टाटा ग्रुप की कंपनी Tata Communications ने अपनी 100 फीसदी स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी टाटा कम्युनिकेशंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड (TCPSL) को विदेशी कंपनी के हाथों में दे दिया है. अब इस कंपनी की कमान ऑस्ट्रेलियाई फर्म की भारतीय ब्रांच संभालेगी. टाटा की इस सहायक कंपनी को ऑस्ट्रेलिया की डिजिटल पेमेंट और फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी Findi की भारतीय शाखा ट्रांजैक्शन सॉल्यूशंस इंटरनेशनल (India) प्राइवेट लिमिटे (TSI) ने खरीदा है.
टाटा और ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ने Tata Communications और Findi ने इस डील को लेकर एक संयुक्त बयान जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि सभी नियमों का पालन किया गया है. 28 फरवरी 2025 को ट्रांजैक्शन पूरा हो चुका है.
टाटा ने क्यों बेची ये कंपनी?
टाटा की कंपनी Tata Communications ने अब नेटवर्क, क्लाउड, साइबर सिक्योरिटी और मीडिया सर्विसेज जैसे अपने मुख्य बिजनेस पर फोकस करना चाहती है. कंपनी का कहना है कि इन सेक्टर्स में अच्छी ग्रोथ है और यहां उसे बेहतर मुनाफा मिलने की संभावना है. इसी कारण टाटा कम्युनिकेशन ने यह कंपनी बेचा है. टाटा कम्युनिकेशन के CFO कबीर अहमद शाकिर ने कहा, 'यह डील हमारे बिजनेस को और ज्यादा मजबूत करने के लिए किया गया है. हम उन सेक्सर्ट में निवेश करना चाहते हैं, जहां भविष्य की संभावनाएं ज्यादा हैं.'
ग्रोथ नहीं तो ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ने क्यों की ये डील?
ऑस्ट्रेलिया की कंपनी के लिए ये डील किसी जैकपॉट से कम नहीं है. इस अधिग्रहण के बाद फिंदी को 4600 से ज्यादा ATM का एक बड़ा नेटवर्क मिल जाएगा. साथ ही व्हाइट लैबल एटीएम प्लेटफॉर्म और पेमेंट स्विच जैसी टेक्नोलॉजी का एक्सेस भी मिलेगा. यह डील Findi को अपने 1.8 लाख से ज्यादा व्यापारियों (FindiPay और BankIT ब्रांड्स के तहत) के नेटवर्क में ATM लगाने में मदद करेगी. कंपनी के एमडी और सीईओ दीपक वर्मा ने कहा कि यह डील हमें भारत में उन लोगों तो पहुंचने में मदद करेगी, जिनके पास बैंकिंग सुविधाएं सीमित हैं.
लोगों को क्या होगा फायदा?
Tata Communications और Findi ने यह भी आश्वासन दिया है कि कर्मचारियों, ग्राहकों और बिजनेस पार्टनर्स के लिए ट्रांजिशन पूरी तरह से अच्छा रहेगा. दोनों कंपनियां यह कोशिश करेंगी कि ग्राहकों को किसी भी तरह की परेशानी न हो और नए बदलावों का फायदा उन्हें मिले.