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रूस-भारत व्यापार में क्यों अड़ंगा डालता है अमेरिका? 'तेल के खेल' में आंकड़ों से खुली पोल

भारत एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है और रूस लंबे समय से भारत का प्रमुख साझेदार रहा है. यूक्रेन के साथ लड़ाई के बाद रूस को कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच रूस ने भारत को सस्ते में तेल खरीदने का ऑफर दिया है लेकिन अमेरिका के ये बात पसंद नहीं आई है.

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रूस और भारत के रिश्ते लंबे समय से मधुर रहे हैं.
रूस और भारत के रिश्ते लंबे समय से मधुर रहे हैं.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूस कई प्रतिबंधों का कर रहा है सामना
  • अमेरिका तेल का चौथा सबसे बड़ा सप्लायर है

रूस ने भारत को सस्ते दरों पर तेल खरीदने का ऑफर दिया है. इस ऑफर के बाद अमेरिका ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. हालांकि, एक नया डेटा सामने आया है. इससे साफ हो गया है कि अमेरिका क्यों रूस के साथ भारत के व्यापार में बार-बार अड़ंगा लगाते रहता है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने शनिवार को अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी कि अमेरिका से भारत का तेल इम्पोर्ट इस साल 11 फीसदी तक बढ़ जाएगा.

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तेल भंडार भरने की कोशिश में भारत

रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच भारत एनर्जी की सप्लाई सुनिश्चित करने में लगा है. इसकी वजह ये है कि युद्ध की वजह से पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में काफी उबाल देखने को मिला है और भारत मुख्य रूप से Fuel के इम्पोर्ट पर निर्भर है. तेल की कीमतों में उछाल की वजह से भारत में महंगाई और बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है, जो पहले ही आरबीआई के टार्गेट से बाहर निकल गई है. इससे इकोनॉमी की ग्रोथ पर असर देखने को मिल सकता है जो महामारी की वजह से पहले से Slowdown का सामना कर रही है. 

पश्चिमी देश कर रहे आलोचना

पश्चिमी देश मॉस्को के साथ लंबी अवधि के राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी रिश्ते के लिए भारत की आलोचना कर रहे हैं. कुछ देश रूस के साथ बिजनेस जारी रखने को युद्ध के लिए फंड मुहैया कराने के साधन के तौर पर देख रहे हैं. भारत ने यूक्रेन में हिंसा खत्म करने का आग्रह किया लेकिन रूस के खिलाफ स्पष्ट तौर पर कुछ कहने से परहेज किया. 

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अमेरिका से बढ़ेगा तेल का इम्पोर्ट

भारत पश्चिम एशियाई देशों से सबसे ज्यादा तेल खरीदता है लेकिन अमेरिका चौथा सबसे बड़ा सोर्स बनकर उभरा है और इस साल सप्लाई में काफी अधिक बढ़ोत्तरी हो सकती है. रॉयटर्स ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से एक रिपोर्ट में ये बात कही है. 

भारत को इराक सबसे ज्यादा 23 फीसदी ऑयल की सप्लाई करता है. इसके बाद सऊदी अरब (18%) और यूएई (11%) का स्थान आता है. 

भारत ने मॉस्को के ऑफर का किया स्वागत

भारत के कुल ऑयल इम्पोर्ट में रूस की दखल बहुत अधिक नहीं है. लेकिन युद्ध शुरू होने के बाद से रूस रियायती दरों पर तेल की पेशकश कर रहा है. इसके जरिए रूस की कोशिश अमेरिका और अन्य देशों द्वारा लागू किए गए प्रतिबंधों के असर को कम करना है.

भारत ने रियायती दरों पर तेल की बिक्री के मॉस्को के ऑफर का स्वागत किया है, क्योंकि ये ऑफर ऐसे समय में आया है जब तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. इस तरह कहा जा सकता है कि यही बात अमेरिका को अखर रही है.

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