अंग्रेजी में एक कहावत है...The tailor makes the man. इसका सीधा अर्थ है कि अच्छे ड्रेस से इंसान का व्यक्तित्व निखर जाता है. प्रसिद्द उद्योगपति एवं वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Vedanta Chairman Anil Agarwal) भी इस कहावत से सहमत नजर आते हैं. सोशल मीडिया पर हाल ही में उन्होंने एक कहानी शेयर की है, जो इस कहावत को सच साबित करती है. उन्होंने बताया है कि कैसे शुरुआती दिनों में उनके एकमात्र 'ग्रे सूट' ने उन्हें कई डील दिलाने में मदद की. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि कैसे सही समय और सही जगह से फैसलों को सफल बनाने में मदद मिलती है.
सिंड्रेला की कहानी का ये बिजनेस कनेक्शन
अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) लिखते हैं, 'नाना-दादा बनने का एक अलग ही आनंद है. सोने से पहले अमर चित्र कथा या किसी खास फरमाइश वाली कहानी सुनाना! कुछ दिन पहले, मैं अपनी दोहिती, माही, को उसकी पसंदीदा सिंड्रेला की कहानी सुना रहा था. उसे वो घटना बहुत मजेदार लगी जिसमें परी, सिंड्रेला के गाउन को चिथड़ों से सुनहरी पोशाक में बदल देती है. माही ने बड़ी मासूमियत से कहा कि वो भी एक परी चाहती है, जो जब चाहे उसे बदल सके. मैंने पूछा कि वो ऐसा क्यों चाहती है. उसने कहा कि फिर मैं वो बन सकूंगी ना, जो मैं बनना चाहती हूं! एक सुपरवुमन! ये जवाब देते हुए माही की आंखों में एक अलग ही चमक थी.'
ड्रेस और एड्रेस से होती है इंसान की पहचान
वह आगे लिखते हैं, 'उसी चमक ने मुझे बॉम्बे में अपने शुरुआती संघर्ष के दिनों की एक कहानी याद दिलाई. आप शायद सोच रहे होंगे कि सिंड्रेला का बिजनेस से क्या लेना-देना! अपने पचास साल के करियर में मैंने ये माना है कि इंसान की पहली पहचान उसकी ड्रेस और एड्रेस से होती है. इस बात ने मुझे अपने व्यापारिक सौदों को पूरा करने में मदद की और ये गुर आपकी भी मदद कर सकता है. सही पोशाक (Right Dress)... हमेशा सुनिश्चित करें कि आपके कपड़े ठीक से धोए हुए हैं और आपने इस्त्री किए कपड़े पहन रखे हैं. जरूरी नहीं कि वे महंगे हों, लेकिन एक साफ सुथरा लुक आपको सबसे अलग दिखने में मदद करता है.'
सही एड्रेस से बनता है अच्छा फर्स्ट इंप्रेशन
अनिल अग्रवाल मानते हैं कि सही ड्रेस के साथ ही सही एड्रेस का भी सफलता में बड़ा हाथ होता है. वह बताते हैं, 'उचित एड्रेस (Right Address)... जहां सारी हलचल हो रही हो, उस केंद्र के नजदीक रहने से आपको एक अच्छा फर्स्ट इंप्रेशन बनाने में मदद मिलती है. मैं अपने शुरुआती दिनों में, कभी-कभी एक समय का भोजन छोड़ देता था क्योंकि मुझे ओबेरॉय होटल (Oberoy Hotel) में अपनी खास मीटिंग्स करने के लिए पैसे बचाने होते थे. ये हाई-प्रोफाइल निवेशकों के लिए एक लोकप्रिय स्पॉट था. मीटिंग के समय से थोड़ा जल्दी ही मैं निकल जाता. सड़क किनारे धोबी से अपने कपड़े इस्त्री करवाता. मजेदार बात तो ये, कि उन दिनों मेरे पास केवल एक ग्रे सूट था, जिसे मैं बार-बार पहनता था. इसने मुझे कई व्यापारिक सौदों को पक्का करने में मदद की.'
लंदन में भी मददगार 'ड्रेस और एड्रेस' फॉर्मूला
अनिल अग्रवाल के नाम लंदन स्टॉक एक्सचेंज (London Stock Exchange) में पहली भारतीय कंपनी को लिस्ट करने का खिताब भी दर्ज है. हाल ही में उन्होंने इस बारे में बताया था कि कैसे उन्होंने वेदांता को लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट कराया था. लंदन के शुरुआती दिनों में सही एड्रेस ने किस तरह उनकी मदद की, इस बारे में वह लिखते हैं, 'इसी तरह, जब मैं लंदन गया, तो मुझे बर्कले स्क्वायर (Berkley Square) में एक ऑफिस मिला. ये वो जगह थी, जहां सभी टॉप बैंकर और प्रोफेशनल्स रहते थे. ब्रिटिश लोग अपने पहनावे को लेकर बहुत सतर्क थे, इसलिए मैंने भी उस माहौल में खुद को ढाल लिया. शार्प ड्रेसिंग ने मुझे सही फर्स्ट इंप्रेशन बनाने में मदद की.'
ये है वेदांता चेयरमैन का सक्सेसमंत्र
अंत में लोगों को अपना सक्सेसमंत्र देते हुए वेदांता चेयरमैन ने लिखा, 'बिजनेस के बॉलरूम में, कड़ी मेहनत को अपनी परी बनने दें. आप जो हैं उसे बदलने के लिए नहीं, बल्कि उस जादू को लाने के लिए, जो आपमें छुपे श्रेष्ठ अवतार को सामने ला दे. किसने सोचा था कि माही को सुनाई गई एक कहानी मुझे आप सभी के लिए कुछ लिखने के लिए प्रेरित करेगी... आज इतना ही. आप सभी को मेरा स्नेह और प्रणाम.'