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UP की इस लड़की का कमाल, 1 करोड़ की नौकरी छोड़ खड़ी कर दी कंपनी...पूरी दुनिया में डंका

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली आयुषी के लिए स्‍टार्टअप का सफर (Business Startup Journey) आसान नहीं था. उन्‍हें 1 करोड़ की नौकरी ठुकराने के बाद कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ा था. परिवार और जानने वालों ने उन्‍हें पहले अपनी लाइफ सिक्‍योर करने के लिए कहा था, लेकिन वे अपना सपना पूरा करने के लिए नौकरी छोड़कर स्‍टार्टअप की दुनिया में कदम रखा.

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टैलेंट डीक्रिप्‍ट की सीईओ आयुषि
टैलेंट डीक्रिप्‍ट की सीईओ आयुषि

बिजनेस शुरू करना आसान बात नहीं है, लेकिन अगर हिम्‍मत और जुनून हो तो कोई भी काम आसान हो जाता है. ऐसा ही कुछ करके दिखाया उत्तर प्रदेश की एक लड़की ने, जिसने 1 करोड़ रुपये की नौकरी छोड़कर स्‍टार्टअप शुरू कर दिया और आज उसकी कंपनी का रेवेन्‍यू 40 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का है. वह एक सफल बिजनेसवूमेन बन चुकी हैं. 

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उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली आयुषी के लिए स्‍टार्टअप का सफर (Business Startup Journey) आसान नहीं था. उन्‍हें 1 करोड़ की नौकरी ठुकराने के बाद कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ा था. परिवार और जानने वालों ने उन्‍हें पहले अपनी लाइफ सिक्‍योर करने के लिए कहा था, लेकिन वे अपना सपना पूरा करने के लिए नौकरी छोड़कर स्‍टार्टअप की दुनिया में कदम रखा.  

कैसे शुरू हुई कंपनी? 
आरुषि के मुताबिक, कंम्प्‍यूटर साइंस में इंजीनियर‍िंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे और उनके कॉलेज के बहुत बच्‍चे जॉब के लिए इंटरव्‍यू दे रहे थे. आरुषि को कई कंपनियों से जॉब ऑफर आए थे. सबसे ज्‍यादा पैकेज वाला जॉब ऑफर देश की एक बड़ी कंपनी से 1 करोड़ रुपये का आया था, लेकिन उन्‍होंने इसके लिए मना कर दिया. क्‍योंकि वे एक स्‍टार्टअप शुरु करना चाहती थीं. उन्‍होंने देखा कि बहुत से ऐसे भी युवा थे, जिन्‍हें कोई जॉब नहीं मिले थे या इंटरव्‍यू नहीं हो पाए थे. बस यहीं से उनके मन में एक आइडिया आया और एक प्‍लेटफॉर्म टैलेंटडीक्रिप्‍ट (Talent Decrypt) की शुरुआत हुई. 

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आसान नहीं था सफर 
कंपनी की शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन अभी भी बहुत से काम बाकी थे. सबसे बड़ी चुनौती थी इस प्‍लेटफॉर्म पर IT कंपनियों को जोड़ना. आयुषि और उनके को-फाउंडर के पास किसी भी कंपनी में कोई जान पहचान नहीं था. फिर उन्‍होंने सोचा कि वे खुद ही कंपनियों में जाकर अपने प्‍लेटफॉर्म के बारे में बताएंगे. पहले ही दिन 30 कंपनियों के चक्‍कर काटे, लेकिन किसी ने भी उन्‍हें अंदर जाने नहीं दिया. यह सिलसिला 1 सप्‍ताह तक चलता रहा. फिर वे अपने पिता के साथ गईं और एक IT कंपनी को अपना सॉफ्टवेयर दिखाया. फिर क्‍या था? एक के बाद एक कंपनियां इनसे जुड़ती गईं और आज ये स्‍टार्टअप 40 करोड़ रुपये सालाना का रेवेन्‍यू जनरेट करता है. 

क्‍या करती है ये कंपनी? 
आरुषि बताती हैं कि Talent Decrypt एक ऐसा प्‍लेटफॉर्म है, जो किसी भी कंपनी को ये एक्‍सेस देता है कि वह दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपने कैंडिडेट को सेलेक्‍ट कर सकता है. साथ ही उसके एक्‍सप्रीएंस और अन्‍य काबिलियत को देखकर चयन कर सकती हैं. साथ ही युवाओं को भी नौकरी देने में यह प्‍लेटफॉर्म मददगार साबित हुआ है. आरुषि इस कंपनी की फाउंडर और सीईओ हैं. 
 

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