आम लोगों की रसोई में आलू (Potato) और प्याज (Onion) के बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले टमाटर के भाव (Tomato Prices) इन दिनों सातवें आसमान पर हैं. महज एक महीने में टमाटर की कीमतें कहीं डबल तो कहीं ट्रिपल हो गई हैं. अभी आलम है कि देश के कई शहरों में टमाटर के भाव 100 रुपये किलो के पार निकल चुके हैं. टमाटर की आसमान छूती कीमतें पहले ही महंगाई से परेशान आम लोगों के पसीने छुड़ा रही हैं. हालांकि दूसरी ओर अच्छी बात ये है कि इससे मेहनतकश किसानों को फायदा हो रहा है और उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई है.
महाराष्ट्र के भी कई शहरों में 100 के पार
आजतक ने प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्य महाराष्ट्र (Maharashtra) के जमीनी हालात की पड़ताल की. महाराष्ट्र देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां टमाटर का बड़े स्तर पर उत्पादन किया जाता है. पड़ताल में ये जानकारी सामने आई कि प्रमुख उत्पादक होने के बाद भी पुणे समेत राज्य के कई शहरों में टमाटर खुदरा बाजार में 100 रुपये किलो से ऊपर बिक रहा है. पुणे (Pune), नासिक (Nasik), नागपुर (Nagpur), अकोला (Akola), बारामती (Baramati) जैसे शहरों में टमाटर 100 रुपये किलो के लेवल से ऊपर निकल चुका है.
महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों में टमाटर की थोक व खुदरा कीमतें:
थोक खुदरा
पुणे: 60 80-120
नासिक: 50 80-100
नागपुर: 75 120
अकोला: 80 120
वाशिम: 70 90
नांदेड़: 70 90
बारामती: 55 100
अहमदनगर: 45 60
यवतमाल: 75 90
औरंगाबाद: 40 80
किसानों के लिए वरदान बना टमाटर का भाव
टमाटर की बढ़ी कीमतें इस समय सब्जी उगाने वाले किसानों के लिए तो वरदान बनकर सामने आई है. ऐसे किसान प्याज की कीमतें टूटने से परेशान हो रहे थे. अब टमाटर की कीमतों ने उनके नुकसान की एक हद तक भरपाई कर दी है. पुणे के गुलटेकड़ी थोक बाजार (Gultekdi APMC) में एक किसान प्रशांत कोल्हे ने आजतक को बताया कि उन्होंने 120 क्रेट टमाटर बेचा और 1.20 लाख रुपये लेकर घर जा रहे हैं. अच्छे दाम मिलने से खुश प्रशांत ने बताया कि उन्हें 55-60 रुपये किलो का भाव मिल गया. प्रशांत पुणे से करीब 380 किलोमीटर दूर ओस्मानाबाद जिले के कलम्ब तहसील से टमाटर बेचने आए थे.
इसी तरह सतारा जिले के वई तहसील से आए किसान श्रीकांत कदम भी अच्छे भाव मिलने से काफी खुश दिखे. उन्होंने कहा कि उनके टमाटर को अच्छे दाम मिले हैं. हालांकि उन्होंने ये भी याद दिलाया कि ऐसा संयोग कभी-कभार ही होता है, जब किसानों के चेहरे पर मुस्कान आती है. वर्ना तो ज्यादातर समय किसानों को टमाटर फेंकना पड़ जाता है, क्योंकि बाजार में डिमांड नहीं होती है और फसल की उपज बढ़िया रहती है.
डिमांड की तुलना में 25% है सप्लाई
जब आजतक ने किसान श्रीकांत से टमाटर की कीमतें अचानक बढ़ने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि हीट वेव के कारण उपज कम हुई है. सर्दियों के समय उपज प्रति एकड़ 2000 क्रेट होती है, जो अभी मई महीने में महज 1200 क्रेट रही. अभी डिमांड उतनी ही है, लेकिन सप्लाई नहीं है, इस कारण दाम बढ़ रहे हैं. गुलटेकड़ी एपीएमसी के एडमिनिस्ट्रेशन मधुकांत गारड ने भी दाम बढ़ने के लिए गर्मी को ही जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि आज मंडी में सिर्फ 4500 क्रेट टमाटर आए. मानसून शुरू हो चुका है और अगले कुछ महीने में हर रोज बाजार में 13000 क्रेट के करीब टमाटर आएंगे. गारड ने कहा कि अभी करीब एक महीने तक टमाटर के दाम में तेजी बनी रहेगी.