सब्जियों के मामले में आलू, टमाटर और प्याज को रसोई की सबसे बड़ी ज़रुरत माना जाता है. इनकी कीमतों में थोड़ा भी फेरबदल होते ही हर किसी का रसोई का बजट भी बिगड़ जाता है. इस साल वैसे तो महंगाई से लोग लंबे समय से परेशान हैं लेकिन अब महंगाई की अगली किश्त टमाटर और आलू को महंगा करने की आशंका बढ़ा रही है. इसकी वजह है कि इस साल टमाटर का उत्पादन 4 फीसदी और आलू का प्रॉडक्शन 5 प्रतिशत घटने का अनुमान कृषि मंत्रालय ने जताया है.
टमाटर होगा लाल, चुकाना होगा ज्यादा दाम!
इस बार टमाटर के उत्पादन में कृषि मंत्रालय ने 4 फीसदी की कमी का अनुमान जताया है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस साल टमाटर का उत्पादन 2 करोड़ 3.3 लाख टन रह सकता है जबकि पिछले साल टमाटर का कुल उत्पादन 2 करोड़ 11.8 लाख टन था. ये अनुमान कृषि मंत्रालय की तरफ से बागवानी फसलों के उत्पादन को लेकर जारी किये गए पूर्वानुमान के बाद सामने आया है. वैसे टमाटर की महंगाई से लोग पहले से ही परेशान हैं. इस बार दिवाली के 3-4 दिन पहले से ही टमाटर के दाम बढ़ने लगे थे और अभी भी ये 80 रुपए प्रति किलो से ज्यादा दाम पर मिल रहे हैं. त्योहारों के अलावा अक्टूबर की शुरुआत में हुई बारिश से टमाटर की फसल को नुकसान होने के अलावा इनकी सप्लाई घटने से कीमत में ये बढ़ोतरी हुई है.
आलू का उत्पादन घटने की आशंका
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक आलू का उत्पादन 2021-22 में 5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5 करोड़ 33.9 लाख टन रहने का अनुमान है. जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 5 करोड़ 61.7 लाख टन हुआ था.
प्याज का उत्पादन बढ़ने का अनुमान
इस बार प्याज के उत्पादन में भारी इजाफा देखने को मिला है. इस साल प्याज का उत्पादन 3 करोड़ 12.7 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 2 करोड़ 66.4 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था.
फलों और दूसरी सब्जियों का उत्पादन बढ़ा
फलों और सब्जियों के उत्पादन को लेकर भी कृषि मंत्रालय ने अनुमान जाहिर किए हैं. इस साल देश में सब्जियों का उत्पादन 20 करोड़ 48.4 लाख टन होने का अनुमान है. ये आंकड़ा पिछले साल के 20 करोड़ 4.5 लाख टन के मुकाबले ज्यादा रहेगा. अगर बात करें फलों के उत्पादन की तो इस साल 10 करोड़ 72.4 लाख टन फलों का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 10 करोड़ 24.8 लाख टन फलों का उत्पादन हुआ था.
बागवानी फसलों के उत्पादन में होगा इजाफा
कृषि मंत्रालयों के आंकड़ों के मुताबिक देश में इस साल बागवानी फसलों के उत्पादन में 2.31 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है. ऐसे में इनका उत्पादन 34 करोड़ 23.3 लाख टन रह सकता है जबकि पिछले साल ये 33 करोड़ 46 लाख टन था. केन्द्र सरकार हर फसल वर्ष को लेकर अलग-अलग समय पर पूर्वानुमान आंकड़े जारी करती है.