (1.07 फीसदी) की बढ़त के साथ 18,003.30 अंक पर रहा था.

मंगलवार को लोगों का ध्यान पेटीएम और वोडाफोन जैसे शेयरों पर रहा. पेटीएम के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है. सोमवार को पहली बार यह 1200 रुपये से भी नीचे आ गया था. वहीं वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ने बकाया ब्याज के बदले सरकार को हिस्सेदारी देने का फैसला किया है. इस खबर के सामने आने के बाद टेलीकॉम कंपनी का शेयर 17 फीसदी तक गिर गया.

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मंगलवार को एशियाई बाजार गिरावट में रहे. सोमवार को अमेरिकी बाजार के गिरकर बंद होने का प्रेशर हावी रहा. सार्वजनिक अवकाश के बाद मंगलवार को खुले जापान के निक्की में 0.9 फीसदी की गिरावट रही. इसी तरह हांगकांग का हैंगसेंग 0.1 फीसदी और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.7 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ.

निवेशक टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनियों के तिमाही परिणाम का इंतजार कर रहे हैं. तीनों दिग्गज घरेलू आईटी कंपनियां 12 जनवरी को दिसंबर तिमाही का रिजल्ट जारी करने वाली हैं. बाजार की सुस्ती में इस फैक्टर का भी योगदान रहा. कोरोना महामारी की तीसरी लहर का डर अब निवेशकों के ऊपर से कम होने लगा है. इन्वेस्टर इस बात को ध्यान में रख रहे हैं कि ओमिक्रॉन भले ही तेजी से फैल रहा हो, लेकिन इसकी गंभीरता तुलनात्मक तौर पर कम है.

 

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