Stock Market Update: घरेलू शेयर बाजार को फिलहाल कोई राहत मिलने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है. यूक्रेन को लेकर जंग की बनी स्थिति और दुनिया भर में मंहगाई के चलते ब्याज दरें बढ़ने के खतरे के बीच शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी है. सोमवार को लगातार चौथे दिन घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई. निफ्टी इंडेक्स गिरकर अब 17,200 अंक के पास आ गया है.
पिछले सप्ताह 5 में से 4 दिन घाटे में रहे बाजार ने इस सप्ताह की शुरुआत भी नुकसान के साथ की. सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में ही 500 अंक से ज्यादा गिर गया. प्री-ओपन सेशन से ही बाजार के गिरने के संकेत मिल रहे थे. जैसे ही सेशन शुरू हुआ, बीएसई सेंसेक्स 230 अंक से ज्यादा गिर गया. मिनटों में यह गिरावट करीब 400 अंक की हो गई. सुबह 09:30 बजे सेंसेक्स 500 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 57,300 अंक से नीचे कारोबार कर रहा था. इसी तरह एनएसई निफ्टी करीब 1 फीसदी गिरकर 17,100 अंक के आस-पास कारोबार कर रहा था.
बाद में बाजार ने अच्छी रिकवरी की. दिन के कारोबार में एक समय दोनों मेजर इंडेक्स हरे निशान में आ गए. हालांकि कारोबार समाप्त होने से पहले बाजार की तेजी गायब हो गई. सेशन बंद होने के बाद सेंसेक्स 149.38 अंक (0.26 फीसदी) गिरकर 57,683.59 अंक पर रहा. निफ्टी 69.65 अंक (0.40 फीसदी) के घाटे के साथ 17,206.65 अंक पर बंद हुआ.
वोलेटाइल था पिछला सप्ताह
इससे पहले शुक्रवार को कारोबार समाप्त होने के बाद बीएसई सेंसेक्स 59.04 अंक (0.10 फीसदी) गिरकर 57,832.97 अंक पर बंद हुआ था. एनएसई निफ्टी 28.30 अंक (0.16 फीसदी) के नुकसान के साथ 17,276.30 अंक पर बंद हुआ था. पिछले सप्ताह बाजार काफी वोलेटाइल रहा था. जानकारों को आगे भी उथल-पुथल बने रहने की आशंका है.
इस खबर ने दी बाजार को बड़ी राहत
यूक्रेन संकट में कुछ नरमी आने से शेयर बाजारों का नुकसान थोड़ा कम हुआ है. अमेरिका के प्रेसिडेंट Joe Biden और रूस के प्रेसिडेंट Vladimir Putin यूक्रेन संकट को लेकर बातचीत करने पर सहमत हुए हैं. इससे इन्वेस्टर्स ने राहत की सांसें ली हैं. यह जानकारी सामने आने के बाद एशियाई बाजारों का नुकसान कुछ कम हो गया. जापान का निक्की करीब 2 फीसदी तक गिरा हुआ था, लेकिन इस जानकारी के बाद गिरावट कम होकर 0.90 फीसदी रह गई.
सता रहा ब्याज दरें बढ़ने का डर
दूसरी ओर अमेरिका में ब्याज दरें जल्द बढ़ने का खतरा बढ़ गया है. अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने साफ कहा है कि अगर महंगाई में नरमी नहीं आई तो उसके पास ब्याज दर बढ़ाने के अलावा और कोई चारा नहीं है. अमेरिका में महंगाई 4 दशक के उच्च स्तर पर है. इंग्लैंड में भी महंगाई लोगों को परेशान कर रही है. इसके कारण बैंक ऑफ इंग्लैंड भी फेडरल की राह पकड़ सकता है. आने वाले समय में इस कारण शेयर बाजार पर प्रेशर दिख सकता है.