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AMUL और मदर डेयरी की खत्म होंगी मुश्किलें, सरकार के इस फैसले से हैं परेशान

कंपनियां सरकार से पेपर स्ट्रॉ (Paper Straw) के आयात के लिए वक्त मांग रही थीं. लेकिन अब देश में ही तमाम कंपनियों को पेपर स्ट्रॉ मिल जाएगा. यूफ्लेक्स लिमिटेड ने पेपर स्ट्रॉ के उत्पादन के लिए करीब 100 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया है.

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अमूल और मदर डेयरी की परेशानी हो सकती है दूर.
अमूल और मदर डेयरी की परेशानी हो सकती है दूर.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूफ्लेक्स ने किया 100 करोड़ रुपये का निवेश
  • पेपर स्ट्रॉ का आयात कर रही हैं कंपनियां

देश में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic Ban) के इस्तेमाल पर बैन लग चुका है. सरकार ने तमाम कंपनियों के अनुरोध को दरकिनार करते हुए पूरे देश में इस फैसले को लागू कर दिया है. सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने से पहले देश की कई सॉफ्ट ड्रिंक्स और डेयरी (Dairy) कंपनियों ने सरकार से इसे कुछ समय के लिए टालने को कहा था. क्योंकि बैन होने वाली चीजों में प्लास्टिक स्ट्रॉ (Plastic Straw) भी शामिल है. तमाम कंपनियों के पेय पदार्थ अब तक प्लास्टिक स्ट्रॉ के साथ ही ग्राहकों तक पहुंच रहे थे. लेकिन इसपर बैन के बाद उन्हें पेपर स्ट्रॉ को अपने प्रोडक्ट के साथ जोड़ना है.

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इसलिए कंपनियां सरकार से पेपर स्ट्रॉ के आयात के लिए वक्त मांग रही थीं. लेकिन अब देश में ही तमाम कंपनियों को पेपर स्ट्रॉ मिल जाएगा.

यूफ्लेक्स ने किया 100 करोड़ का निवेश

दरअसल, पैकेजिंग कंपनी यूफ्लेक्स (Uflex) लिमिटेड पेपर स्ट्रॉ के उत्पादन में जुट गई है. कंपनी अक्टूबर-नवंबर तक स्थानीय स्तर पर तैयार पेपर स्ट्रॉ की सप्लाई शुरू कर सकती है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. पीटीआई के अनुसार, यूफ्लेक्स ने गुजरात के साणंद स्थित पैकेजिंग प्लांट में यू-साइज के पेपर स्ट्रॉ के उत्पादन के लिए करीब 100 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया है.

छह अरब पैकेट की जरूरत

यूफ्लेक्स लिमिटेड के समूह मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) राजेश भाटिया ने पीटीआई को बताया कि हमारा अनुमान है कि स्ट्रॉ के छह अरब पैकेट की जरूरत होगी. हम इस क्षमता को हासिल करने की कोशिश में जुटे हैं. इसमें छह महीने से एक साल का वक्त लगेगा. उन्होंने बताया कि कंपनी इस साल अक्टूबर-नवंबर तक रोजमर्रा के सामान बनाने वाली (FMCG) कंपनियों को पेपर स्ट्रॉ की आपूर्ति शुरू कर सकती है.

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पेपर स्ट्रॉ का आयात

कंपनी ने उम्मीद जताई कि 2022-23 की दूसरी तिमाही में प्रोडक्शन शुरू हो सकेगा. कंपनी हर महीने 10 करोड़ पेपर स्ट्रा बनाएगी. पार्ले एग्रो और डाबर जैसी कंपनियों ने फ्रूट जूस के पैकेटों के साथ पेपर स्ट्रॉ देना शुरू कर दिया है. अमूल भी इस दिशा में कदम बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है.

वहीं, मदर डेयरी पेपर स्ट्रॉ आयात कर रही है. मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने कुछ समय पहले कहा था कि हम पेपर स्ट्रॉ का आयात करेंगे.यूफ्लेक्स का प्रोडक्शन शुरू होने के बाद इन कंपनियों को आसानी से पेपर स्ट्रॉ मिल सकता है.

अमूल ने लिखा था सरकार को पत्र

देश के सबसे बड़े डेयरी समूह अमूल (Amul) ने पहले सरकार को पत्र लिखकर प्लास्टिक स्ट्रॉ पर लगने वाले प्रतिबंध को टालने का अनुरोध किया था. अमूल ने यह तक कह दिया था कि देश के किसानों और दूध की खपत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. कंपनियां चाहती थीं कि सरकार प्रतिबंध को तब तक लागू न करे, जब तक पेपर स्ट्रॉ के उत्पादन के लिए उचित बुनियादी ढांचा विकसित नहीं हो जाता.

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