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गिरावट के बाद भी जुुलाई में दो अंकों में रही थोक महंगाई, ईंधन-तिलहन के दामों की पड़ी मार 

Wholesale Inflation: केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2021 में थोक महंगाई की दर 11.16% है, जबकि जून महीने में यह 12.07% की ऊंचाई तक पहुंच गया था. इस दौरान तिलहन के दाम में 40.75 फीसदी का भारी इजाफा हुआ है. 

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पेट्राेल, रसोई गैस आदि के दाम बढ़ने का असर (फाइल फोटो: Aajtak)
पेट्राेल, रसोई गैस आदि के दाम बढ़ने का असर (फाइल फोटो: Aajtak)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आंकड़ों में घट गई जुलाई की महंगाई
  • अभी भी दो अंकों में रहना चिंताजनक

Wholesale Inflation: थोक मूल्य आधारित (WPI index) सालाना महंगाई में मामूली गिरावट आई है. केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2021 में थोक महंगाई की दर 11.16% है, जबकि जून महीने में यह 12.07% की ऊंचाई तक पहुंच गया था.

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जुलाई 2020 में तो महंगाई का आंकड़ा -0.25% था, हालांकि तब कोरोना संकट की वजह से देश में लॉकडाउन था और इकोनॉमी पूरी तरह से ठप पड़ी थी. 

तिलहन के दाम करीब 41 फीसदी बढ़े 

जुलाई 2021 में भी महंगाई दो अंकों की ऊंची दर में बने रहने की वजह यह है कि पेट्रोल, रसोई गैस, मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल, खाने-पीने के सामान, कपड़े, रसायन आदि के दाम में इजाफा हुआ है. इस दौरान तिलहन के दाम में 40.75 फीसदी का भारी इजाफा हुआ है. 

इस दौरान ईंधन और बिजली के दाम में 26.02 फीसदी,मैन्युफैक्चर्ड वस्तुओं के दाम में 11.20 फीसदी और खाने-पीने के सामान के दाम में 4.46 फीसदी की बढ़त हुई है. इस दौरान दालों के दाम में 8.34फीसदी की बढ़त हुई है, जबकि सब्जियों के दाम में 8.73 फीसदी की गिरावट आई है. इसी तरह आलू के दाम में 36.35 फीसदी की गिरावट आई है. 

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मई में बना था रिकॉर्ड  

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित इससे जुड़े आंकड़े सोमवार को जारी किए. थोक महंगाई का मंथली आंकड़ा हर महीने की 14 तारीख या उसके अगले कार्यदिवस को जारी किया जाता है. थोक मुद्रास्फीति दर जून में 12.07% रही है. मई में ये दर 12.94% के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर थी.

 

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