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अगले सप्ताह शेयर बाजार भरेगा उड़ान या होगा धड़ाम? ये 5 फैक्टर्स तय करेंगे चाल!

इस हफ्ते शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 360 अंक से अधिक चढ़कर 60,261 पर और निफ्टी 50 लगभग 100 अंक बढ़कर 17,957 पर पहुंच गया था. सोमवार को शेयर मार्केट सबसे पहले एचडीएफसी बैंक और विप्रो की अर्निग रिपोर्ट पर रियेक्ट करेगा और भी आने वाली कंपनियों के नतीजे भी मार्केट की चाल को तय करेंगे.

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अगले सप्ताह कैसी रहेगी भारतीय शेयर मार्केट की चाल?
अगले सप्ताह कैसी रहेगी भारतीय शेयर मार्केट की चाल?

13 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान अस्थिरता के बीच शेयर बाजार (Share Market) में आधा प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. इसके पीछे की वजह केंद्रीय बैंकों के ब्याज के प्रति कम आक्रामक रुख और आईटी कंपनियों की दिसंबर तिमाही के अच्छे नतीजे रहे. हालांकि, आईटी कंपनियों के सतर्कता भरे अनुमान और विदेशी इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली से लाभ सीमित रहा. टेक्नोलॉजी, मेटल, ऑटो, और चुनिंदा बैंकिंग और फाइनेंसियल सर्विस के शेयरों ने बाजार के सेंटिमेंट को ऊपर उठाया. लेकिन FMCG और चुनिंदा इंफ्रा शेयरों में बिकवाली देखी गई.

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सोमवार को बाजार सबसे पहले एचडीएफसी बैंक और विप्रो की अर्निग रिपोर्ट पर रियेक्ट करेगा. एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि भारतीय शेयर मार्केट आने वाले सप्ताह में बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट आय और वैश्विक संकेतों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ मजबूत होगा. अगले सप्ताह शेयर मार्केट की चाल कैसी रहेगी इसमें ये पांच फैक्टर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. 

कॉरपोरेट अर्निंग

कुल 190 कंपनियों के तिमाही के स्कोरकार्ड जारी करने के साथ ही मार्केट कॉरपोरेट अर्निंग के मौसम के दूसरे सप्ताह में प्रवेश करेगा. इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, जेएसडब्ल्यू स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी और अल्ट्राटेक सीमेंट के स्कोरकार्ड पर सभी की नजरें रहेंगी. पीवीआर, बंधन बैंक, कॉफोर्ज, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, एलटीआईएमइंडट्री, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और यस बैंक भी आने वाले सप्ताह में तिमाही के नतीजे जारी करेंगे.

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थोक महंगाई दर

16 जनवरी को जारी होने वाली भारत की थोक मुद्रास्फीति (WPI) के आंकड़े पर सभी की नजरें रहेंगी. दिसंबर के लिए खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में 5.72 फीसदी पर आ गई है. WPI मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में 5.45 प्रतिशत पर आने की संभावना है, जो नवंबर 2022 में 5.85 प्रतिशत से कम है. दिसंबर 2022 में कोर WPI मुद्रास्फीति 2.84 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. इसके अलावा, दिसंबर के लिए व्यापार बैलेंस के आंकड़े भी सोमवार को और विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े आने वाले शुक्रवार को जारी किए जाएंगे.

FII फ्लो

जनवरी 2022 में विदेशी इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (FII) का भारतीय शेयर मार्केट से बिकवाली से सिलसिला जारी है. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि कुछ और दिनों तक आउटफ्लो जारी रहेगा, हालांकि DII और खुदरा निवेशक इक्विटी बाजार को काफी सपोर्ट दे रहे हैं. विदेशी इंस्टीट्यूशनल निवेशकों ने लगातार 16 दिनों तक बिकवाली जारी रखी है और 23,800 रुपये की बिक्री हुई है. जनवरी में अब तक इक्विटी मार्केट से 17,400 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी विदेशी निवेशक कर चुके हैं.

अमेरिकी डॉलर पर नजर

निवेशक अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव पर भी नजर रखेंगे, जो दुनिया की प्रमुख छह करेंसी के बास्केट के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की वैल्यू को मापता है. नवंबर के बाद से DXY में सुधार हुआ और अब बीते सप्ताह में 102 से नीचे आ गया. जून 2022 के बाद का ये सबसे निचला स्तर है. क्योंकि गिरती मुद्रास्फीति फेड अधिकारियों के दरों को लेकर आक्रामक रुख को नरमी में बदल सकती है. इसका अर्थ ये है कि वे आगे की दरों में बढ़ोतरी धीमी गति से कर सकते हैं.

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तेल की कीमतें

कोविड लॉकडाउन के फिर से खुलने और अमेरिकी डॉलर में सात महीने के निचले स्तर पर गिरने के कारण चीन में तेल की बढ़ती मांग के संकेतों के बीच कीमतें उछल रही हैं. अक्टूबर 2022 के बाद से तेल की कीमतें 8 प्रतिशत से अधिक चढ़ी हैं. चीन में बढ़ती मांग को देखते हुए मार्केट आने वाले हफ्तों में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर कड़ी नजर रखेगा. इंटरनेशनल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा पिछले सप्ताह के लिए 8.5 प्रतिशत बढ़कर 85.28 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ.

 

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