रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से यह सप्ताह शेयर बाजार के लिए काफी निराशाजनक रहा. संकट गहराने के साथ सेंसेक्स और निफ्टी सहित दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट का रुख देखने को मिला. BSE का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक Sensex 18 फरवरी को 57,832.97 अंक के स्तर पर बंद हुआ था. सेंसेक्स 25 फरवरी को 55,858.52 अंक के स्तर पर बंद हुआ. इस तरह सेक्स पिछले पांच सत्र में कुल 1,974.45 अंक लुढ़क गया. इसी तरह, NSE Nifty इस अवधि में 617.90 अंक टूटकर 16,658.40 अंक के स्तर पर बंद हुआ.
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल बना सिरदर्द
Russia-Ukraine War का असर कई प्रकार से इकोनॉमी पर देखने को मिल है. इस लड़ाई के चलते कच्चे तेल की कीमतें गुरुवार को 105 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई. इससे तेल आयात करने वाले भारत जैसे देशों में महंगाई के और अधिक बढ़ जाने की आशंका पैदा हो गई. इस वजह से भी सेंटिमेंट पर असर पड़ा. हालांकि, सप्ताह के आखिरी दिन भारी लिवाली से गिरावट एक स्तर तक सीमित रही.
अधिकतर शेयरों में गिरावट
Nifty इंडेक्स की 46 कंपनियां इस सप्ताह लाल निशान में रहीं. Bharat Petroleum के शेयर इस सप्ताह सबसे ज्यादा 9.92 फीसदी लुढ़क गए. इसके अलावा यूपीएल (UPL), एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस (HDFC Life Insurance), ग्रासिम इंडस्ट्रीज (Grasim Industries), एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस (SBI Life Insurance), हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services), इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (Indian Oil Corporation), Tata Motors और भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) के शेयर भी छह फीसद से ज्यादा लुढ़क गए.
अगले सप्ताह क्या रहेगा हाल
अगला सप्ताह काफी अहम रहने वाला है. अगला सप्ताह साल के अंतिम वित्त वर्ष का पहला हफ्ता भी होगा. आगामी सप्ताह में कई डेटा शेयर बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे. 28 फरवीर को जनवरी महीने का इंफ्रा आउटपुट डेटा आएगा. इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही का जीडीपी डेटा भी 28 फरवरी को आएगा.
इसके अलावा ट्रेडर्स की निगाहें दो मार्च को जारी होने वाले मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डेटा पर भी रहेगी. आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जनवरी, 2022 में घटकर 54 पर आ गया था जो दिसंबर, 2021 में 55.5 पर रहा था.
चार मार्च को मार्किट सर्विसेज पीएमआई का डेटा भी रिलीज होने वाला है. ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक आने वाले सप्ताह में भी निवेशक सतर्क रहेंगे. निवेशकों की निगाहें रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े डेवलपमेंट के साथ-साथ इन अहम आंकड़ों पर भी रहेगी. इस तरह के उतार-चढ़ाव भरे माहौल में निवेशक इंवेस्टमेंट के लिए बैलेंस अप्रोच रखते हैं.