
कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) के फाउंडर और प्रमोटर उदय कोटक (Uday Kotak) ने एक सितंबर 2023 से मैनेजिंग डायरेक्टर के पद को छोड़ दिया है. पिछले 38 साल में उन्होंने कंपनी के विकास अहम भूमिका निभाई है. हालांकि, उदय कोटक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में बैंक से आगे भी जुड़े रहेंगे. गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में उनका कार्यकाल पांच साल की अवधि के लिए बढ़ाया जाएगा. उदय कोटक के नेतृत्व में कोटक महिंद्रा बैंक ने भारतीय बैंकिंग सेक्टर में कामयाबी के झंडे गाड़े पिछले 38 साल में कई मुश्किलें आईं, लेकिन उदय कोटक ने अपनी समझ और काबिलियत के दम पर हर बाधा को पार किया.
जब क्रिकेटर बनने का सपना टूटा
देश के सबसे सफल बैंकर्स में से एक उदय कोटक कभी क्रिकेटर बनना चाहते थे. लेकिन एक मैच के दौरान गेंद बल्ले की बजाय सिर से टकरा गई और फिर इस चोट ने उदय कोटक के क्रिकेटर बनने के सपने के सामने पूर्ण विराम लगा दिया.
20 साल की उम्र में उदय कोटक को जब क्रिकेट के मैदान में सिर पर गेंद लगी तो वो बेहोश होकर गिर पड़े. परिवार उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने कहा कि चोट ज्यादा है, इसलिए तुरंत ऑपरेशन करना पड़ेगा. इस चोट की वजह से उन्हें क्रिकेट के मैदान को अलविदा कहना पड़ा, और इससे उनकी पढ़ाई पर भी एक साल के लिए ब्रेक लग गया था. 20 साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेटर बनने के सपने को छोड़ा और दूसरी पिच पर बल्लेबाजी करने उतर गए.
कोटक महिंद्रा बैंक की संभाली कमान
उदय कोटक ने करीब 20 साल कोटक महिंद्रा बैंक का नेतृत्व किया. 22 मार्च 2003 को कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड को भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस मिला था. भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में यह पहली कंपनी थी, जिसे बैंकिंग के लिए हरी झंडी मिली थी. आज की तारीख में कोटक महिंद्रा बैंक (Kotal Mahindra Bank) का मार्केट कैप करीब 3.52 लाख करोड़ रुपये है.
उदय कोटक ने साल 1986 में आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) की मदद से एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी की शुरुआत की थी. इसकी शुरुआत महज 30 लाख रुपये की पूंजी के साथ हुई. बिल डिस्काउंट के काम के साथ शुरू हुई फर्म ने बाद में लोन पोर्टफोलियो, स्टॉक ब्रोकरिंग, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड्स में विस्तार किया, और फिर 2003 में यह गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी कोटक महिंद्रा बैंक का रूप ले लिया.
उदय कोटक ने चुनी अलग राह
15 मार्च 1959 को एक गुजराती कारोबारी परिवार में जन्मे उदय कोटक ने अपनी अलग राह चुनी. उनका पारिवारिक बिजनेस कॉटन ट्रेडिंग का था. लेकिन इन्होंने परिवार से हटकर अलग राह चुनी. शुरू में परिवार इनसे इनसे सहमत नहीं था. लेकिन उदय कोटक के इरादे बुलंद थे, और 26 साल की उम्र में कोटक बैंक की नींव रख दी थी.
उदय कोटक बचपन में अच्छे क्रिकेटर के साथ-साथ पढ़ाई में भी मेधावी थे. उनका पसंदीदा विषय गणित रहा है और जब गणित के छात्र ने बैंकिंग सेक्टर में कदम रखे तो तो कामयाबी के झंडे गाड़ दिए. उदय कोटक ने सिडनम कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली है. उसके बाद 'जमना लाल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज' से से MBA किया.
पत्नी की बड़ी भूमिका
पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उदय कोटक ने 'कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड' से बिल डिस्काउंट सर्विस की शुरुआत की, फिर महिंद्रा ग्रुप का साथ साथ मिलने के बाद यह कंपनी 'कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड' हो गई. उदय कोटक की इस सफलता के पीछे उनकी पत्नी पल्लवी कोटक की बड़ी भूमिका रही है.
ये दोनों साल 1985 में शादी के बंधन से बंधे. पल्लवी कोटक ने शुरुआती दिनों में उदय कोटक को नौकरी करने की जगह खुद का कारोबार शुरू करने की सलाह दी थी. इन दोनों के एक बेटा और एक बेटी है. कोरोना संकट के दौरान भी कोटक महिंद्रा बैंक ने अपनी बैलेंस शीट मजबूत करने के लिए पूंजी जुटाई और निवेशकों का विश्वास बढ़ाया.