भारतीय रिजर्व बैंक की गोल्ड स्कीम- सॉवरेन गोल्ड स्कीम को बंद कर दिया गया है. पिछले कुछ सालों में सोने की कीमतों में भारी उछाल के कारण सरकार के लिए इस स्कीम को जारी रखना मुश्किल हो रहा था. ग्लोबल मार्केट में सोने का भाव 2,800 प्रति औंस के पार हो गया है. भारत में भी गोल्ड की कीमत 84,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई है. गोल्ड की कीमतों में आगे भी भारी उछाल आने के संकेत मिल रहे हैं. कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रंप के टैरिफ के फैसले के बाद सोने की कीमत में और ज्यादा तेजी देखने को मिल सकती है.
दूसरी ओर, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) बंद होने से निवेशकों के लिए बेहतर गोल्ड इन्वेस्टमेंट ऑप्शन खत्म हुआ है. यह योजना ऐसी थी, जो निवेशकों को सस्ते में सोना खरीदने का मौका देती थी. RBI की वेबसाइट के मुताबिक इसकी मैच्योरिटी 8 साल की थी. SGB का 2.5% का फिक्स्ड ब्याज था. इसके अलावा, 8 साल में जितनी भी सोने की कीमत बढ़ेगी. उसका उतना ही लाभ मिलता था. SGB के तहत मिले ब्याज पर टैक्स लगता था. लेकिन अगर मैच्योरिटी पूरी होती है तो कैपिटल गेन टैक्स फ्री माना जाता था.
खैर अब ये योजना समाप्त होने से निवेशकों के लिए गोल्ड में निवेश का एक बड़ा मौका खत्म हो चुका है. इसका मतलब है कि अब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कोई भी नई किस्त नहीं आएगी. पुरानी किस्त, जो आ चुकी हैं, वह मैच्योरिटी पूरा होने तक रहेंगी. भारत सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत साल 2015 में की थी.
SGB स्कीम बंद करने पर सरकार ने क्या कहा?
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बताया कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना को बंद करने का फैसला सरकार की उधारी लागत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. उन्होंने कहा, 'ये फैसले बाजार से उधारी जुटाने और बजट फाइनेंसिंग के उद्देश्य से लिए जाते हैं. यह भी देखना जरूरी होता है कि कि इस एसेट क्लास को सपोर्ट देना है या नहीं. ऐसे में सरकार के नुकसान को देखते हुए इसे जारी नहीं रखने का फैसला किया है.'
वित्त मंत्री ने बंद करने के दिए थे संकेत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को बजट पेश करने के बाद मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा था कि एसजीबी स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) को बंद करने की राह पर हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार सॉवेरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को बंद करने वाली है, तो इसके जबाव में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हां, हम एक तरह से इस राह पर हैं. बता दें कि वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए मोदी 3.0 के पूर्ण बजट में कई बड़े ऐलान किए गए, लेकिन SGB Scheme को लेकर कोई चर्चा नहीं की.
अब आपके पास निवेश के क्या विकल्प?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम बंद होने के बाद अब गोल्ड में निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) और गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Mutual Fund) का विकल्प बचा है. इन दोनों में सेकेंडरी मार्केट में निवेश किया जा सकता है. जरूरत के हिसाब से आप इन गोल्ड को खरीद-बेच सकते हैं. हालांकि फिजिकल गोल्ड में निवेश के मुकाबले इन दोनों ऑप्शन में निवेश करना आसान है, क्योंकि इसमें असली और नकली सोने से कोई लेना देना नहीं होता है.
Gold ETF क्या है?
गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की कीमतों को ट्रैक करता है. अगर फिजिकल गोल्ड की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है तो ईटीएफ गोल्ड की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव होता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश एक्चेंजों के माध्यम से किसी भी ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म के जरिए कर सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ की वैल्यू गोल्ड की कीमत पर बेस होती है. इसकी वजह यह है कि गोल्ड ईटीएफ अपने पैसे का निवेश फिजिकल गोल्ड में करता है. गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट की वैल्यू एक ग्राम गोल्ड के बराबर होती है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड
गोल्ड ईटीएफ के अलावा, गोल्ड म्यूचुअल फंड में भी निवेश का एक अच्छा ऑप्शन होता है. गोल्ड म्यूचुअल फंड्स ओपन-एंडेड फंड्स हैं, जो गोल्ड ईटीएफ की यूनिट्स में निवेश करते हैं. हर गोल्ड म्यूचुअल फंड का एक फंड मैनेजर होता है, जो निवेश से जुड़े फैसले लेता है. गोल्ड म्यूचुअल स्कीम में यूनिट्स की नेट एसेट वैल्यू (NAV) होती है. गोल्ड म्यूचुअल फंड के एसेट्स का प्रबंधन फंड मैनेजर करता है.