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'राहुल गांधी को तपस्या पर हमने निकाला है, चोट तो लगेगी...' Budget Aajtak में बोलीं स्मृति ईरानी

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बजट को लेकर चर्चा की और कम बजट मिलने के सवाल पर हज पॉलिसी का उदाहरण दिया. स्मृति ने बताया कि हज को लेकर हमने हर हाजी के 50 हजार रुपए बचाए हैं. उसके लिए जरूरी नहीं है कि वो पैसा मैं तिजोरी से लूं. अगर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कर दें और वो पैसा गरीबों का बचे.

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केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी.

बजट आजतक के मंच पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने केंद्र सरकार की योजनाओं की खुलकर तारीफ की है और राहुल गांधी समेत कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. महंगाई पर सबसे ज्यादा स्मृति को घेरे जाने के सवाल उन्होंने कहा- जो शहजादे का सबसे ज्यादा तपस्वी बना दे, लोग उसी को घेरेंगे. 2014 से पहले का देख लीजिए. तपस्वी तो आज बने हैं. तपस्या पर तो हमने ही निकाला है 2019 में. राष्ट्र के इतिहास में पहली बार एक सिटिंग कांग्रेस प्रेसिडेंट अपने गढ़ में हारा है. और किसी राजनेता की औलाद से नहीं हारा है. एक सामान्य परिवार की लड़की से हारा है. चोट तो लगेगी. 

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आने वाली पीढ़ी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए बजट आया है. उन्होंने कहा कि 25 साल बाद की तैयारी अभी से करें तो शायद हम ना उसका लाभ उठा पाएं, लेकिन आने वाली पीढ़ी जरूर लाभान्वित होगी. इस बजट में दो तीन चीजों का जिक्र करना चाहती हूं. एक-  भौतिक प्रुडन्स की झलक दिखती है. दूसरा- इस बजट में हर सेगमेंट कैसे आगे बढ़ सकते हैं, उसकी झलक दिखती है. चाहे कृषि हो या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनल सिक्योरिटी और पुलिस रिफॉर्म की बात करते हैं तो दूसरी तरफ डिफेंस के लिए इजाफा देखते हैं. तीसरा- कभी भी किसी भी बजट की कल्पना इस दायित्व के साथ नहीं की गई कि आगे 15-20 साल बाद क्या परिणाम होंगे.

'मित्रकाल में गरीबों के घर बनवा रहे हैं'

स्मृति ईरानी से पूछा गया कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि ये मित्र काल का बजट है? इस पर उन्होंने कहा कि चलिए मित्र का परिभाषा कर लेते हैं. मित्र कौन हैं... जो जरूरत में हैं तो उनको हम रोटी खिलाते हैं. 80 करोड़ों लोगों को मुफ्त में राशन दे रहे हैं तो इसका मतलब वो गरीब मोदी के मित्र हैं. जो बेघर हैं, उनका घर बनवाने में दोस्त ही मदद करते हैं. पीएम मोदी ने 3 करोड़ गरीब परिवारों को घर बनवा दिया, इसका मतलब वो गरीब मित्र हैं. जलजीवन मिशन में पहली बार 11 करोड़ लोगों को नल से जल दिया. यानी पानी पिला दिया, वो मित्र हैं. मित्र कौन है.. ऐसा मित्र सिरआंखों पर.

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'दम है तो अशोक गहलोत पर कार्रवाई करें राहुल गांधी'

राहुल गांधी के अडानी मसले को उठाने पर स्मृति ने कहा कि सबसे पहले उन्हें अशोक गहलोत पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. दम है तो गहलोत पर कार्रवाई करें. क्योंकि 60 हजार करोड़ का हैंडशेक कांग्रेस की राजस्थान सरकार ने किया है. 72 हजार करोड़ का लोन यूपीए में (सोनिया गांधी) ने दिया. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर कहा कि आरबीआई, एसबीआई, एलआईसी की बात नहीं मानना है तो ठीक है फिच और मूडीज ने भी बोला है. उन्होंने गांधी परिवार पर हमला बोला और कहा- वो खानदान चाहता है कि हिंदुस्तान की आवाम हमेशा भयभीत रहे. लेकिन उनको जवाब तो देना होगा. अगर वो (अडानी) इतने अछूत थे तो गहलोत जी क्यों गले लगा रहे हैं.

पी चिदंबरम पर कसा तंज...

स्मृति ने आगे कहा- तपस्या कर रहे हैं या टीशर्ट पहन रहे हैं, वो मेरा विषय नहीं है. मेरा विषय सिर्फ इतना है कि आप विश्व की सभी एजेंसियों से कह रहे हो कि मुझे आरबीआई, एसबीआई पर भरोसा नहीं हैं. जबकि ये संस्थान पॉलिटिकली नहीं हैं. अपने नेताओं पर है तो जाकर उनसे पूछिए. हिंदुस्तान पांचवी सबसे बड़ी इकॉनोमी बनी है, इससे पहले ये अटैक हुआ था क्या.. ये हम सबकी इकॉनोमी है. सिर्फ मोदी की नहीं है. स्मृति ने पी चिदंबरम को लेकर तंज कसा और कहा- जब वो वित्त मंत्री थे, तब हम तेल और साबुन के लिए 27 प्रतिशत टैक्स भरते थे. अब 18 प्रतिशत देना पड़ता है. चिदंबरम के समय हाउस लोन पर लगभग 10.4 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता था. अब 2022 का आंकड़ा देख लीजिए- करीब 8 प्रतिशत है. ये तब कम है, जब ग्लोबल इकॉनोमी पर कोविड और रूस-यूक्रेन विवाद का इम्पैक्ट पड़ा है. चूंकि वो इतने ज्ञानी हैं कि उनके ज्ञान की वजह से ब्याज दर बढ़ गई. ऐसे ज्ञानी के लिए मैं क्या बोलूं. 

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गरीबों को राशन पहुंचाने के बताए फायदे...

स्मृति ने कहा कि गरीबों को राशन पहुंचाने से दो फायदे हैं. पहला- आपने एमएसपी ऑपरेशन करके सुविधा पहुंचाई है. यानी किसान हित का संरक्षण किया है. दूसरा- गरीब तक राशन पहुंचाकर उसका खर्चा बचा लिया. ताकि वो इकोनॉमी की दूसरी चीजों पर खर्च कर सके. महिलाओं के सम्मान में टॉयलेट बनवाया. ये चुनावी घोषणा नहीं थी. लाल किले से पीएम ने कहा कि जन औषधि केंद्र से महिलाओं को एक रुपए में सैनेटरी पैड उपलब्ध करवा रहा हूं. आपको भारत की राजनीति में कभी किसी पुरुष-महिला नेताओं ने ऐसा कभी नहीं सोचा. ये विपक्ष की हताशा है और उन्होंने स्वीकार कर लिया कि 2024 में भी मोदी लौटेंगे. 

घरों में महिलाएं हिंसा का शिकार ना हों, इसलिए...

घरेलू हिंसा का मतलब यह नहीं है कि कोई गांव में किसी महिला के साथ ज्यादती हो रही है. आज पुख्ता सबूत है कि शहरों में भी पढ़ी-लिखी महिलाएं घर के ही किसी सदस्य से हिंसा का शिकार हो रही हैं. रिसर्च कहता है कि जिस महिला के पास सैलरी है, जरूरी नहीं है कि वो सुरक्षित हो. लेकिन जिस महिला के पास प्रॉपर्टी है, उसकी सिक्योरिटी बढ़ जाती है. प्रधानमंत्री आवास योजना में घर की चाबी महिला के नाम सौंपी जाती है. अमेठी में 3 लाख 20 हजार लोगों के पास घर नहीं था. 94 हजार परिवारों को पहली बार घर मिला. 

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