
अगर आप सरकारी योजनाओं और सब्सिडी (Govt Subsidy) का लाभ लेना चाहते और अभी तक आधार कार्ड (Aadhar Card) नहीं बनवाया है, तो फिर ये खबर आपके लिए है. दरअसल, यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने सर्कुलर जारी कर साफ कर दिया है कि ये सभी लाभ पाने के लिए आधार या फिर आधार रजिस्ट्रेशन स्लिप (Aadhar Enrolment Slip) जरूरी है.
मौजूदा नियमों में किया बदलाव
UIDAI ने 11 अगस्त को ये सर्कुलर सभी मंत्रालयों (Ministries) और राज्य सरकारों (State Governments) को जारी किया है. इसमें आधार के लिए निर्धारित नियमों को सख्त करते हुए कहा गया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सिर्फ आधार रखने वाले नागरिकों को ही योजनाओं और सब्सिडी का फायदा मिले. अभी तक आधार ना होने पर पहचान के अन्य दस्तादेज दिखाकर सब्सिडी (Subsidy) और अन्य सरकारी योजनाओं (Govt Schemes) का लाभ ले सकते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा.
आधार एनरोलमेंट स्लिप जरूरी
सर्कुलर में साफतौर पर कहा गया है कि आधार अधिनियम-7 के तहत अगर किसी व्यक्ति के पास आधार नंबर नहीं है, उसे तत्काल इसके लिए आवेदन करना होगा और प्राप्त एनरोलमेंट स्लिप (Aadhar Enrolment Slip) अन्य पहचान दस्तावेजों के साथ दिखाकर ही सब्सिडी या सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकता है. अगर किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड या और एनरोलमेंट स्लिप नहीं है, तो फिर अन्य दस्तावेजों को दिखाकर अब सरकारी छूट नहीं मिल पाएगी.
99 फीसदी वयस्कों के पास आधार
प्राधिकरण का ये नया सर्कुलर दरअसल, यह सुनिश्चित करने में कारगर होगा कि सरकारी सब्सिडी का फायदा सिर्फ ऐसे ही लोगों को ही प्राप्त हो, जो आधार से जुड़े हों या जुड़ने की प्रक्रिया में हों. इसमें बताया गया कि देश में 99 फीसदी वयस्कों के पास वर्तमान में आधार कार्ड है. UIDAI की सख्ती से आधार से संबंधित खामियां दूर करने में मदद मिलेगी.
पहचान का जरूरी दस्तावेज Aadhaar
आधार (Aadhaar) आज के समय में हमारी पहचान का सबसे जरूरी दस्तावेज बन गया है. इसके बिना हम किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं उठा पाते हैं. बैंक में खाता खोलने से लेकर एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी पाने के लिए आधार कार्ड जरूरी है. यहां तक की अगर आपके पैन से आपका आधार लिंक नहीं है, तो आपका पैन डीएक्टिवेट हो सकता है. इसलिए सभी के लिए अब आधार जरूरी बन गया है.
एक बार जारी होता है आधार
किसी भी नागरिक को उसके पूरे जीवन में केवल एक बार ही आधार नंबर जारी किया जाता है. इसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) जारी करता है. आधार कार्ड में 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या होती है, जिससे संबंधित नागरिक की जानकारियों का पता चलता है. इसमें एड्रेस, माता-पिता का नाम, उम्र समेत कई जानकारियां होती हैं.
वर्चुअल आईडी सिर्फ वैकल्पिक
इससे पहले UIDAI ने वर्चुअल आइडेंटिफायर (VID) सुविधा का विस्तार किया था. इसके तहत, ऑनलाइन प्रमाणीकरण या ई-केवाईसी के लिए आधार संख्या के बदले 16 अंकों का वर्चुअल आईडी नंबर इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन इस संबंध में जारी एक अन्य सर्कुलर में प्राधिकरण ने साफ शब्दों में कहा है कि वर्चुअल आईडी की सुविधा वैकल्पिक है.