आईटी सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में से एक टीसीएस (TCS) ने कई स्थानों पर अपने 2,000 से ज्यादा कर्मचारियों को ट्रांसफर नोटिस (Transfer Notice) भेजा है. नोटिस के मुताबिक, इन कर्मचारियों को 15 दिन के भीतर ज्वाइन करना होगा. कंपनी ने कहा है कि अगर इस डेट तक एम्प्लॉई ज्वाइनिंग की जगह पर नहीं पहुंचते हैं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में कंपनी ने जानकारी दी है कि कंपनी यात्रा और आवास का खर्च उठाएगी.
कर्मचारियों ने जताई नाराजगी
एनआईटीईएस ने बिजनेस टूडे को बताया कि 180 से ज्यादा कर्मचारी संघ के पास गए और कंपनी की ओर से अचानक भेजे गए इस ईमेल को लेकर नाराजगी जाहिर की. कर्मचारियों का दावा है कि बिना किसी उचित सूचना और परामर्श के बिना ही कंपनी ने ऐसा फैसला लिया है, जिससे उन्हें और उनके परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
आईटी यूनियन ने दर्ज कराई शिकायत
कर्मचारियों की शिकायत के बाद आईटी यूनियन ने टीसीएस के खिलाफ श्रम और रोजगार मंत्रालय के पास शिकायत दर्ज कराई है. एनआईटीईएस के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने बताया कि इस अचानक कदम से कर्मचारियों को बहुत असुविधा हुई है और यह कर्मचारियों की छंटनी को लेकर भी एक समस्या बन सकती है.
तनाव और चिंता को नजअंदाज कर रही कंपनी
आईटी यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि टीसीएस कर्मचारियों के परिवारिक समस्या, परेशानी, तनाव और चिंता को नजरअंदाज कर रही है. कंपनी कर्मचारियों को अनावश्यक परेशानी में डाल रही है और उनके अधिकारों का उल्लघंन कर रही है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय से उचित कार्रवाई का आग्रह किया गया है.
बड़े स्तर पर कर्मचारियों की हुई छंटनी
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से आईटी सेक्टर की हालत ज्यादा ठीक नहीं है. हजारों की संख्या में कर्मचारियों की नौकरी जा चुकी है. आईटी सेक्टर की प्रमुख कंपनियां टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो ने बड़े लेवल पर कर्मचारियों की छंटनी की है. दिसंबर 2022 को समाप्त तिमाही के लिए टीसीएस की नौकरी छोड़ने की दर 21.3 प्रतिशत थी.