जनवरी के थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी हो गए हैं. साल के पहले महीने में इसमें बढ़ोत्तरी देखी गई, लेकिन पिछले वर्ष जनवरी के मुकाबले ये नीचे ही है.
जनवरी 2021 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 2.03% रही है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने इसके अस्थायी आंकड़े जारी किए हैं. इसके हिसाब से दिसंबर 2020 में महंगाई की दर 1.22% थी.
पिछले साल जनवरी में थी ज्यादा
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर पिछले साल जनवरी में 3.52% थी. इस प्रकार इस साल जनवरी में मुद्रास्फीति की दर कम रही है.
विनिर्मित वस्तुओं में बढ़ी महंगाई
सरकारी आंकड़ों के हिसाब से विनिर्मित (मैन्युफैक्चर्ड) वस्तुओं की के लिए महंगाई की दर बढ़कर 5.13% रही है जो दिसंबर 2020 में 4.24% थी.
महंगा हुआ ईंधन
पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. मुद्रास्फीति सूचकांक में भी ईंधन और बिजली खंड का सूचकांक इसकी तस्दीक करता है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में दिसंबर के मुकाबले 9.48% की वृद्धि दर्ज की गई है.
खाद्य मुद्रास्फीति सूचकांक गिरा
थोक मूल्य आधारित खाद्य मुद्रास्फीति सूचकांक जनवरी में घटकर 151.8 अंक पर रहा है. दिसंबर में यह 154.4 अंक था. इस तरह इस श्रेणी में थोक महंगाई की दर जनवरी में -0.26% रही जो दिसंबर में 0.92% थी.
खुदरा महंगाई नीचे आई
वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए थे. जनवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर 4.06% पर आ गई. दिसंबर 2020 में 4.59% थी. इसकी बड़ी वजह खाद्य वस्तुओं विशेषकर सब्जियों के दाम घटना है.
नोट-भारतीय रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करने के लिए खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर गौर करता है.
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