एक ओर गौतम अडानी (Gautam Adani) के ऊपर से हिंडनबर्ग का साया हटने का नाम नहीं ले रहा है, तो वहीं शेयर बाजार (Share Market) में एक और कारोबारी के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है. हम बात कर रहे हैं Vedanta Ltd की. अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) के नेतृत्व वाली कंपनी के शेयर मंगलवार को करीब 9 फीसदी तक टूट गए.
शेयरों में 6.56% की गिरावट
लंदन बेस्ड भारतीय उद्योगपति अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd) के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है. जहां बीते दिनों वेदांता ग्रुप को सरकार की ओर से झटका लगा. वहीं अब कंपनी के शेयर लगातार टूट रहे हैं. बीते एक महीने में यह स्टॉक करीब 20 फीसदी टूटा है. Vedanta Share बीते 31 जनवरी 2023 को 332.40 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, वहीं 28 फरवरी मंगलवार को कारोबार खत्म होने पर दोपहर 3.30 बजे ये स्टॉक्स 6.70 फीसदी की गिरावट के साथ 268.10 रुपये के लेवल पर बंद हुए. शुरुआती कारोबार में सुबह 11 बजे के आस-पास कंपनी के शेयर 9 फीसदी तक फिसलकर 262 रुपये के करीब पहुंच गए थे.
कर्ज कम करने के लिए था ये प्लान
भारत के 'स्क्रैप किंग' के नाम से मशहूर अनिल अग्रवाल की मुश्किल की बात करें, तो उनकी कंपनी पर भारी-भरकम कर्ज है और इसे चुकाने के लिए वे अपनी एक यूनिट को हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Ltd.) को बेचना चाहते हैं. ऐसा करके अग्रवाल अपने कर्ज के बोझ को कम करने का प्लान बना रहे ते, तभी सरकार ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए कह दिया और प्लान पर पानी फेर दिया. दरअसल, सरकार की हिंदुस्तान जिंक में 30 फीसदी हिस्सेदारी है.
2.98 अरब में पूरी होनी थी डील
Vedanta Group अपनी जिस जिंक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को बेचने का प्लान बना रही है, वो THL Zinc Ltd Mauritius है. साल की शुरुआत में यानी जनवरी 2023 में हिंदुस्तान जिंक ने वेदांता की इस यूनिट को 2.98 अरब डॉलर में अधिग्रहित करने पर अपनी सहमति व्यक्त की थी. इसे 18 महीने में चरणबद्ध तरीके से पूरा होना था, लेकिन इसके शुरू होने से पहले ही सरकार की ओर से इस संबंध में सख्त लहजे में विरोध व्यक्त किया गया है. इसका असर वेदांता लिमिटेड के शेयरों पर भी पड़ा है और ये हफ्ते भर में करीब 12 फीसदी फिसल गए हैं.
इस साल 20% घटी दौलत
Forbes की रियल टाइम बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल की नेटवर्थ 1.7 अरब डॉलर है और बीते 24 घंटे में उन्हें 427 मिलियन डॉलर (करीब 3500 करोड़ रुपये) का घाटा हुआ है. वहीं इस साल 2023 की शुरुआत से अब तक नेटवर्थ में गिरावट की बात करें तो उनकी संपत्ति में 20.04 फीसदी की कमी आ चुकी है. आंकड़ों को देखें तो ये साल भारतीय अरबपतियों के लिए अच्छा साबित नहीं हो रहा है.
अडानी से दमानी तक को नुकसान
2023 में सबसे ज्यादा नुकसान Adani Group के चेयरमैन गौतम अडानी को उठाना पड़ा है. उनके ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद से 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गया है. वहीं उनकी संपत्ति में 82.8 अरब डॉलर की कमी आ चुकी है. रिपोर्ट पब्लिश होने से पहले उनकी नेटवर्थ 120 अरब डॉलर थी, जो अब महज 37.7 अरब डॉलर रह गई है. मुकेश अंबानी को दो महीने में 6.02 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. वहीं डीमार्ट के फाउंडर राधाकिशन दमानी के नेटवर्थ में 2.7 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है.