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बिखर गया अमेरिकी शेयर बाजार, क्या आज भारतीय बाजार में भी मचेगा हाहाकार?

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में खुदरा महंगाई अगस्त महीने में 8.3 फीसदी पर रही. अमेरिकी बाजार में फूड आइटम्स और एनर्जी प्राइसेज में काफी उथल-पुथल देखी जा रही है. इसी कारण खुदरा महंगाई में तेजी देखी जा रही है. जानकारों को महंगाई दर 8.1 फीसदी रहने की उम्मीद थी. इसी कारण बाजार में भारी बिकवाली का दौर देखने को मिला.

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बिखर गया US बाजार
बिखर गया US बाजार

रिकॉर्ड तोड़ महंगाई (Inflation) और आर्थिक मंदी (Economic Recession) की आशंका शेयर बाजारों को उबरने का मौका नहीं दे रही है. अमेरिकी शेयर बाजार (US Share Market) में फिर से ऐसा ही नजारा मंगलवार को देखने को मिला. उम्मीद से बदतर महंगाई के आंकड़ों (US Inflation Data) ने अमेरिकी शेयर बाजार को हिला दिया और वॉल स्ट्रीट (Wall Street Crash) पर 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. अब इसका असर भारत समेत दुनिया भर के तमाम बाजारों पर देखने को मिल सकती है और बुधवार का दिन बाजार के लिए बुरा सपना साबित हो सकता है.

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कम होने के बाद भी महंगाई बेकाबू

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में खुदरा महंगाई अगस्त महीने में 8.3 फीसदी पर रही. अमेरिकी बाजार में फूड आइटम्स और एनर्जी प्राइसेज में काफी उथल-पुथल देखी जा रही है. इसी कारण खुदरा महंगाई में तेजी देखी जा रही है. जानकारों को महंगाई दर 8.1 फीसदी रहने की उम्मीद थी. उम्मीद से बदतर महंगाई के आंकड़ों के कारण इस बात की आशंका गहरा गई है कि फेडरल रिजर्व अगले सप्ताह होने वाली बैठक में एक बार फिर से ब्याज दर को 0.75 फीसदी बढ़ा सकता है. इसी कारण महंगाई का आंकड़ा आते ही अमेरिकी शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली.

ब्याज दर को इतना बढ़ा सकता है फेड

अगस्त महीने में महंगाई के आंकड़े पिछले कुछ महीनों की तुलना में नरम पड़े हैं. इससे पहले जुलाई में अमेरिका में खुदरा महंगाई 8.5 फीसदी रही थी. वहीं जून में अमेरिकी महंगाई दर 9.1 फीसदी पर पहुंच गई थी, जो पिछले 4 दशक में सबसे ज्यादा था. हालांकि कुछ नरम पड़ने के बाद भी महंगाई दर अभी भी उच्च स्तर पर ही है. यह अभी भी कई दशकों के हाई पर है. महंगाई दर नरम पड़ने से फेड के तेवर कुछ कम हो सकते थे, लेकिन अभी भी उम्मीद से बदतर रहने के कारण इस बात की गुंजाइश कम ही है कि फेडरल रिजर्व कोई नरमी दिखाएगा. वहीं दूसरी ओर लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि अगर फेडरल रिजर्व आक्रामक तरीके से ब्याज दर को बढ़ाता रहा तो आर्थिक मंदी की मार और भारी हो जाएगी.

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दुनिया भर के बाजारों में कोहराम

आंकड़े सामने आाने के बाद वॉल स्ट्रीट में कोहराम मच गया. डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,276.37 अंक यानी 3.94 फीसदी गिरकर 31,104.97 अंक पर बंद हुआ. टेक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट का हाल तो और ही बुरा हुआ. यह इंडेक्स 632.84 अंक यानी 5.16 फीसदी गिरकर 11,633.57 अंक पर आ गया. एसएंडपी500 सूचकांक में 177.72 अंक यानी 4.32 फीसदी की गिरावट देखने को मिली और यह 3,932.69 अंक पर बंद हुआ. इसके बाद आज बुधवार को एशियाई बाजार भी गिरावट का सामना कर रहे हैं. जापान का निक्की, हांगसांग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कंपोजिट तीनों 2-2 फीसदी से ज्यादा गिरे हुए हैं. इन आंकड़ों को देखते हुए यही लग रहा है कि आज भारतीय शेयर बाजार भी इन्वेस्टर्स को दिन में तारे दिखाने वाले हैं.

 

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