scorecardresearch
 

Share Market: 2 दिन में इन्वेस्टर्स के डूबे 5.15 लाख करोड़ रुपये, ये हैं कारण

सोमवार को शेयर बाजार में सीमित दायरे में कारोबार हुआ था. सप्ताह के पहले दिन सेंसेक्स एक समय 61,385.48 अंक के हाई पर रहा था. तब बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों की वैल्यू मिलाकर 2,80,02,438 करोड़ रुपये थी. यह कम होकर बुधवार को 2,74,85,912 करोड़ रुपये पर आ गई. इस तरह महज दो दिन में इन्वेस्टर्स के 5.15 लाख करोड़ रुपये डूब गए.

Advertisement
X
डूबे इन्वेस्टर्स के पैसे
डूबे इन्वेस्टर्स के पैसे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2 दिन से लगातार गिर रहा है बाजार
  • चौतरफा बिकवाली में डूबे इन्वेस्टर्स के पैसे

घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में लगातार दो दिन एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. इस दौरान बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) सोमवार के हाई लेवल से 14 हजार अंक से ज्यादा नीचे आ चुका है. इस दो दिन की बिकवाली ने इन्वेस्टर्स (Investors) का बड़ा नुकसान किया और उनकी संपत्ति 5.15 लाख करोड़ रुपये कम हो गई.

Advertisement

2 दिन में इतना गिर गया सेंसेक्स

बुधवार को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 656.04 अंक (1.08 फीसदी) गिरकर 60,098.82 अंक पर बंद हुआ था. एनएसई निफ्टी 174.65 अंक (0.96 फीसदी) गिरकर 17,938.40 अंक पर बंद हुआ था. इससे पहले मंगलवार को भी दिनभर बाजार पर दबाव बना रहा था. दोपहर में गिरावट में आने के बाद बाजार फिर उबर ही नहीं पाया. कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 554.05 अंक (0.90 फीसदी) गिरकर 60,754.86 अंक पर और निफ्टी 193.50 अंक (1.06 फीसदी) गिरकर 18,113.05 अंक पर बंद हुआ था. इस तरह लगातार दूसरे दिन घरेलू बाजार में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही थी.

शेयर बाजार की गिरावट से कम हुई कंपनियों की वैल्यू

सोमवार को शेयर बाजार में सीमित दायरे में कारोबार हुआ था. सप्ताह के पहले दिन सेंसेक्स एक समय 61,385.48 अंक के हाई पर रहा था. तब बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों की वैल्यू मिलाकर 2,80,02,438 करोड़ रुपये थी. यह कम होकर बुधवार को 2,74,85,912 करोड़ रुपये पर आ गई. इस तरह महज दो दिन में इन्वेस्टर्स के 5.15 लाख करोड़ रुपये डूब गए.

Advertisement

बाजार को गिरा रहे ये कारण

एनालिस्ट इसके लिए महंगाई, कच्चा तेल की अधिक कीमत और बिकवाली को जिम्मेदार मान रहे हैं. अमेरिका में ट्रेजरी यील्ड बढ़ने से इन्वेस्टर्स का रुझान बदला है. दुनिया भर में महंगाई कई दशकों के उच्च स्तर पर है. इन सब कारणों से माना जा रहा है कि फेडरल रिजर्व मार्च में ब्याज दर बढ़ा सकता है. दुनिया भर के इन्वेस्टर्स को इसका डर सता रहा है. इसके साथ ही कच्चा तेल के सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच जाने से भी शेयर बाजारों पर प्रेशर बढ़ा है. ये सब कारण मिलकर दुनिया भर के बाजारों में बिकवाली को बढ़ावा दे रहे हैं.
 

 

Advertisement
Advertisement