अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने बीते साल जून महीने में सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विल्मोर (Butch Wilmore) को बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के जरिए महज 8 दिन के मिशन पर अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा था, लेकिन दोनों को वहां फंसे हुए करीब 9 महीने से ज्यादा हो चुके हैं. हालांकि, अब इनकी घर वापसी पक्की हो गई है और आज (18 मार्च) शाम सुनीता और बुच धरती पर लौटेंगे. इस बीच सवाल उठता है कि क्या आठ दिन के मिशन में 9 महीने बीत जाने पर नासा की ओर से दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को ओवरटाइम दिया जाएगा? आइए जानते हैं क्या कहता है नासा का सैलरी स्ट्रक्चर...
NASA नहीं देता कोई ओवरटाइम
आमतौर पर किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त काम करने के लिए ओवरटाइम का लाभ दिया जाता है. लेकिन क्या अंतरिक्ष यात्रियों पर भी ये लागू होता है? दरअसल, ये सवाल इसलिए उठ रहा है कि 8 दिन के मिशन पर गए अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर करीब 9 महीने से ज्यादा समय बाद धरती पर लौट रहे हैं. तो बता दें कि नासा के सैलरी स्ट्रक्चर के मुताबिक, Nasa वेतन के मामले में ISS भेजे गए एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में किसी भी कारण से अतिरिक्त समय बिताने के लिए कोई ओवरटाइम नहीं देता है.
सिर्फ 4 डॉलर का अतिरिक्त मुआवजा
Nasa के अंतरिक्ष यात्री सैलरीड फेडरल एंप्लॉई हैं और ये GS-15 सैलरी ग्रेड के अंतर्गत नोटिफाई हैं, जिन्हें सालाना 125,133 डॉलर से लेकर 162,672 डॉलर तक मिलते हैं और इन्हें इंडियन करेंसी में कन्वर्ट करें, तो इस ग्रेड के तहत आने वाले अंतरिक्ष यात्रियों का सालाना वेतन 1.08 करोड़ रुपये से लेकर 1.41 करोड़ रुपये तक होता है. यहां बता दें कि हाई रिस्क, बिजी शेड्यूल और लंबे समय तक एकांतवास का सामना करने के बावजूद नासा के सैलरी स्ट्रक्चर में इसके लिए कोई ओवरटाइम का प्रावधान नहीं है. भले ही अंतरिक्ष यात्री महीनों तक ग्रह की परिक्रमा करते रहें.
रिपोर्ट्स की मानें तो सबसे पॉपुलर एस्ट्रोनॉट्स की लिस्ट में शामिल सुनीता विलियम्स की संपत्ति (Sunita Williams Networth) करीब 5 मिलियन डॉलर है, जो कि इंडियन करेंसी में लगभग 43 करोड़ रुपये से ज्यादा होती है.
अंतरिक्ष यात्रियों को मिशन के दौरान मिलने वाली सुविधाओं में सभी आवश्यक खर्च जैसे भोजन, आवास और परिवहन कवर किए जाते हैं और ये न केवल अंतरिक्ष में जाने पर, बल्कि धरती पर ट्रेनिंग के दौरान भी दिए जाते हैं. अगर किसी तरह के अतिरिक्त मुआवजे की बात करें, तो ये एकमात्र आकस्मिक व्यय के लिए दिया जाता है, जो सिर्फ 4 डॉलर प्रतिदिन का होता है. यानी करीब 347 रुपये प्रतिदिन का, इसे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के अंतरिक्ष में बिताए गए करीब 300 दिनों के हिसाब से कैलकुलेट करें, तो ये 1,04,100 रुपये होते हैं. हालांकि, नासा साफ कहता है कि ये यह राशि व्यक्तिगत खर्चों के लिए होती है और इसे ओवरटाइम सैलरी नहीं कहा जाता है.
पूर्व अंतरिक्ष यात्री ने साफ की तस्वीर
Nasa के सेवानिवृत्त अंतरिक्ष यात्री कैडी कोलमैन अंतरिक्ष में लगभग 6 महीने बिता चुके हैं. उन्होंने बताया कि यह हमेशा से ही एक सामान्य बात रही है कि अंतरिक्ष में रहने के लिए आपको ओवरटाइम नहीं मिलता. दरअसल, यह एग्रीमेंट का हिस्सा होता है. उन्होंने कहा कि नासा का तर्क है कि अंतरिक्ष यात्रियों के मिशन पूरी तरह से वित्तपोषित हैं और इसमें सभी जीवन-यापन से जुड़े खर्चों को पहले से कवर किया गया है, इसलिए ओवरटाइम की कोई जरूरत ही नहीं है. भले ही अंतरिक्ष यात्रियों का मिशन लंबा और जोखिम भरा क्यों न हो.
कोलमैन ने आगे कहा कि Nasa की सबसे लंबी अवधि के आईएसएस मिशनों की अनुभवी सुनीता विलियम्स भी इसी दायरे में आती हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में 300 से अधिक दिन बिताए हैं और अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन अपने सहयोगियों की तरह, उन्हें कक्षा में बिताए गए समय के लिए कोई अतिरिक्त वेतन नहीं मिलेगा.
SpaceX के क्रू-10 से घर वापसी
सुनीता विलियम्स की घरवापसी (Sunita Williams Homecoming) का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और ड्रैगन यान में चारों अंतरिक्ष यात्री उड़ने के लिए तैयार हैं. इन चारों को धरती पर वापस लाने और उनकी जगह स्पेस स्टेशन पर रिप्लेसमेंट के तौर पर चार अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए नासा ने SpaceX के साथ मिलकर क्रू 10 मिशन भेजा है. इसके यान, ड्रैगन ने 4 अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन पहुंचा दिया है और अब सुनीता विलियम्स समेत 4 अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर धरती पर वापस आ रहा.