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PepsiCo की पूर्व CEO इंद्रा नूई बोलीं- आज भी राजा-महाराजा की तरह व्यवहार करते हैं कुछ सीईओ

Indra Nooyi की गिनती एक सक्सेसफुल बिजनेस वुमेन के रूप में किया जाता है. वह वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी को लेकर मुखर रही हैं. हाल में उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान आजकल के सीईओ को लेकर बात की.

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Indra Nooyi की फाइल फोटो
Indra Nooyi की फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • Nooyi ने एक कार्यक्रम के दौरान कही ये बातें
  • उन्होंने महिला कर्मचारियों को लेकर भी पेश की राय

PepsiCo की पूर्व सीईओ Indra Nooyi ने कहा है कि दुनियाभर में कई ऐसे कॉरपोरेट लीडर्स हैं जो आज के समय में भी 'राजा' की तरह व्यवहार करते हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "कुछ सीईओ आज के समय में भी राजा की तरह Behave करते हैं. ऐसे लोगों को अप्रोच नहीं किया जा सकता है और उनमें काफी अधिक घमंड होता है. मेरा मानना है कि ऐसे में कंपनी के बोर्ड को अपनी भूमिका निभानी चाहिए. हमें एक तरह की Hierarchical Company की व्यवस्था को छोड़ते हुए नेटवर्किंग कंपनी बनने की ओर बढ़ना चाहिए, जहां सभी तरह के बैरियर टूट जाते हैं."

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आज के सीईओ के लिए Nooyi की सलाह

Nooyi ने कहा कि आज के सीईओ को जीवन भर नई चीजें सीखने की प्रतिबद्धता रखनी चाहिए. इसके साथ ही उन्हें यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि किस तरह टेक्नोलॉजी में हो रहे बदलावों को अपनाया जा सकता है. उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान महिला कर्मचारियों की संख्या में आ रही कमी को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने महिला कर्मचारियों और खासकर जरूरी सेवाओं में काम करने वाली महिलाओं को सपोर्ट करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की जरूरत पर बल दिया. 

महिलाओं को लेकर कही ये बात

Nooyi ने कहा, "हमने ऐसा दौर देखा है जब महिलाओं ने अपनी राह बनाई है लेकिन परिवार, बच्चों की देखभाल के कारण उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी है. वास्तव में जरूरी सेवाओं में महिलाओं को किसी तरह को सपोर्ट नहीं मिलता है. हमें इस चीज को Adopt करने का समय आ गया है कि परिवार का मतलब केवल महिला नहीं है, परिवार का मतलब पुरूष और महिला दोनों है और दोनों को अपनी जिम्मेदारियां निभाने की जरूरत है."

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उन्होंने स्वीकार किया कि एक तरह के पूर्वाग्रह, वेतन में असमानता और मूल्यांकन के अलग-अलग पैरामीटर जैसी कई वजहों से कई महिलाओं को कामकाज छोड़ना पड़ता है. 

असफलता भी है अहम

किसी भी व्यक्ति के जीवन में असफलता की अहमियत को लेकर Nooyi ने कहा कि उन्होंने भी कई तरह की असफलताएं (Failures) देखी हैं और इसके बिना वह बेहतर सीईओ नहीं बन सकती थीं.

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