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US Fed Rate Hike: अमेरिका ने फिर उठाया ऐसा कदम... भारतीय शेयर बाजार में दिख सकती है उथल-पुथल

US Fed Rate Hike: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पॉलिसी रेट में एक बार फिर जोरदार इजाफा किया है. Fed ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट या .25 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इसके बाद पॉलिसी रेट 22 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं.

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अमेरिका में ब्याज दरें 22 साल के उच्च स्तर पर पहुंचीं
अमेरिका में ब्याज दरें 22 साल के उच्च स्तर पर पहुंचीं

अमेरिका (America) ने एक बार फिर ऐसा कदम उठाया है, जिससे वहां की आम जनता को तो झटका लगा ही है, बल्कि भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में भी हलचल देखने को मिल सकती है. दरअसल, लगातार बढ़ती महंगाई (US Inflation) के चलते फेडरल रिजर्व बैंक (US Fed) ने पॉलिसी रेट में 25 बेसिस प्वाइंट या .25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. ताजा इजाफे के बाद देश में ब्याज दरों का बेंचमार्क 5.25-5.50 फीसदी की रेंज में पहुंच गया है. ये स्तर 22 साल पहले यानी 2001 के बराबर पहुंच गया है. 

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12 बैठकें, 11 बार ब्याज दरों में इजाफा
अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) ने बुधवार को दो दिवसीय समीक्षा बैठक के बाद ब्याज दरों को बढ़ाए जाने (Policy Rate Hike) का ऐलान किया है. गौरतलब है कि मार्च 2022 के बाद यूएस फेड ने अब तक हुईं 12 बैठकों में से 11 में बैंचमार्क इंटरेस्ट रेट को बढ़ाने का कदम उठाया है. भले ही इससे पिछली बैठक के बाद फेड रिजर्व की ओर से रेट न बढ़ाए जाने का फैसला लिया गया था, लेकिन एक्सपर्ट्स लगातार ये अनुमान जाहिर कर रहे हैं कि अमेरिका में फिर से ब्याज दरों में वृद्धि देखने को मिल सकती है. 

जारी रहेगा बढ़ोतरी का ये सिलसिला!
US Fed Reserve के चीफ जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) ने दो दिवसीय बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व तब तक ब्याज दरों में इजाफा करना जारी रखेगा, जब तक अमेरिका में महंगाई दर उनके पूर्व निर्धारित 2 फीसदी के लक्ष्य के अंदर नहीं आ जाती है. अमेरिका में बेंचमार्क ब्याज दरें रातों-रात 5.25% -5.50% के लेवल पर पहुंच गई हैं. पॉलिसी रेट का ये स्तर आखिरी बार 2007 के हाउसिंग मार्केट क्रैश से ठीक पहले देखने को मिला था. 

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मार्च में हुई थी 25BPS की वृद्धि
इससे पहले मार्च और मई 2023 में भी अमेरिकी फेडरल ने बैंकिंग क्राइसिस के बीच ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था. हालांकि, जून में इन दरों को स्थिर रखा गया था. फेड की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) अपने पहले के ऐलान के मुताबिक ट्रेजरी सिक्योरिटीज में अपनी होल्डिंग्स को कम करना जारी रखेगी. बहरहाल, अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि का ये सिलसिला लगातार जारी रहता नजर आ रहा है. जेरोम पावेल के बयान से मिले संकेतों के चलते ये कहना गलत न होगा कि सितंबर 2023 में ब्याज दरों में एक और बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. 

भारत पर कैसे असर करेंगी अमेरिकी ब्याज दरें? 
अक्सर अमेरिका में होने वाली किसी भी हलचल का सीधा असर भारतीय बाजारों पर दिखाई देता है. फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी भी इसमें शामिल है. US Interest Rate बढ़ने से एक ओर जहां इन्वेस्टर्स भारतीय शेयर बाजारों (Indian Stock Market) में निवेश करने के बजाय अमेरिकी बाजारों का रुख करने लगेंगे. तो इससे घरेलू बाजारों से विदेशी निवेशकों की निकासी और बढ़ जाएगी. FII के भारत से बाहर निकलने से बाजार में गिरावट का सिलसिला देखने को मिल सकता है.

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इसके अलावा अमेरिका फेड के लगातार ब्याद दरों में इजाफा करने के बाद भारत के केंद्रीय बैंक RBI पर ब्याज दरों में इजाफा करने का दबाव बढ़ेगा. वहीं सबसे बड़ा असर आम आदमी पर देखने को मिल सकता है. अगर Dollar पहले से और मजबूत होता है तो फिर पहले से ही रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच चुकी भारतीय करेंसी रुपया (Rupee) में और गिरावट आएगी और इससे देश में महंगाई बढ़ने का जोखिम भी बढ़ जाएगा.    

 

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