भारत समेत दुनिया भर में महंगाई (Inflation) परेशानी का बन गई है. इस पर लगाम लगाने की तमाम कोशिशें भी नाकाम साबित हो रही हैं. अमेरिका में महंगाई दर (US Inflation Rate) का आंकड़ा चार दशक के उच्च स्तर पर बना हुआ है और इसे काबू में करने के लिए फेड रिजर्व ब्याज दरों में एक के बाद एक लगातार वृद्धि करता जा रहा है.
बुधवार को फिर से US Fed ने दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी. अमेरिका के इस फैसले से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पर भी दबाव बढ़ सकता है. आशंका जताई जा रही है कि आरबीआई भी कड़ा कदम उठा सकता है.
US में ब्याज दर बढ़कर 4% पर पहुंची
पहले बात कर लेते हैं अमेरिका की, तो बता दें महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिका ने एक बार फिर सख्त कदम उठाया है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बुधवार रात प्रमुख ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की है. इस लगातार चौथी वृद्धि के बाद US Fed Interest rate 3.75 फीसदी से बढ़कर 4 फीसदी पर पहुंच गया है. हालांकि, फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने इस बात की ओर भी इशारा किया है कि महंगाई पर लगाम के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी का यह आखिरी स्टेज हो सकता है.
US Federal Reserve का ये फैसला अमेरिकी शेयर बाजारों को पसंद नहीं आया और वे भरभराकर गिर पड़े. Indian Stock market की बात करें तो अमेरिका में ब्याज दरों में इजाफे का असर दिखाई दिया और शुरुआती कारोबार में बाजर के दोनों इंडेक्स बुरी तरह टूट गए. सेंसेक्स (Sensex) जहां 250 अंकों से ज्यादा फिसल गया, तो वहीं निफ्टी (Nifty) में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली. हालांकि, कारोबारी दिन बढ़ने के साथ बाजार में मामूली सुधार देखने को मिल रहा है.
उच्च स्तर पर बनी हुई है महंगाई दर
अमेरिका में उपभोक्ता मुद्रास्फीति हालांकि सितंबर में मामूली रूप से घटकर 8.2 फीसदी पर जरूर आ गई है, लेकिन अभी भी यह तय लक्ष्य से करीब 2 फीसदी से भी ज्यादा हाई है. अगस्त 2022 में यह 8.3 फीसदी पर रही थी. महंगाई दर ने अमेरिका में पिछले चार दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस काबू में करने के लिए ही यूएस फेड को ब्याज दरों में बढ़ोतरी का कड़ा फैसला लेना पड़ रहा है, जो लगातार जारी है. अमेरिका में की जा रही ब्याज दरों में बढ़ोतरी सीधे तौर पर भारत को भी प्रभावित करने वाली है.
भारत पर ऐसे होगा असर
अमेरिका में ब्याज दरों के बढ़ने से भारत पर असर की बात करें तो ये कई जगह दिखाई देगा. एक ओर जहां इन्वेस्टर्स भारतीय शेयर बाजारों (Indian Stock Market) में निवेश करने के बजाय अमेरिकी बाजारों का रुख करेंगे. तो इससे घरेलू बाजारों से विदेशी निवेशकों की निकासी और बढ़ जाएगी. FII के भारत से बाहर निकलने से बाजार में गिरावट का सिलसिला देखने को मिल सकता है.
इसके अलावा अमेरिका फेड के लगातार ब्याद दरों में इजाफा करने के बाद भारत के केंद्रीय बैंक RBI पर ब्याज दरों में इजाफा करने का दबाव बढ़ेगा. वहीं सबसे बड़ा असर आम आदमी पर देखने को मिल सकता है. अगर Dollar पहले से और मजबूत होता है तो फिर पहले से ही रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच चुकी भारतीय करेंसी रुपया (Rupee) में और गिरावट आएगी और इससे देश में महंगाई बढ़ने का जोखिम भी बढ़ जाएगा.
आज से RBI एमपीसी की बैठक
भारत में भी महंगाई रिजर्व बैंक (RBI) के तय लक्ष्य से लगातार ऊपर बनी हुई है. इसे लेकर आरबीआई ने भी फेड की तरह ही लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. अब बुधवार को फेड के दरें बढ़ाने के ऐलान के बाद आशंका बढ़ गई है कि क्या भारत में रेपो रेट (Repo Rate) में एक और वृद्धि देखने को मिलने वाली है?
दरअसल, गुरुवार 3 सितंबर को रिजर्व बैंक की एमपीसी (RBI MPC Meet) की अतिरिक्त बैठक बुलाई गई है. हालांकि, कहा जा रहा है कि ये बैठक सरकार को महंगाई के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए बुलाई गई है, लेकिन अमेरिका के कदम ने देश में भी एक और झटके की आशंका गहरा गई है.