अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने सत्ता में वापसी के साथ ही वैश्विक ट्रेड वॉर (Trade War) की शुरुआत कर दी. उन्होंने सबसे पहले चीन, मेक्सिको और कनाडा को निशाने पर लिया और उसके बाद भारत समेत कई देशों से आयात पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया. Trump Tariff के चलते कई देशों ने अमेरिका पर भी हाई टैरिफ ठोक दिया. अब इसे लेकर चीनी मीडिया में अमेरिकी राष्ट्रपति पर जमकर निशाना साधा जा रहा है. ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में कहा है ट्रंप टैरिफ खुद न केवल US Markets, बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था (US Economy) की मुश्किलें बढ़ाने वाला है.
चीनी मीडिया ने दी ये चेतावनी
टैरिफ वॉर के बीच China की सरकारी मीडिया ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचाने वाला साबित होगा और ये अपने लक्ष्यों को पाने के बजाय मुश्किल में पड़ जाएगी. चीनी राष्ट्रवादी टैब्लॉयड ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने अपने संपादकीय नोट में लिखा है कि अमेरिकी टैरिफ नीति ने फाइनेंशियल मार्केट्स पर लगातार दबाव डाला है. राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ स्ट्रेटजी एक अस्थिर रणनीति है.
अमेरिकी टैरिफ पर चीन का पलटवार
गौरतलब है कि Donald Trump ने व्हाइट हाउस में वापसी के दो महीने बाद ही चीन, कनाडा, मेक्सिको और यूरोपीय संघ के साथ ट्रेड वॉर शुरू कर दिया. फरवरी और मार्च में अब तक अमेरिका ने दो टैरिफ लागू किए है, तो पलटवार करते हुए चीन ने तेजी से प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी टैरिफ के जवाब में चीन ने अमेरिकी कृषि और खाद्य निर्यात पर शुल्क लगाया, 25 अमेरिकी फर्मों से जुड़े निर्यात और निवेश पर प्रतिबंध लगाए. इसके अलावा 3 अमेरिकी कंपनियों के सोयाबीन आयात लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं.
क्या US इकोनॉमी झेल सकती है टैरिफ वॉर?
इसका जवाब भी ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में दिया गया है. इसमें कहा गया है कि अब सवाल ये कि क्या अमेरिकी अर्थव्यवस्था इतने बड़े पैमाने पर टैरिफ युद्ध को झेल सकती है, तो इसका जवाब बहस का विषय भी नहीं है, क्योंकि ये स्पष्ट रूप से 'नहीं' है. इस ट्रेड वॉर के बीच आर्थिक मंदी (Recession) के डर ने बाजारों में बेचैनी पैदा कर दी है. अमेरिका में मंदी की संभावना जताई जा रही है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिकी शेयरों को लगातार नुकसान हो रहा है और बीते महीनों में सबसे तेज बिकवाली देखी गई है.
दोधारी तलवार है टैरिफ नीति
अपने संपादकीय में ग्लोबल टाइम्स की ओर से कहा गया है कि टैरिफ पर अमेरिकी सरकार की निर्भरता एक दोधारी तलवार की तरह से ही है. आयातित वस्तुओं पर दबाव डालने के लिए टैरिफ का दांव उल्टा पड़ना तय है. इसमें कहा गया है कि सबसे महत्वपर्ण बात ये है कि US Tariff के जवाब में, उसके बिजनेस पार्टनर्स भी चुपचाप नहीं बैठने वाले और अमेरिकी निर्यात पर हाई टैरिफ के साथ जवाबी कार्रवाई करना कई देशों के लिए एक विकल्प बन सकता है.
'अमेरिका में इतनी ताकत नहीं...'
इसमें कहा गया है कि ट्रंप की टैरिफ नीति गलत तरीके से मानती है कि एक देश का लाभ दूसरे देश की कीमत पर आना चाहिए. लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में यह सोच पुरानी हो चुकी है. हर नीति को इस बात पर विचार के बाद बनाना चाहिए कि दोनों पक्षों के हितों को कैसे बढ़ाया जाए. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका के पास इतनी ताकत नहीं है कि वह पूरी दुनिया को अपनी गलत आर्थिक नीतियों की कीमत चुकाने पर मजबूर कर सके. इसमें सुझाव दिया गया कि अमेरिका को मंदी से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए अपनी आत्मघाती टैरिफ नीति को त्यागना होगा.