देश के दिग्गज इन्वेस्टर्स बिजनेस टुडे के 'बजट राउंड टेबल' पर पहुंचे हुए थे. उन्होंने बजट को लेकर विस्तार से चर्चा की और निवेशकों को सुझाया कि उन्हें कहां पैसे लगाना चाहिए. साथ ही पूरा कैलकुलेशन भी समझाया कि कैसे आप इस मार्केट में अच्छे से प्रॉफिट कमा सकते हैं. आपको कहां पर कितना निवेश करना चाहिए?
वैल्यू रिसर्च के धीरेंद्र कुमार ने कहा कि अगर आपने कोई फंड लिया है तो अभी बने रहिए है. अभी ये मार्केट में गिरावट है, लेकिन यह ज्यादा वक्त तक नहीं है. जल्द ही आपको ये फंड प्रॉफिट में ला सकते हैं. उन्होंने कहा कि स्मॉल कैप का हवा बनाया गया है कि यह ज्यादा नुकसान कराता है. लेकिन यह ऐसा नहीं है. मैंने देखा है कि पिछले 10 से 20 सालों के दौरान स्मॉलकैप ने मिडकैप और लार्जकैप फंड से ज्यादा रिटर्न दिया है.
लेकिन ऐसा नहीं है कि छोटी कंपनियों में रिस्क नहीं होता है. छोटी कंपनियों में रिस्क होता है, लेकिन अगर यह फंडामेंटली ज्यादा मजबूत हैं तो लॉन्ग टर्म में ये अच्छा रिटर्न बनाकर दे कसते हैं. उन्होंने कहा कि आपको 1 या 2 फंड लार्ज कैप रखना चाहिए. इसके बाद कुछ मिडकैप और बाकी स्मॉल कैप में निवेश करना चाहिए. ताकि आपका पोर्टफोलियो अच्छा बना रहे.
वैल्यू रिसर्च के CEO धीरेंद्र कुमार ने बताया कि बाजार में गिरावट से घबराना नहीं चाहिए. उन्होंने बताया कि अगर नया निवेशक है तो फिर शुरुआत में पूरा पैसा मिडकैप में लगाना चाहिए. जबकि पुराने रिटेल निवेशक 10 फीसदी राशि स्मॉलकैप में लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कंपनियों की परिभाषा थोड़ी अलग है. स्मॉल कैप में 150 जो बड़ी कंपनियां हैं, वो मिडकैप जैसी लगती हैं.
विजय केडिया ने कहा कि मेरे ऊपर ज्यादा बजट का असर नहीं होता है. क्योंकि हम रोज नहीं खरीदते बेचते हैं. हम साल में एक आध पर खरीदते हैं, किसी फंड को खरीदने से पहले किसी फंड को बेचते हैं.
जहां तक चीन के बाजार से तुलना की बात है तो हमें इससे बचना चाहिए. क्योंकि हमारी इकोनॉमी 4 ट्रिलियन डॉलर की है, जबकि चीन की इकोनॉमी करीब 20 ट्रिलियन डॉलर की है. चीन इस साल करीब 60 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां एक्सपोर्ट करने वाला है.
इसलिए चाइना के आगे फिलहाल टिकना मुश्किल है, क्योंकि वहां बहुत चीजें बहुत सस्ती हैं. इसलिए निवेशकों को वहां फोकस करना चाहिए, जहां सरकार का फोकस है. टूरिज्म पर फोकस करना चाहिए, इंडिया में हर तरह की टूरिज्म है, लेकिन उस लेवल का इंफ्रा नहीं है. एयरलाइंस सेक्टर में भी बढ़ोतरी की संभावना है. भारत में 150 एयरपोर्ट हैं, अमेरिका 14000 एयरपोर्ट्स हैं. टूरिज्म और एयरलाइंस सेक्टर में ग्रोथ की संभावना है.
विजय केडिया ने आगे कहा कि टूरिज्म सेक्टर अगले 10 से 15 साल में अच्छा रिटर्न दे सकता है. एयरलाइंस सेक्टर्स भी शानदार रिटर्न दे सकता है. अमेरिका में 14 हजार एयरपोर्ट है. लेकिन वहां स्कोप कम है, भारत में इसका ज्यादा फायदा मिल सकता है.
Maneesh Dangi ने कहा कि रुपया कमजोर होने का मुख्य वजह ग्लोबल है. चीन पर बैन, रूस पर बैन जैसे कारणों से ये माहौल हुआ है. आईटी और मेट्स सेक्टर्स में भारत का बड़ा ग्लोबल एक्सपोजर है और धीरे-धीरे हालात सुधरेंगे.