
इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट (Financial Crisis) का सामना कर रहे श्रीलंका (Sri Lanka) ने बदहाल हो चुकी अर्थव्यवस्था (Economy) को बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. पड़ोसी देश ने अब अपने खर्चों में कटौती के लिए 300 उपभोक्ता वस्तुओं के आयात पर बैन (Import Ban) लगा दिया है. इनमें चॉकलेट-शैंपू समेत कई उत्पाद शामिल हैं.
आजादी के बाद सबसे बड़ा संकट
अपनी आजादी के बाद से यानी साल 1948 के बाद श्रीलंका (Sri Lanka) इस समय सबसे बड़े आर्थिक संकट (Economic Crisis) का सामना कर रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म होना है. फॉरेक्स रिजर्व (Forex Reserve) की कमी के कारण देश न तो जरूरी सामानों का आयात करने में सक्षम है और न ही दूसरे देशों का कर्ज चुकाने लायक बचा है.
देश में हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि स्थानीय लोग, ईंधन, बिजली, खाने-पीने की चीजों से लेकर दवाई तक की कमी से जद्दोजहद कर रहे हैं.
इन सामानों के Import पर लगा बैन
पीटीआई के मुताबिक, तमाम कोशिशों के बावजूद श्रीलंका में हर दिन के साथ बिगड़ते हालात काबू में आते नजर नहीं आ रहे हैं. जरूरी सामानों की कमी और चरम पर पहुंची महंगाई (Inflation) ने जनता को बेहाल कर दिया है और वो सड़क पर प्रदर्शन करने को मजबूर है.
ऐसे में अब इकोनॉमी को संभालने की अपनी कवायद के तहत सरकार ने नया और बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत चॉकलेट, परफ्यूम, मेकअप के सामान, शैंपू समेत कुछ मशीनरी व अन्य सामानों के आयात पर रोक (Import Ban) लगा दी गई है.
खर्चों में कटौती करने की कवायद
दरअसल, श्रीलंका (Sri Lanka) की ये कवायद खर्चे में कटौती के लिए है. वित्त मंत्रालय की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कंट्रोल रेगुलेशन के अंतर्गत 22 अगस्त 2022 को विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं (Consumer Items) समेत कई तरह की मशीनरी के आयात को प्रतिबंधित किया गया है. नोटिफिकेशन के अनुसार, इनमें से जो सामान 23 अगस्त से पहले शिप्ड हो गए हैं और देश में 14 सितंबर से पहले पहुंचने वाले हैं, उन पर बैन (Ban) का असर नहीं होगा.
राजकोषीय घाटे में कमी का लक्ष्य
श्रीलंका ने अपने 2023 के बजट राजकोषीय घाटे को पिछले वित्त वर्ष के अनुमानित 9.9 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है. मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ सदस्य ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने संकटग्रस्त द्वीपीय राष्ट्र के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के प्रतिनिधिमंडल की यात्रा से पहले यह जानकारी दी.
दरअसल मुद्राकोष के सदस्य श्रीलंका को मदद पर फैसला ले सकते हैं. अपना पक्ष मजबूत करने के लिए श्रीलंका वो सभी कदम उठा रहा है, जिससे ये पता चले कि वह अपने खर्चों पर नियंत्रण कर रहा है. देश का विदेशी मुद्रा (Forex Reserve) लगभग खत्म हो चुका है. इसी वजह से बीते अप्रैल महीने में देश ने खुद को डिफॉल्टर घोषित कर दिया था.
राजकोषीय घाटे में कमी का लक्ष्य
हाल के दिनों में 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाले देश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शनों के बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को अपने पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इन सब घटनाक्रमों के बीच सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने की तमाम कोशिशें कर रही है.
श्रीलंका के सूचना मंत्री बंडुला गुनावर्धने ने मंगलवार को कहा कि श्रीलंका की इस वित्त वर्ष में बजट घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 6.8 फीसदी तक कम करने की योजना है. 2022 में यह आंकड़ा अनुमानित 9.9 फीसदी था.