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खुलते ही शेयर बाजार में मचा कोहराम... Sensex ने लगाया 700 अंकों का गोता, 6 दिन में 20 लाख करोड़ स्वाहा

Stock Market Crash : गुरुवार को सुबह 10.10 बजे पर बीएसई का सेंसेक्स 735.01 अंक या 1.15 फीसदी की गिरावट के साथ 63,314.05 के स्तर पर, जबकि एनएसई निफ्टी 230.10 अंक या 1.20 फीसदी फिसलकर 18,892 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था.

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शेयर बाजार में बीते छह दिनों से लगातार जारी है गिरावट
शेयर बाजार में बीते छह दिनों से लगातार जारी है गिरावट

एक ओर जहां इजरायल और हमास की बीच जंग (Israel-Hamas War) थमने का नाम नहीं ले रही है, तो इसके असर से भारतीय शेयर बाजार में कोहराम मचा हुआ है. लगातार छठे दिन Stock Market गिरावट के साथ खुला और कुछ ही देर के कारोबार के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 700 अंक से ज्यादा टूट गया. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) भी 200 अंक से ज्यादा फिसलकर 19,000 से नीचे पहुंच गया. बीते छह दिनों से जारी इस गिरावट की वजह से निवेशकों की 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति स्वाहा हो गई है. 

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735 अंक की गिरावट में सेंसेक्स
सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. खबर लिखे जाने तक सुबह 10.10 बजे पर बीएसई का सेंसेक्स 735.01 अक या 1.15 फीसदी की जोरदार गिरावट के साथ 63,314.05 के स्तर पर आ गया था. वहीं दूसरी ओर एनएसई निफ्टी 230.10 अंक या 1.20 फीसदी फिसलकर 18,892 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था. मार्केट में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर का बुरा हाल है, निफ्टी मिडकैप 100 में 1.88 फीसदी और स्मॉलकैप में 2.57 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है. 

शुरुआती कारोबार में सबसे ज्यादा टूटने वाले शेयरों की बात करें, तो M&M, Tech Mahindra, Bajaj Finserv और Hindalco 2.75 पीसदी तक टूटकर कारोबार कर रहे हैं. 

20.14 लाख करोड़ रुपये डूबे
Share Market में आई इस सुनामी के चलते शेयर मार्केट इन्वेस्टर्स की संपत्ति पर भी असर पड़ा है. बीते छह दिनों के भीतर ही निवेशकों ने अपने 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गंवा दिए हैं. गुरुवार को आई शुरुआती गिरावट में ही निवेशकों की संपत्ति 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गई. गौरतलब है कि बीते कारोबारी सत्र बुधवार को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 309.22 लाख करोड़ रुपये था, जो खबर लिखे जाने तक 5.54 लाख करोड़ रुपये गिरकर 303.68 लाख करोड़ रुपये रह गया. वहीं बीते छह दिनों में निवेशकों के कुल 20.14 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं. 

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ऐसे घटता गया BSE MCap
 

तारीख              बीएसई का मार्केट कैप

17 अक्टूबर        3.29 लाख करोड़ रुपये
18 अक्टूबर        3.26 लाख करोड़ रुपये
19 अक्टूबर        3.26 लाख करोड़ रुपये
20 अक्टूबर        3.24 लाख करोड़ रुपये
23 अक्टूबर        3.16 लाख करोड़ रुपये 
25 अक्टूबर        3.09 लाख करोड़ रुपये
26 अक्टूबर        3.03.68 लाख करोड़ रुपये (सुबह 10.20 बजे तक) 

सेंसेक्स-निफ्टी का बुरा हाल
मार्केट ओपन होने साथ ही BSE Sensex 63,774.16 के लेवल पर खुला था और एक घंटे के कारोबार के दौरान 63,278.64 के स्तर तक टूट गया. इससे पिछले कारोबारी दिन बुधवार को सेंसेक्स 64,049.06 पर बंद हुआ था. Nifty-50 की बात करें तो ये भी लाल निशान पर 19,027.25 के लेवल पर ओपन हुआ था और घंटेभर में ही 18,888.15 के निचले स्तर तक पहुंच गया. बुधवार को निफ्टी गिरावट के साथ 19,122.15 के लेवल पर बंद हुआ था.

बाजार में गिरावट के ये बड़े कारण
इस समय न केवल भारतीय शेयर बाजार बल्कि विदेशी बाजारों में भूचाल नजर आ रहा है. नास्डैक से लेकर एसएंडपी ग्लोबल 2 फीसदी टूटे हैं. अब अगर बाजारों में मचे इस कोहराम के पीछे का कारणों पर नजर डालें तो एक नहीं बल्कि कई वजह हैं, जिसकी वजह से इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. 

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पहला कारण : इजरायल-हमास जंग (Israel-Hamas War) है. इस युद्ध का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है और इसकी चपेट में पूरे मिडिल ईस्ट के आने की संभावना बढ़ गई है. इसका असर बाजार पर पड़ रहा है. 

दूसरा कारण : इजरायल-हमास जंग का जो असर मिडिल ईस्ट पर पड़ रहा है, उससे कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में लगातार तेजी आ रही है और ये 90 डॉलर प्रति बैरल के पार बना हुआ है. इसमें और इजाफे की संभावना ने मार्केट पर असर डाला है. 

तीसरा कारण : बीते महीने सितंबर में FPI ने नेट आधार पर 14768 करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाले. वहीं अक्टूबर में भी बिकवाली लगातार जारी है. इस महीने अभी तक विदेशी निवेशकों ने 12000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. ये विदेशी निवेशक फाइनेंस, पावर, एफएमसीजी और आईटी के शेयरों की जोरदार बिकवाली कर रहे हैं.

चौथा कारण : अमेरिका में 10-साल का बॉन्ड यील्ड 16 साल की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुका है. इसके पहले साल 2007 में यह 5 फीसदी के पार निकला था. इसका असर भी अमेरिका समेत दुनियाभर के बाजारों में गिरावट के रूप में दिखाई दे रहा है. 

पांचवां कारण : अमेरिका में ब्याज दरों में फेरबदल का असर भी भारतीय बाजारों पर पड़ता है. ऐसे में अगले हफ्ते में अमेरिका के केंद्रीय बैंक यानी फेडरल रिजर्व बैंक (US Fed) की बैठक होने जा रही है. इसमें पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी की आशंका बनी हुई है.

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