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यमुना एक्सप्रेस-वे पर खूब महंगी बिकी अंडे-दूध की दुकान, कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान!

यमुना एक्सप्रेस-वे के पास बनने जा रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का असर यहां की जमीन की कीमतों पर साफ दिखने लगा है. तभी तो जिन भूखंडो के लिए अथॉरिटी ने रिजर्व मूल्य 10 लाख रुपये से भी कम रखा था, उनके लिए करोड़ों रुपये की बोली लगी.

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यमुना एक्सप्रेस-वे पर महंगी बिकी अंडे-दूध की दुकान (सांकेतिक फोटो)
यमुना एक्सप्रेस-वे पर महंगी बिकी अंडे-दूध की दुकान (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने का असर
  • लाखों की दुकानों के लिए करोड़ों की बोली

दिल्ली-एनसीआर को बहुत जल्द एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट मिलने जा रहा है. इसका असर अब इससे सटे यमुना एक्सप्रेस-वे इलाके में प्रॉपर्टी की कीमतों पर दिखने लगा है. तभी तो सब्जी, दूध और अंडा जैसी रोजमर्रा की जरूरतों के सामान बेचने के लिए यहां छोटी-छोटी दुकानों की नीलामी की गई और इनके लिए यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी ने कुछ लाख रुपये का ही रिजर्व प्राइस रखा था, जबकि इनके लिए बोली करोड़ों रुपये की लगी. एक तरह से देखा जाए तो ये कीमत दिल्ली के कनॉट प्लेस और लंदन, पेरिस में विदेशी कंपनियों के कॉरपोरेट दफ्तरों की कीमत से भी अधिक बैठेगी.

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दिसंबर में लॉन्च हुई थी स्कीम
यमुना प्राधिकरण ने पिछले दिनों यहां के आवासीय सेक्टर 18 और 20 में सब्जी, अंडे, दूध और घरेलू सामान बेचने वाली दुकानों के लिए छोटे-छोटे भूखंडों की स्कीम लॉन्च की थी. यह स्कीम दिसंबर 2021 में लॉन्च की गई और जनवरी महीने से इन भूखंडों के लिए ऑनलाइन नीलामी शुरू हुई. इस योजना के तहत सिर्फ 7 से 9 मीटर के छोटे भूखंड रखे गए. नीलामी की प्रक्रिया के बीच उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव शुरू हो गए और इसके चलते बोली लगाने की प्रक्रिया 27 अप्रैल 2022 को खत्म हुई.

8 लाख की दुकान के लिए 1 करोड़ की बोली
प्राधिकरण से जुड़े अधिकारियों ने जानकारी दी कि भूखंडों की नीलामी के दौरान लाखों से करोड़ों रुपये तक की बोलियां लगी. सबसे अधिक बोली एक भूखंड के लिए 1.48 करोड़ रुपये की लगी, जबकि इसका रिजर्व प्राइस महज 9.33 लाख रुपये था. वहीं एक भूखंड का रिजर्व प्राइस 8.80 लाख रुपये था, जिसके लिए 1.12 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई.

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आकलन किया जाए तो यहां जमीन के लिए बोली सवा लाख रुपये प्रति वर्ग फुट से लेकर डेढ़ लाख रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से लगी है. प्राधिकरण ने इस योजना के तहत 30 कियोस्क को बेचने का लक्ष्य रखा था. जबकि उसे आवेदन 26 प्लॉट के लिए मिले.

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