लंदन हाईकोर्ट ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को आर्थिक मोर्चे पर थोड़ी राहत दी है. अदालत ने अपने पास जमा रकम में से माल्या को रहने और कानूनी खर्च को पूरा करने के लिए करीब 11 लाख पाउंड निकालने की अनुमति दी है.
यह सुनवाई लोन नहीं चुकाने को लेकर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई में भारतीय बैंकों की तरफ से की जा रही दिवाला संबंधी कार्रवाई के तहत हुई.
गौरतलब है कि किंगफिशर एयरलाइंस का पूर्व प्रमुख माल्या जमानत पर ब्रिटेन में है और वह धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने की एक अन्य कानूनी लड़ाई हार चुका है.
कोर्ट से राहत
दिवाला एवं कंपनी मामलों की उप-अदालत के जज निगेल बर्नेट ने कोर्ट फंड ऑफिस से रकम निकालने के संबंध में सुनवाई की अध्यक्षता की.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस आदेश के जरिए माल्या को अपने रहने और दिवाला याचिका के विरोध के संबंध में कानूनी खर्च को पूरा करने के लिए अदालत से रकम निकालने की अनुमति मिल गई है.
कब होगा माल्या का प्रत्यर्पण
विजय माल्या पर 17 भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. वह 2 मार्च, 2016 को भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था. भारतीय एजेंसियों ने यूके की कोर्ट से माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की और लंबी लड़ाई के बाद यूके की अदालत ने 14 मई को माल्या के भारत प्रत्यर्पण की अपील पर मुहर लगा दी थी.
हालांकि, कानूनी दांव-पेचों के चलते उसे अब तक भारत नहीं लाया जा सका है. ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि विजय माल्या से जुड़ा एक 'गोपनीय कानूनी' मामला चल रहा है और जब तक इस मामले का समाधान नहीं हो जाता उसका भारत में प्रत्यर्पण नहीं हो सकता.