अमेरिका में मची बैंकिंग उथल-पुथल (US Banking Crisis) का असर भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) पर भी देखने को मिला. मामूली बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत के बाद सेंसेक्स और निफ्टी बुरी तरह धराशायी हो गए. बीएसई का सेंसेक्स (BSE Sensex) 1000 अंक से ज्यादा फिसल गया. इस बीच जहां अमेरिका से आई खबर से बाजार में हड़कंप मचा, तो वहीं सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) पर ताला लगने से भारतीय कंपनी Nazara Technologies नामक कंपनी की मोटी रकम फंस गई है और इसका शेयर भी भरभरा का टूटा है.
कंपनी का 64 करोड़ रुपये कैश फंसा
पहले से अंदेशा जताया जा रहा था कि सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने का असर भारतीय स्टार्टअप्स पर देखने को मिल सकता है. इसकी बड़ वजह ये है कि SVB स्टार्टअप्स को फंड मुहैया कराने वाला बैंक है. स्टार्टअप परिवेश के लिए सबसे बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के दिवालिया होने से इस सेक्टर में रातों-रात अनिश्चितता के हालात बन गए हैं. नाजारा टेक्नोलॉजीज कंपनी की दो सब्सिडियरी कंपनियों की 7.75 मिलियन डॉलर (लगभग 64 करोड़ रुपये) की रकम सिलिकॉन वैली बैंक में फंसी हुई है.
मार्केट खुलते ही 7% की गिरावट
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, Nazara Technologies की सब्सिडियरी Kiddopia Inc और Mediawrkz Inc की ये रकम सिलिकॉन वैली बैंक में जमा है. बैंक डूबने के साथ ही ये रकम फंसने की खबर का असर कंपनी के शेयरों पर देखने को मिला और सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को कंपनी के स्टॉक्स शुरुआती कारोबार में 7 फीसदी तक फिसल गए. बीएसई में लिस्टेड कंपनी का शेयर 6.70 फीसदी टूटकर 483.05 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गया था.
लिस्टिंग प्राइस से 75% टूटा शेयर का भाव
गेमिंग और स्पोर्ट्स मीडिया प्लेटफॉर्म Nazara Tech का शेयर अपने मार्केट लिस्टेड प्राइज से करीब 75 फीसदी तक गिर चुका है. कंपनी का आईपीओ (IPO) मार्च 2021 में पेश किया गया था. इसकाप्राइस बैंड 1100-1101 रुपये तय किया गया था. जबकि, इसके शेयर बीएसई पर 1971 रुपये पर लिस्ट हुए थे. इस हिसाब से देखें तो स्टॉक्स का ताजा प्राइस लिस्टिंग डे से करीब 75% से ज्यादा टूट चुका है. वहीं अगर शेयर के 52 हफ्ते के हाई से तुलना करें तो 11 मार्च 2022 को इसका भाव 933.78 रुपये थे यानी अब कीमत में 46% तक की गिरावट आई है.
अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक
Silicon Valley Bank अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है. ये नए जमाने की टेक कंपनियों और वेंचर कैपिटल के निवेश वाली कंपनियों तो फाइनेंशियल सपोर्ट देने वाला अमेरिका का प्रमुख बैंक है. हालांकि, पिछले 18 महीनों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में इजाफा किया है. इस वजह से ऐसी कंपनियों को तगड़ा नुकसान हुआ है. ये अकेला बैंक नहीं है, बल्कि अमेरिका के एक और बड़े सिग्नेचर बैंक को भी बंद कर दिया गया है.