आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अडानी-हिंडनबर्ग (Adani-Hindenburg) मामले की सुनवाई होनी थी, जिसे अदालत ने टाल दिया है. इस मामले में मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने बीते 25 अगस्त को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की थी, जिस पर 29 अगस्त को सुनवाई की जानी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया है.
गौरतलब है कि इस साल 2023 की शुरुआत में अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म Hindenburg की ओर से अडानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की गई थी, जिसमें समूह पर 88 गंभीर सवाल उठाए गए थे. इनमें शेयरों की कीमत में हेर-फेर से लेकर भारी भरकम कर्ज से जुड़े सवाल शामिल थे. इन्हीं आरोपों की जांच सेबी की एक्सपर्ट कमेटी द्वारा की जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था 15 दिन का समय
पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से मार्केट रेग्युलेटर को अडानी-हिंडनबर्ग मामले में अपनी जांच रिपोर्ट 14 अगस्त 2023 तक सब्मिट करने के लिए कहा गया था, लेकिन सेबी ने इस जांच के लिए और 15 दिन का समय मांगा था. इसके बाद सुनवाई की अगली तारीख को 29 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया था, जिसके बाद सेबी ने अपनी रिपोर्ट 25 अगस्त को कोर्ट में दाखिल कर दी थी. बता दें कि सेबी की ओर से अडानी समूह के एक्टिविटीज के विभिन्न पहलुओं से संबंधित कुल 24 जांच की जा रही हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई जांच रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो इन 24 जांचों में से 22 का फाइनल रिजल्ट आ चुका है.
पांच 'टैक्स हेवन' देशों के जवाब का इंतजार
पीटीआई के मुताबिक, मार्केट रेग्यूलेटर सेबी (Sebi) की तरफ से अब 5 'टैक्स हेवन' देशों के जवाब पर इंतजार करने के लिए कहा गया है. सेबी की तरफ से 25 अगस्त को प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में उच्चतम न्यायालय में दावा किया गया कि अडानी ग्रुप के खिलाफ दो आरोपों को छोड़कर सभी आरोपों की जांच पूरी कर ली गई है. अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों के असली मालिकों के बारे में पांच देशों से जानकारी प्राप्त होने का इंतजार किया जा रहा है.
13 संदिग्ध ट्रांजैक्शंस की जांच
गौरतलब है कि रेग्यूलेटर की ओर से बताया गया था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) में जिन 13 संदिग्ध ट्रांजैक्शन का जिक्र किया गया है वो सीधे सपाट नहीं हैं, बल्कि काफी जटिल हैं, और इनसे जुड़े लेन-देन दुनिया के कई देशों से संबंधित हैं. इनमें जिनमें 12 एफपीआई (FPI) और एक विदेशी कंपनी है. हिंडनबर्ग ने बीते 24 जनवरी 2023 को Adani Group को लेकर जो रिपोर्ट पब्लिश की गई थी, उसके जारी होने के अगले कारोबारी दिन से ही अडानी की कंपनियों के शेयरों में सुनामी आ गई थी और महज दो महीने के भीतर ही स्टॉक 80 फीसदी से ज्यादा टूट गए थे.
इसके साथ ही 24 जनवरी से पहले दुनिया के टॉप अरबपतियों में चौथे पायदान पर मौजूद गौतम अडानी की नेटवर्थ में गिरावट आने से वे खिसकते हुए 37वें पायदान पर पहुंच गए थे. इस बीच गौतम अडानी की नेटवर्थ में 60 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली.