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Success Story: रद्दी का ढेर देख आया आइडिया... फिर हो गया कमाल, महिला ने खड़ी कर दी 800 करोड़ की कंपनी

Poonam Gupta Success Story : महिला उद्योगपति पूनम गुप्ता दिल्ली की रहने वाली हैं और उन्होंने यहां के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक में ऑनर्स किया है. उन्होंने 2003 में 1 लाख रुपये से रद्दी पेपर खरीदने का बिजनेस शुरू किया था और आज उनकी कंपनी की वैल्यू 800 करोड़ रुपये है.

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ऑफिसों में रद्दी के ढेर देखकर पूनम गुप्ता के दिमाग में आया था बिजनेस आइडिया
ऑफिसों में रद्दी के ढेर देखकर पूनम गुप्ता के दिमाग में आया था बिजनेस आइडिया

कहते हैं मेहनत, लगन और जज्बे से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है और बिजनेस सेक्टर में कई ऐसे उदाहरण मौजूद हैं जहां छोटी सी शुरुआत से बुलंदियों पर पहुंचा गया है. कुछ ऐसी ही दिलचस्प कहानी है भारतीय मूल की उद्योगपति पूनम गुप्ता (Poonam Gupta Businesswoman) की, जिनके दिमाग में आए रद्दी खरीदने के आइडिया (Waste Paper Idea) ने ऐसा कमाल किया कि आज वे 800 करोड़ रुपये मार्केट वैल्यू वाली कंपनी की मालकिन हैं. आइए जानते हैं आखिर क्या था ये आइडिया और कैसे मिली इस बिजनेस में पूनम को सफलता?  

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दिल्ली से पहुंची थीं स्कॉटलैंड
महिला उद्योगपति पूनम गुप्ता (Poonam Gupta) दिल्ली की रहने वाली हैं और उन्होंने यहां के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक में ऑनर्स किया है. फिर एमबीए (MBA) करने के बाद उन्होंने नौकरी की तलाश शुरू की, लेकिन उन्हें कहीं सफलता नहीं मिली. साल 2002 में उनकी शाही पुनीत गुप्ता से हो गई, जो स्कॉटलैंड में रहकर नौकरी करते थे. शादी के बाद पति के साथ पूनम भी स्टॉकलैंड चली गईं और वहां पर नौकरी तलाशने लगीं. लेकिन एक्सपीरियंस न होने के चलते उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस बीच उनके दिमाग में एक आइडिया आया. 

ऑफिसों में रद्दी के ढेर देख आया आइडिया
ये आइडिया था रद्दी से जुड़ा हुआ. दरअसल, पूनम गुप्ता जब नौकरी की तलाश में एक से दूसरे ऑफिस के चक्कर काट रही थीं, तो उन्हें ज्यादातर ऑफिसों में रद्दी के ढेर नजर आए, फिर उन्होंने इस पर रिसर्च शुरू किया और दिमाग में चल रहे इस रद्दी को रिसाइक्लिंग कर नया माल बनाने के आइडिया पर उन्होंने अपना पूरा फोकस कर दिया. इसी समय पूनम को स्कॉटलैंड की सरकार द्वारा संचालित की जा रही एक योजना के तहत 1,00,000 रुपये का एक फंड भी हासिल हो गया और इस फंड के जरिए ही Poonam Gupta ने नौकरी के बजाय अपना खुद का रद्दी का बिजनेस शुरू करने का प्लान तैयार कर लिया. 

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1 लाख से 800 करोड़ रुपये का सफर 
साल 2003 में यानी 20 साल पहले पूनम गुप्ता ने सरकार द्वारा दी गई इस एक लाख रुपये की मदद से PG Paper नाम से रद्दी को रिसाइकिल करने वाला अपना स्टार्टअप शुरू किया. रद्दी पेपर खरीदने और उसे अपनी कंपनी में रिकाइक्लिंग के जरिए बेहतर क्वालिटी के नए पेपर में तब्दील करके सप्लाई करने का उनका ये आइडिया काम आया और इसके साथ ही उनका बिजनेस भी चल निकला. 20 साल के इस सफर में उन्हें लगातार सफलता मिलती गई और 1 लाख रुपये से शुरू हुई उनकी कंपनी आज 800 करोड़ रुपये की बन गई है. 

दुनिया भर में फैला पूनम का कारोबार
शुरुआती दौर में रद्दी खरीदने का पूनम गुप्ता का बिजनेस स्थानीय लेवल पर था और जब डिमांड बढ़ी तो उन्होंने पूरे स्कॉटलैंड में फैला दिया. इसके बाद भारतीय मूल की इस महिला उद्योगपति ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने रद्दा के कारोबार को यूरोप और अमेरिका तक फैला दिया. इन देशों की बड़ी-बड़ी कंपनियों से पीजी पेपर का कॉन्ट्रैक्ट है और यहां से पेपर स्क्रैप खरीद की जाती है. रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल, PG Paper का कारोबार दुनिया के 60 देशों में फैला है. 

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