scorecardresearch
 

GST की समीक्षा की व्यापारियों ने की मांग, कैश जमा के नए नियम का विरोध 

कन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने पूरी वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली की समीक्षा करने की मांग की है. संगठन ने 50 लाख मासिक टर्नओवर वाले व्या​पारी को जीएसटी का 1 फीसदी हिस्सा नकद रूप में देना अनिवार्य करने के प्रावधान का विरोध किया है. 

Advertisement
X
जीएसटी की समीक्षा की मांग
जीएसटी की समीक्षा की मांग
स्टोरी हाइलाइट्स
  • GST: 1 फीसदी अनिवार्य कैश जमा करने के नियम का विरोध
  • CAIT ने पूरे जीएसटी सिस्टम की समीक्षा की मांग की
  • वित्त मंत्री को लिखा लेटर, मुलाकात का मांगा समय

व्यापारियों के संगठन कन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने पूरी वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली की समीक्षा करने की मांग की है. संगठन ने 50 लाख मासिक टर्नओवर वाले व्या​पारी को जीएसटी का 1 फीसदी हिस्सा नकद रूप में देना अनिवार्य करने के प्रावधान का विरोध किया है. 

Advertisement

व्यापारियों के संगठन कन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लेटर भेजा है और उनसे मुलाकात का समय मांगा है. 

क्या है मामला 

केंद्र सरकार ने 22 दिसंबर को जीएसटी नियमों में धारा 86-बी को जोड़ कर यह नियम बनाया है कि ऐसे प्रत्येक व्यापारी जिसका मासिक टर्नओवर 50 लाख रुपए से ज़्यादा है, उसके लिए अनिवार्य रूप से 1 फीसदी जीएसटी कैश जमा करना होगा. 

इस प्रावधान पर कड़ा एतराज जताते हुए कन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक लेटर भेजकर मांग की है कि इस नियम को तुरंत स्थगित किया जाए और व्यापारियों से सलाह कर ही इसे लागू किया जाए. 

कैट ने यह भी मांग की है कि जीएसटी एवं आय कर में ऑडिट वाले मामले की रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 दिसम्बर 2020 को भी तीन महीने के लिए आगे बढ़ाया जाए. 

Advertisement

जीएसटी की समीक्षा हो 

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने निर्मला सीतारमण को भेजे एक लेटर में यह भी कहा है कि अब समय आ गया है जब एक बार सरकार को व्यापारियों के साथ बैठ कर अब तक जीएसटी कर प्रणाली की सम्पूर्ण समीक्षा की जाए तथा कर प्रणाली को सरलीकृत बनाया जाए. साथ ही किस तरह से कर का दायर बढ़ाया जाए तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के राजस्व में किस तरह की वृद्धि क़ी जाए.

कैट ने इस मुद्दे पर वित्त मंत्री  से मिलने का समय मांगा है. व्यापारी नेताओं ने कहा कि नियम 86 बी देश भर के व्यापारियों के व्यापार पर विपरीत असर डालेगा. कोरोना के कारण व्यापार में आई अनेक प्रकार की परेशानियों से व्यापारी पहले ही त्रस्त हैं, ऐसे में यह नया नियम व्यापारियों पर एक अतिरिक्त बोझ बनेगा. 

 

Advertisement
Advertisement