भारी बिकवाली के दबाव के चलते 23 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान शेयर मार्केट (Share Market) में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. कमजोर ग्लोबल इंडेक्स, चीन में बढ़ते कोविड (Covid) के मामले और फेडरल रिजर्व के आक्रमक रुख की वजह से अमेरिका में गहराई मंदी की आशंका के बीच भारतीय शेयर मार्केट शुक्रवार को टूटकर बंद हुआ था. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 60 हजार से नीचे आ गया है. बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 59,845 पर बंद हुआ था और निफ्टी (Nifty) 17,807 पर क्लोज हुआ था. सोमवार, 26 सितंबर से शुरू हो रहे सप्ताह में पांच चीजें मार्केट की चाल तय कर सकती हैं.
कोविड के बढ़ते मामले
अगले सप्ताह चीन में बढ़ रहे कोविड के मामले पर नजर रहेगी. मार्केट के लिए ये बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है. चीन, अमेरिका, जापान और दुनिया के कई हिस्सों में कोविड का नया वैरिएंट सामने आया है. दुनिया में कोविड के बढ़ते मामले निवेशकों को सतर्क कर रहे हैं. भारत में भी कोविड के नए वैरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं.
मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा
30 दिसंबर को नवंबर महीने के लिए फिस्कल डेफिसिट और इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट के आंकड़े जारी किए जाएंगे. इसके अलावा 16 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के लिए बैंकों के कर्ज और जमा में बढ़ोतरी संबंधित डेटा और 23 सप्ताह को समाप्त सप्ताह के विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े शुक्रवार को जारी होंगे.
क्रूड की कीमतें
अगले सप्ताह सभी की नजरें क्रूड ऑयल की कीमतों पर भी रहेंगी. लगातार दूसरे हफ्ते तेल की कीमतों में रैली रही. लेकिन मंदी की आशंका के बीच कमजोर डिमांड आउटलुक पिछले तीन हफ्तों से ब्रेंट फ्यूचर्स 85 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बना हुआ है.
पिछले हफ्ते, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा लगभग 6 प्रतिशत बढ़कर 79 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था. रूस के तेल पर यूरोपीय संघ के लगाए प्राइस कैप के बाद उत्पादन में कटौती की बात से तेल बाजार में लगातार दूसरे सप्ताह उछाल बना हुआ था.
आईपीओ
अगले सप्ताह एक कंपनी का आईपीएओ ओपन हो रहा है और एक निवेश के लिए खुल चुका है, लेकिन इसमें निवेश करने वालों के लिए दो दिन तक का मौका होगा. रेडिएंट कैश मैनजमेंट सर्विसेज का आईपीओ 27 दिसंबर तक ओपन रहेगा. ये निवेश के लिए 23 दिसंबर को खुला था. दूसरा आईपीओ साह पॉलिमर्स का होगा, जो निवेश के लिए 30 दिसंबर को ओपन होगा. इसके अलावा केफिन टेक्नोलॉजीज के शेयरों की लिस्टिंग 29 दिसंबर को हो सकती है. कंपनी के 1500 करोड़ रुपये के आईपीओ को 2.59 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था.
विदेशी निवेशकों का फ्लो
विदेशी इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FII) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के फ्लो में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. हालांकि, घरेलू इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (DII) का देश की ग्रोथ पर भरोसा कायम है और वो मार्केट में बने हुए हैं. आंकड़ों के अनुसार, 23 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के लिए, FII ने लगभग 1,000 करोड़ रुपये के शेयरों को शुद्ध रूप से बेचा है. वहीं, DII ने लगभग 8,500 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं.