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Stock Market Correction: ये 7 कारण... हर दिन टूट रहा बाजार, 5 दिन में साफ हुए 18.64 लाख करोड़ रुपये!

पिछले पांच दिन का डाटा देखें तो Sensex 2.82% या 2215 अंक टूट चुका है, जबकि निफ्टी50 2.91 फीसदी या 692 अंक गिर चुका है. इसके अलावा, निफ्टी बैंक इन पांच दिनों के दौरान 926.50 अंक या 1.84% टूट चुके हैं.

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शेयर बाजार में सुस्ती जारी
शेयर बाजार में सुस्ती जारी

शेयर बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के बीच डर गहराता जा रहा है. ये गिरावट ऐसी है, जो बिना कोई ठोस वजह के आ रही है. खासकर स्‍मॉलकैप और मिडकैप के शेयर तेजी से गिर रहे हैं. हालांकि लार्ज कैप भी गिरावट में पीछे नहीं है. ज्‍यादातर लार्ज कैप स्‍टॉक्‍स अपने ऑल टाइम हाई लेवल से 10 से 15 फीसदी तक करेक्‍ट हो चुके हैं.

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पिछले पांच दिन का डाटा देखें तो Sensex 2.82% या 2215 अंक टूट चुका है, जबकि निफ्टी50 2.91 फीसदी या 692 अंक गिर चुका है. इसके अलावा, निफ्टी बैंक इन पांच दिनों के दौरान 926.50 अंक या 1.84% टूट चुके हैं. सिर्फ आज Sensex 1018.20 अंक या 1.32 फीसदी टूटकर 76,293.60 पर बंद हुआ. Nifty 23071.80 पर था, जिसमें 309.80 अंक या 1.32 फीसदी की गिरावट आई.

पांच दिन में 18.64 लाख करोड़ डूबे 
FPI की ओर से मार्केट में हर दिन बिकवाली किया जाना भारतीय शेयर बाजार में गिरावट की एक बड़ी वजह मानी जा रही है. विदेशी निवेशकों ने साल 2025 में अब तक 88139 करोड़ रुपये की निकासी की है, जो इस बात की नई आशंका है कि मिडकैप और स्मॉलकैप पॉकेट्स में तेज गिरावट एसआईपी प्रवाह को प्रभावित कर सकती है, जिससे बाजार में और भी घबराहट होगी. वहीं पिछले पांच दिन के दौरान बीएसई के मार्केट कैपिटलाइजेशन से 18,63,747 करोड़ रुपये घट गए हैं. 

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इन 7 कारण से टूट रहा शेयर बाजार

  • टैरिफ लगाने से अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार जैसी स्थिति बन गई है, जिससे महंगाई बढ़ने का खतरा मड़रा रहा है. 
  • ट्रंप के सत्ता में आने के बाद कई देशों पर टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद शेयर बाजार का सेंटीमेंट बिगड़ा हुआ है. 
  • डॉलर मजूबत हो रहा है और भारतीय रुपया कमजोर हो रहा है, जिसका निगेटिव इम्‍पैक्‍ट भारतीय बाजार पर पड़ता हुआ दिखाई दिया है. 
  • अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक की ओर से रेट में कटौती ने भी भारतीय बाजार के लिए निगेटिव इम्‍पैट डाला है. जिससे निवेशक अमेरिकी बाजार की ओर आकर्षित हो रहे हैं. 
  • भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों द्वारा बड़ी संख्‍या में बिकवाली किया जाना, सबसे ज्‍यादा भारतीय बाजार के लिए निगेटिव रहा है. साल 2025 में अभी तक विदेशी निवेशकों ने 88139 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची है. 
  • भारतीय कंपनियों के नतीजे भी दिसंबर तिमाही के दौरान बहुत ज्‍यादा अच्‍छे नहीं रहे हैं, जिस कारण इन कंपनियों के शेयर टूटे और दबाव बढ़ा है. 
  • पिछले दिनों के दौरान हैवीवेट शेयरों जैसे RIL, Asian Paints, TCS और HDFC बैंक में गिरावट आई है. 

एक्‍सपर्ट्स का क्‍या है मानना? 
मेहता इक्विटीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत तापसे ने कहा कि आगे चलकर सरकार की ओर से खर्च कम किए जाने की संभावना और अब तक के निराशाजनक अर्निंग परफॉर्मेंस के कारण मूड पहले से ही निराशाजनक है, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता पैदा हो गई है और वे अपनी इक्विटी होल्डिंग्स को बेचने के लिए प्रेरित हुए हैं. 

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जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी मार्केट पॉलिसी और शुल्कों को लेकर जारी अनिश्चितता, घरेलू आर्थिक विकास की चिंताएं और FII की लगातार बिकवाली से बाजार की धारणा कमजोर हो रही है. 

रेलिगेयर सिक्योरिटीज के अजीत मिश्रा ने कहा कि टेक्निकल लेवल पर निफ्टी के 23,200 से नीचे गिरने से सुधार की संभावनाएं पटरी से उतर गई हैं और आगे 22,800 पर इसे सपोर्ट मिल सकता है. 

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