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Republic Day 2022: कभी भारत पर करते थे राज, अब इंडियन कंपनियों की प्रॉपर्टी हैं ये 10 ब्रिटिश ब्रांड

आजादी मिलने के बाद भी लंबे समय तक भारत में बिजनेस पर ब्रिटिश कंपनियों का दबदबा रहा. धीरे-धीरे भारतीय बिजनेसमैन और कंपनियों ने अपने कारोबार का विस्तार किया. आज यह स्थिति है कि कई फेमस ब्रिटिश ब्रांड भारतीय कंपनियों का हिस्सा बन चुके हैं.

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टाटा समूह की कंपनी है जेएलआर (Photo: JLR)
टाटा समूह की कंपनी है जेएलआर (Photo: JLR)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टाटा समूह के पास हैं कई ब्रिटिश ब्रांड
  • ब्रिटिश ब्रांडों को खरीदने में अंबानी भी पीछे नहीं

आज देश 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. ब्रिटिश गुलामी से 1947 में आजादी मिलने के बाद आज ही के दिन 1950 में भारत गणतंत्र बना था. आजादी मिलने के बाद भी लंबे समय तक भारत में बिजनेस पर ब्रिटिश कंपनियों का दबदबा रहा. हालांकि तब भी टाटा, बिड़ला, गोदरेज जैसे भारतीय कारोबारी घराने अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही थीं. धीरे-धीरे भारतीय बिजनेसमैन और कंपनियों ने अपने कारोबार का विस्तार किया. आज यह स्थिति है कि कई फेमस ब्रिटिश ब्रांड भारतीय कंपनियों का हिस्सा बन चुके हैं.

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Royal Enfield: रॉयल एनफील्ड ब्रिटिश मोटरसाइकिलिंग का आइकॉनिक ब्रांड है. ब्रिटेन के Redditch में स्थित The Enfield Cycle Company Ltd रॉयल एनफील्ड ब्रांड नाम से 1901 में ऑपरेशन शुरू किया था. आजादी के कई दशक बाद तक यह ब्रांड ब्रिटिश बना रहा. 1994 में इसे भारतीय वाहन कंपनी आयशर मोटर्स ने खरीद लिया. आज क्लासिक बाइक सेगमेंट रॉयल एनफील्ड का दबदबा है. खासकर भारत के क्लासिक बाइक बाजार में यह ब्रांड राज करता है.

Jaguar Land Rover: यह लग्जरी कार कंपनी कभी दुनिया में ब्रिटिश प्राइड की प्रतिनिधि हुआ करती थी. बाद में इसे अमेरिकी कंपनी फोर्ड मोटर्स ने खरीद लिया था. फोर्ड मोटर्स तमाम प्रयासों के बाद भी जगुआर लैंड रोवर की बिक्री नहीं सुधार पाई. फोर्ड ने अंतत: हारकर 2008 में इसे बेचने का फैसला किया और यह इंडियन कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड के पास आ गई. टाटा के हाथों में आते ही जगुआर लैंड रोवर की किस्मत चमक गई. टाटा ने डिजाइन और इनोवेशन पर खूब इन्वेस्ट किया. इसका परिणाम हुआ कि जगुआर लैंड रोवर सिर्फ ब्रिटेन में ही नहीं बल्कि ग्लोबल मार्केट में भी अव्वल लग्जरी कार कंपनियों में से एक बन गई.

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Tetley Tea: आज भले ही भारत में बिना चाय के सुबह नहीं होती हो, इसका इतिहास बहुत पुराना नहीं है. भारत में चाय अंग्रेज लेकर आए और इससे उन्होंने मोटा पैसा भी बनाया. Tetley Tea दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रिटिश चाय ब्रांड है. अभी यह भी टाटा समूह का हिस्सा है. करीब 200 साल पुरानी यह कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के पास आ गई. तब से यह ब्रिटिश ब्रांड भारतीय कंपनी का हिस्सा है. यह ब्रिटेन के साथ ही कनाडा का टॉप सेलिंग टी ब्रांड है.

The East India Company: इस कंपनी का नाम भला कौन भारतीय नहीं जानता होगा! इसके जिक्र के बिना यह लिस्ट अधूरी है. 1857 तक भारत पर इसी कंपनी का कब्जा था, जिसे कंपनी राज के नाम से इतिहास में पढ़ाया जाता है. कभी यह कंपनी एग्री से लेकर माइनिंग और रेलवे तक सारे काम करती थी. भारतीय मूल के बिजनेसमैन संजीव मेहता ने इसे खरीदने के बाद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बना दिया. अभी यह कंपनी चाय, कॉफी, चॉकलेट आदि की ऑनलाइन बिक्री करती है.

Hamleys: इस ब्रांड को दुनिया भर में प्रीमियम खिलौने का सिंबल माना जाता है. भारत समेत अमेरिका, ब्रिटेन, चीन जैसे बड़े बाजारों में इस कंपनी का खासा कारोबार है. सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 2019 में इसकी खरीदारी की. अभी दुनिया भर में Hamleys के 200 से ज्यादा रिटेल स्टोर हैं. कई देशों में यह सबसे बड़ी टॉय कंपनी है. रिलायंस इसे ग्लोबली नंबर1 बनाने का टारगेट लेकर आगे बढ़ रही है.

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Diligenta: टाटा समूह के बारे में कहा जाता है कि इसने आजाद भारत में Reverse Colonialism का दौर लाया. टाटा ने कई विदेशी कंपनियों खासकर ब्रिटिश ब्रांडों की खरीदारी की है. ब्रिटिश आईटी कंपनी Diligenta भी इस कड़ी का हिस्सा है. इसे खरीदा है टाटा समूह की आईटी कंपनी TCS ने. टीसीएस भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी और दूसरी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी है. Diligenta टीसीएस की सब्सिडियरी के तौर पर काम करती है. यह कंपनी अमेरिका और यूरोपीय देशों में रिटेल, फाइनेंस, बैंकिंग जैसे सेक्टरों को आईटी सर्विस प्रोवाइड करती है.

Corus Group: टाटा की अभी तक की गई शॉपिंग की लिस्ट में यह तीसरा बड़ा ब्रिटिश ब्रांड है. Corus Group दुनिया भर के स्टील मार्केट में ब्रिटेन का झंडा बुलंद करती थी. ब्रिटेन की इस सबसे बड़ी स्टील कंपनी को टाटा समूह की टाटा स्टील लिमिटेड ने 2007 में खरीद लिया. अब इसे Tata Steel Europe नाम से जाना जाता है. इसे खरीदने के साथ ही यूरोप के स्टील मार्केट में टाटा की एंट्री हो गई.

Optare: यह ब्रांड अभी भारतीय ऑटो कंपनी Ashok Leyland का हिस्सा है. यह कंपनी सिंगल डेकर, डबल डेकर, टूरिस्ट, लग्जरी और इलेक्ट्रिक बस बनाती है. यह यूरोप में सबसे ज्यादा बिकने वाले बस ब्रांडों में से एक है. इलेक्ट्रिक बस बनाने में भी यह कंपनी पहली कतार में है.

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BSA Motorcycles: भारत के क्लासिक बाइक बाजार में बीते दिनों कई बदलाव हुए हैं. इस सेगमेंट की डिमांड और संभावनाओं को देखते हुए ऑटो कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने काफी तैयारी की है. महिंद्रा समूह की क्लासिक लीजेंड ने इसकी शुरुआत 2016 में BSA Motorcycles की खरीदारी के साथ की. यह ब्रांड कभी ब्रिटेन के टॉप कारोबारी घरानों में से एक Birmingham Small Arms Company के पास था. दिवालिया हो जाने के बाद क्लासिक लीजेंड ने इसका अधिग्रहण कर लिया. हाल ही में BSA Goldstar 650 के लॉन्च के साथ इस ब्रांड की वापसी हुई है.

Imperial Energy: ब्रिटेन की इस पेट्रोलियम और गैस कंपनी को खरीदा है सरकारी कंपनी ओएनजीसी ने. यह कंपनी रूस, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों में काम करती है. इसे साइबेरिया क्षेत्र में क्रूड ऑयल की सबसे बड़ी कंपनी माना जाता है. कंपनी साइबेरिया के अपने कुओं से कई देशों को तेल और गैस का निर्यात करती है.

 

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